Edited By ,Updated: 03 Sep, 2019 02:56 AM
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2015 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.46 लाख लोगों की मृत्यु और 3 लाख के लगभग लोग घायल हुए तथा विश्वभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से सर्वाधिक 10 प्रतिशत दुर्घटनाएं भारत में होने के...
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2015 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.46 लाख लोगों की मृत्यु और 3 लाख के लगभग लोग घायल हुए तथा विश्वभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से सर्वाधिक 10 प्रतिशत दुर्घटनाएं भारत में होने के कारण ही भारत को विश्व में ‘सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी’ कहा जाने लगा है।
सड़क दुर्घटनाओं के कारणों में वाहन चालकों में ड्राइविंग सैंस और ट्रैफिक संकेतों की जानकारी का अभाव, लापरवाही और चूक, ट्रैफिक नियमों की उपेक्षा, शराब पीकर और निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक रफ्तार से व मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाना, सड़कों के गड्ढïे, तकनीकी दृष्टिï से कंडम वाहनों का इस्तेमाल जारी रखना आदि मुख्य हैं। यही नहीं संभवत: हमारा देश विश्व के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहां शारीरिक स्वास्थ्य और शिक्षा की दृष्टिï से वाहन चलाने के अयोग्य लोगों को भी ड्राइविंग का लाइसैंस आसानी से मिल जाता है।
सड़क दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप भारी प्राण हानि और दुर्घटनाओं को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने कठोर जुर्मानों के प्रावधान वाला नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 बनाया है और विभिन्न ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि पहले से काफी बढ़ा दी गई है। अब शराब पी कर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 की बजाय 10,000 रुपए, बिना हैल्मेट दोपहिया वाहन चलाने पर जुर्माना 100-300 की बजाय 500 से 1500 रुपए करने के साथ ही 3 महीने के लिए लाइसैंस रद्द करने का प्रावधान भी रखा गया है।
वाहन का प्रदूषण क्लीयरैंस प्रमाण पत्र न होने पर जुर्माना 100 रुपए से बढ़ा कर 500 रुपए, बिना लाइसैंस वाहन चलाने पर 500 की बजाय 5000 रुपए, ओवर स्पीङ्क्षडग पर 400 की बजाय 1000 से 2000 रुपए, एमरजैंसी वाहनों को रास्ता नहीं देने पर 10,000 रुपए और वाहन चलाने के अयोग्य होने के बावजूद वाहन चलाने पर भी जुर्माना 10,000 रुपए कर दिया गया है। नाबालिग द्वारा अपराध करने पर उसके अभिभावकों को सजा होगी तथा वाहन की रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दी जाएगी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर अब 100 रुपए की बजाय 500 रुपए जुर्माना देना होगा। हालांकि सरकार ने उक्त नियम 1 सितम्बर से समूचे देश में लागू करने की घोषणा की है परंतु 5 राज्यों (भाजपा शासित हिमाचल, तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित पंजाब, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान) की सरकारों ने यह नियम लागू करने से मना कर दिया है।
जहां तक भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का संबंध है उसे देखते हुए लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए पाबंद करने के उद्देश्य से कठोर जुर्माने के प्रावधान को समाज का एक बड़ा वर्ग सही बता रहा है। परंतु दूसरे वर्ग का कहना है कि नए अधिनियम के अनुसार किए जाने वाले जुर्मानों की रकम अधिक है और इसी कारण भाजपा शासित हिमाचल के अलावा तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस शासित 5 राज्यों की सरकारों ने इन्हें लागू करने से मना किया है। इनका कहना है कि बेशक आज लोग कारें, स्कूटर, मोटरसाइकिल आदि खरीद रहे हैं परंतु अधिकांश लोग इन्हें एकमुश्त राशि देकर नहीं खरीदते बल्कि शुरू में थोड़ी सी राशि देकर बाकी रकम का लोन लेकर किस्तों पर खरीदते हैं तथा उन पर हर महीने किस्तों की अदायगी का बोझ होता है।
इसके साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले सड़कों में पड़े हुए गड्ढïे और अन्य खराबियां दूर की जाएं, तभी वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने का सरकार का मनोरथ पूरा हो सकेगा। लोगों का यह भी कहना है कि किसी को पहली बार अपराध करता पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि कम रखी जाए तथा उसके दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माना हर बार पहले से अधिक बढ़ा दिया जाए।—विजय कुमार