पंजाब सरकार ने बिजली दरें बढ़ाकर आम आदमी पर बोझ डाला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 01:07 AM

punjab government has burdened the common man by raising power tariff

पंजाब की कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार ने गुरदासपुर संसदीय चुनाव सम्पन्न होने के तुरंत बाद बिजली की दरों में वृद्धि कर दी है। पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग (पी.एस.ई.आर.सी.) ने 23 अक्तूबर को बिजली के घरेलू, कमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली...

पंजाब की कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार ने गुरदासपुर संसदीय चुनाव सम्पन्न होने के तुरंत बाद बिजली की दरों में वृद्धि कर दी है। पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग (पी.एस.ई.आर.सी.) ने 23 अक्तूबर को बिजली के घरेलू, कमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी तथा सभी स्लैब में ओवर आल 9.33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जबकि अधिकतम वृद्धि 12.20 प्रतिशत है। बढ़ी हुई दरें गत 1 अप्रैल से लागू मानी जाएंगी तथा अप्रैल से अक्तूबर तक के 7 महीनों का बकाया उपभोक्ताओं से 9 महीनों में वसूल किया जाएगा। 

कमिशन के अनुसार 2522.62 करोड़ रुपए का घाटा पूरा करने के लिए तीन साल बाद यह वृद्धि की गई है। अब इसके अनुसार पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं को 0.48 रुपए से 0.96 रुपए प्रति यूनिट, जबकि कमर्शियल उपभोक्ताओं को 0.70 रुपए से 0.85 रुपए प्रति यूनिट अधिक अदायगी करनी होगी। इस वृद्धि से पंजाब उत्तरी भारत में सर्वाधिक बिजली दरों वाला राज्य बन गया है। अब पंजाब में घरेलू बिजली दर 5.06 रुपए से 8.32 रुपए प्रति यूनिट के बीच होगी जिसमें 13 प्रतिशत इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी और 5 प्रतिशत इंफ्रास्ट्रक्चर सैस शामिल होगा जबकि हरियाणा में यह दर 2.70 रुपए से 7.10 रुपए के बीच है। इसी प्रकार कमर्शियल उपभोक्ताओं को 7.20 रुपए से लेकर 7.60 रुपए प्रति यूनिट देने होंगे जबकि हरियाणा में यह दर 6.20 रुपए है। 

हालांकि औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए यह दर 8.5 से 11.88 प्रतिशत तक बढ़ा कर (सभी सरचार्ज मिलाकर 6.23 रुपए से 7.50 रुपए प्रति यूनिट) कर दी गई है जो हरियाणा में 7.46 रुपए प्रति यूनिट है। परंतु कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि ‘‘औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली मात्र 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से दी जाएगी और बाकी अंतर राज्य सरकार उठाएगी।’’ ‘‘इससे 85,000 से अधिक छोटे औद्योगिक उपभोक्ताओं को लाभ  होगा जो 4.99 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से अदायगी करेंगे जबकि बड़े और दरम्याने औद्योगिक बिजली उपभोक्ता 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से अदायगी करेंगे।’’

नई दरों के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं को 7 से 12 प्रतिशत तक अधिक बिजली का बिल चुकाना होगा वहीं कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए 8.5 से 10.5 प्रतिशत तक बढ़ौतरी होगी। नई दरों के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं को 0-100 यूनिट तक 46 पैसे, 101-300 यूनिट तक 41 पैसे, 301-500 यूनिट तक 59 पैसे और 500 यूनिट से अधिक पर 80 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा चुकाने होंगे। उल्लेखनीय है कि कृषि एवं उद्योग तथा कुछ अन्य श्रेणियां तो सबसिडी से लाभान्वित होंगी परंतु घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं पर ही इसका बोझ पड़ेगा और ऐसा करके स्वयं को जनहितैषी बताने वाली कांग्रेस सरकार ने लोगों पर बोझ ही डाला है। 

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा ने बिजली दरों में लगभग 10 प्रतिशत वृद्धि की निंदा करते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। इस संबंध में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी बिजली दरों में वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि ‘‘कांग्रेस सरकार औद्योगिक क्षेत्र को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने सहित सभी वर्गों को सस्ती बिजली देने के वायदे कर रही थी परंतु इसने उलटा बिजली दरों में वृद्धि करके लोगों से एक बार फिर धोखा किया है।’’ एक ओर सरकार राज्य में बिजली सस्ती होने का ढिंढोरा पीट रही है तथा दूसरी ओर राज्य बिजली नियामक आयोग ने महंगाई के इस दौर में बिजली की दरों में 9.33 प्रतिशत वृद्धि करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। 

बिजली दरों में वृद्धि करके पूर्व शिअद-भाजपा सरकार से लेकर वर्तमान कैप्टन सरकार की ओर से राज्य में बिजली सरपल्स होने के दावों की हवा स्वयं पंजाब पावरकॉम ने निकाल दी है तथा बिजली की दरें बढ़ा कर पहले ही महंगाई की मार से त्रस्त आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।—विजय कुमार 

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