Edited By ,Updated: 24 Nov, 2020 03:53 AM
एक ओर देश में ‘कोरोना महामारी’ ने उत्पात मचा रखा है तो दूसरी ओर लोगों में ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों पर हमलों के बढ़ रहे रुझान के कारण देश का माहौल खराब हो रहा है जिसके मात्र 6 दिनों के बीच..
एक ओर देश में ‘कोरोना महामारी’ ने उत्पात मचा रखा है तो दूसरी ओर लोगों में ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों पर हमलों के बढ़ रहे रुझान के कारण देश का माहौल खराब हो रहा है जिसके मात्र 6 दिनों के बीच 7 उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
* 17 नवम्बर को अमृतसर के ‘मूलेचक’ गांव में जुआरियों को पकडऩे गई टीम पर आरोपियों ने हमला करके उन पर ईंट-पत्थर बरसाए जिससे एक इंस्पैक्टर के हाथ पर गहरी चोट आ गई और पुलिस पार्टी को वहां से भागना पड़ा।
* इसी दिन फिरोजपुर में ‘खाईवाला अड्डा’ के निकट होमगार्ड के एक जवान ने गलत दिशा से आ रहे 2 स्कूटरी सवार युवकों को रोका तो उन्होंने उसे थप्पड़ मारा और उसकी पगड़ी उतार दी।
* 19 नवम्बर को मध्य प्रदेश के भोपाल में ‘ईरानी डेरा के निकट’ चोरी के आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस पार्टी पर 12 महिलाओं एवं पुरुषों ने मिर्ची पाऊडर, लाठी, डंडों एवं पत्थरों से हमला कर दिया जिससे 2 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए तथा पुलिस पार्टी को अपने बचाव में हवाई फायर करने पड़े।
* 20 नवम्बर को नैनीताल के वन विभाग की टीम द्वारा ‘रैखोली’ गांव के जंगल में 3 लोगों को अवैध रूप से चीड़ का वृक्ष काटने से रोकने पर उन्होंने अधिकारियों पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया।
* 20 नवम्बर को ही उत्तर प्रदेश में ‘ललिया’ थाना क्षेत्र के ‘उपटहवा’ गांव में जमीनी विवाद पर हुए झगड़े की जांच करने पहुंची पुलिस टीम पर 3 महिलाओं सहित गांव के 9 लोगों ने हमला कर दिया।
* 22 नवम्बर को ही बॉलीवुड के ड्रग्स कनैक्शन की पड़ताल के सिलसिले में गोरेगांव में छापामारी करने गई नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) की 5 सदस्यीय टीम पर लगभग 60 लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया जिसके परिणामस्वरूप 2 अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 22 नवम्बर को दिल्ली के मोती नगर में ‘सिविल डिफैंस वालंटियर्स’ द्वारा बिना मास्क लगाए कार ड्राइव कर रहे दो युवकों को रोकने का प्रयत्न करने पर उन लोगों ने उनकी टीम के एक सदस्य पर कार चढ़ाने की कोशिश की जिससे उसे चोट भी आ गई। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क नहीं लगाने वालों को 2000 रुपए जुर्माना भी किया जा रहा है।
इससे पहले भी हाल ही के दिनों में ड्यूटी निभा रहे सरकारी कर्मचारियों पर हमलों की अनेक घटनाएं हो चुकी हैं। सरकारी कर्मचारियों चाहे वे किसी भी विभाग से सम्बन्ध रखते हों, पर हमले और उनको अपनी ड्यूटी निभाने से रोकने का प्रयास करना सरासर अनुचित और राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में रखने के योग्य है। अत: ऐसे मामलों में पूरी छानबीन के बाद दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करके उन्हें नौकरी से निकाल कर जेलों में बंद करने की अत्यधिक जरूरत है ताकि ऐसा करने वालों के साथ-साथ दूसरों को भी नसीहत मिले।—विजय कुमार