Edited By ,Updated: 01 Sep, 2020 02:35 AM
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा बुजुर्गों को है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य बीमारियां उनके शरीर को घेरने लगती हैं तथा रोगों से बचाव की शरीर की क्षमता भी युवाओं की तुलना में बहुत कम हो जाती...
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा बुजुर्गों को है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य बीमारियां उनके शरीर को घेरने लगती हैं तथा रोगों से बचाव की शरीर की क्षमता भी युवाओं की तुलना में बहुत कम हो जाती है। किसी बीमारी का इलाज करवा रहे बुजुर्गों के दूसरे लोगों की तुलना में जल्दी ‘कोरोना’ का शिकार होने की संभावना के चलते डाक्टरों ने बुजुर्गों के लिए एडवाइजरी जारी कर रखी है जिसके अनुसार उन्हें घर में रहने, घर आने वाले लोगों से मिलने से बचने और ज्यादा जरूरी होने पर ही सुरक्षित दूरी बनाए रखकर मिलने की सलाह दी गई है।
इसी संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को संक्रमण के प्रति संवेदनशील जनसंख्या पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी है। इनमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के अलावा आधे से अधिक (51 प्रतिशत) 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग शामिल हैं। अत: इस आयु वर्ग के लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। 27 अगस्त को अधिक मृत्यु दर वाले राज्यों के साथ पुनरीक्षण बैठक में मंत्रालय ने उन्हें संक्रमण के प्रति संवेदनशील जनसंख्या पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि ‘‘देश के कम से कम 10 राज्यों में पिछले कुछ समय के दौरान कोरोना संक्रमण से हुई मौतों में 90 प्रतिशत मौतें बुजुर्गों की हुई हैं।’’
अत: इससे बचाव के लिए आवश्यक है कि बुजुर्ग दूसरे लोगों से मिलने-जुलने से संकोच करें, यदि मिलना बहुत जरूरी हो तो मुलाकात का समय कम से कम हो और इसमें भी सुरक्षित दूरी बनाए रखें, लोगों को अपने निकट न बिठाएं और समय-समय पर अपने हाथों आदि को सैनीटाइज करते रहें क्योंकि सुरक्षा नियमों का पालन न करने की जिद उनको और उनके परिवार को बहुत महंगी पड़ सकती है।—विजय कुमार