सोशल मीडिया हो या भीड़ भरा बाजार महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं

Edited By Pardeep,Updated: 09 Jul, 2018 03:47 AM

social media or crowded market women are not safe anywhere

सोशल मीडिया पर विरोधी विचार प्रकट करने वालों को खुलेआम ट्रोल करने का रुझान तो अब आम हो चुका है, वह भी इतना अधिक कि अब तो गण्यमान्य लोगों को भी बख्शा नहीं जा रहा है। महिलाएं तो विशेष रूप से इसका निशाना बन रही हैं और भद्दे कमैंट्स से लेकर खुलेआम...

सोशल मीडिया पर विरोधी विचार प्रकट करने वालों को खुलेआम ट्रोल करने का रुझान तो अब आम हो चुका है, वह भी इतना अधिक कि अब तो गण्यमान्य लोगों को भी बख्शा नहीं जा रहा है। महिलाएं तो विशेष रूप से इसका निशाना बन रही हैं और भद्दे कमैंट्स से लेकर खुलेआम बलात्कार तक की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। हालिया उदाहरण लें तो कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ बेहद अभद्र टिप्पणियां की गई हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के कहने पर मुंबई पुलिस ने प्रियंका चतुर्वेदी को ट्विटर पर उनकी बेटी से बलात्कार करने की मिली धमकी के सिलसिले में मामला दर्ज करके दोषी को गिरफ्तार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने एक ट्विटर यूजर द्वारा उनकी 10 साल की बेटी से बलात्कार की धमकी देने के बाद मुंबई पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी। दूसरी ओर मुसलमान युवक से शादी करने वाली हिन्दू महिला के पासपोर्ट को लेकर हुए विवाद के सिलसिले में देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को खूब ट्रोल किया गया। मामला उस वक्त और आगे बढ़ गया जब उनके पति स्वराज कौशल ने एक ट्विटर यूजर का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया जिसमें उनसे कहा गया कि वह उनकी (सुषमा की) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं। 

ट्रोल करने वालों ने तो गुर्दे खराब होने पर उन्हें प्रत्यारोपित की गई किडनी तक को इस्लामिक करार देते हुए उनको भारतीय जनता पार्टी के उस गैंग की सदस्य बता दिया जिसने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का विरोध किया था। वैसे हर मामले में भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ जाती है परंतु सुषमा स्वराज के मामले में एक चुप्पी सी बनी हुई है। हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि इस मामले को देखा जाएगा मगर ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा। खैर, ट्रोल करने वाले कोई भी हों ट्रोङ्क्षलग के इन दो हालिया उदाहरणों से ङ्क्षचता पैदा होती है कि जब केन्द्रीय मंत्री तथा विरोधी दल की प्रवक्ता के साथ सोशल मीडिया पर ऐसा हो सकता है तो फिर देश की अन्य महिलाओं के लिए सोशल मीडिया कितना सुरक्षित है? 

देश में आम महिलाओं के साथ जो हो सकता है और जो हो रहा है उसका कुछ अंदाजा हाल की एक घटना से साफ लग रहा है कि अपराधियों में कानून-व्यवस्था का किंचित भी डर नहीं है और किस तरह वे अपनी वारदातों के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं। मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव के सहजनी गांव का है जहां एक विधवा महिला को बलात्कार के लिए घसीट कर ले जाने के वायरल वीडियो की खबरें न्यूज चैनलों पर दिखाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। पीड़ित महिला की पहचान होने के बाद उसने आरोपियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया। 

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीडियो में महिला को घसीट कर ले जाते चार युवकों तथा वीडियो बनाने वाले एक युवक की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इन पांचों आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया है। महिलाओं पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का दबाव दिखाते हुए अनेकों वीडियो रोजाना वायरल हो रहे हैं परंतु कार्रवाई के नाम पर बहुत कम किया जा रहा है। नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार हर 3 मिनट में भारत में किसी न किसी महिला के खिलाफ एक अपराध होता है। हर 29 मिनट में एक महिला से बलात्कार किया जाता है और 77 मिनट में दहेज की कुरीति के कारण मौत की खबर आती है। जहां 70 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हों, ऐसे में हम किस सभ्यता की बात करते हैं। 

स्पष्ट है कि चाहे सोशल मीडिया हो या भीड़ भरे बाजार अथवा घर, कहीं भी हमारे देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और वे सुरक्षित तभी हो सकती हैं जब हर मामले में त्वरित कार्रवाई तथा जल्द से जल्द न्याय देते हुए दोषी को सख्त से सख्त सजा का प्रावधान हो ताकि अपराध करने वालों के मन में कानून-व्यवस्था का कुछ तो डर पैदा किया जा सके।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!