आपस में ‘लड़-झगड़’ रहे कांग्रेस नेता ‘कमरतोड़ पराजय’ से कुछ सबक तो लें

Edited By ,Updated: 07 Jun, 2019 03:41 AM

take some lessons from defeating congress leader

चुनावों में भारी पराजय के बाद कांग्रेस में घोर निराशा और हताशा व्याप्त होने के साथ ही इसकी विभिन्न राज्य इकाइयों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक आदि में फूट पड़ गई है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ को आंतरिक कलह का...

चुनावों में भारी पराजय के बाद कांग्रेस में घोर निराशा और हताशा व्याप्त होने के साथ ही इसकी विभिन्न राज्य इकाइयों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक आदि में फूट पड़ गई है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ को आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है तथा महाराष्ट्र में आर.विखे पाटिल द्वारा पार्टी छोडऩे व कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा भी शीघ्र पाला बदलने की चर्चा सुनाई दे रही है।

कर्नाटक में भी वरिष्ठï कांग्रेसी नेताओं रोशन बेग तथा रामलिंगा रेड्डी ने खुले तौर पर राज्य मंत्रिमंडल में बाहरी लोगों को जगह देने की खातिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। 25 मई को अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की पेशकश के बाद से अब तक राहुल गांधी पार्टी नेताओं से मिले नहीं हैं और किसी को यह अंदाजा नहीं है कि पार्टी में नए प्राण फूंकने के लिए वह इसमें कौन से बदलाव करेंगे। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच आरोप-प्रत्यारोप से टकराव की स्थिति बनी हुई है तथा 6 जून को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उनको शहरी विकास मंत्रालय से बदलकर ऊर्जा मंत्री पद दे दिया है। 

हरियाणा में हार के कारणों पर मंथन करने के लिए नई दिल्ली में पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद द्वारा बुलाई गई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के बीच भारी गर्मागर्मी हुई तथा अधिकांश नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व बदलने की मांग रखी। विधायक रघुवीर कादयान ने कहा कि जब तक हुड्डïा परिवार को पार्टी की कमान नहीं मिलेगी ऐसे ही नतीजे आएंगे। नेताओं का विरोध देख कर तंवर बिफर उठे और एक चरण पर तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि सब मुझे गोली मार दो। मैं बिल्कुल अकेला हूं। बैठक में आजाद ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो दिसम्बर में जिंदा रहेगा उसी से बात करेंगे।

राजस्थान में भी सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार को लेकर मुुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों में तलवारें खिंची हुई हैं। जहां गहलोत ने इस हार के लिए पायलट पर ठीकरा फोड़ा है वहीं पायलट समर्थकों का कहना है कि हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है। इसके साथ ही विधायक पृथ्वीराज मीणा तथा अन्य ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी कर दी है। कुल मिलाकर इस समय कांग्रेस में उथल-पुथल जैसी स्थिति बनी हुई है। यदि कांग्रेस नेताओं ने चुनावों में पराजय से सबक न लेकर इसी प्रकार लडऩा-झगडऩा जारी रखा तो आने वाले चुनावों में पार्टी को और आघात सहने के लिए तैयार रहना होगा।—विजय कुमार  

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