Edited By Pardeep,Updated: 07 Jul, 2018 03:49 AM
समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होने के कारण इसे अत्यंत जिम्मेदार विभाग माना जाता है। अधिकांश पुलिस कर्मचारियों की नेकनीयती और सदाशयता पर कोई संदेह भी नहीं किया जा सकता परंतु पुलिस विभाग में घुस आई चंद ‘काली भेड़ें’...
समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होने के कारण इसे अत्यंत जिम्मेदार विभाग माना जाता है। अधिकांश पुलिस कर्मचारियों की नेकनीयती और सदाशयता पर कोई संदेह भी नहीं किया जा सकता परंतु पुलिस विभाग में घुस आई चंद ‘काली भेड़ें’ अपने अमानवीय एवं शर्मनाक कृत्यों से समूचे विभाग की बदनामी का कारण बन रही हैं जिनकी करतूतों के मात्र 18 दिनों के चंद नमूने निम्र में दर्ज हैं :
18 जून को गोवा के ‘पोंडा’ में एक पुलिस कांस्टेबल सिद्धार्थ गोसावी को एक युवती से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 26 जून को नशा पकडऩे के लिए बनाई गई स्पैशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) के एक जवान रमनदीप सिंह को बठिंडा के निकट रामां पुलिस ने नशे की हालत में पकड़ा जो टल्ली होने केकारण भाग नहीं सका। 26 जून को पटना में सब्जी मुफ्त न देने पर 14 साल के किशोर को झूठे मामले में फंसा कर जेल में डालने पर 12 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया।
28 जून को एक युवती को नशे की लत लगा कर रेप करने के आरोप में पंजाब पुलिस ने फिरोजपुर के डी.एस.पी. दलजीत सिंह ढिल्लों को निलंबित करके उसके विरुद्ध आरोपों की जांच का आदेश दिया। 03 जुलाई को हरियाणा के कैथल में एक सब-इंस्पैक्टर को ड्यूटी के दौरान नशे में पाए जाने पर निलंबित किया गया। 03 जुलाई को सीमा पार पाकिस्तान से रमदास सैक्टर में आई 74 करोड़ रुपए की 14.8 किलो हैरोइन के साथ भारतीय सेना के पूर्व सिपाही तरविंद्र सिंह तथा उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया गया। 03 जुलाई को जालंधर में पंजाब पुलिस के एक कांस्टेबल के विरुद्ध एक कालेज छात्रा को तंग करने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
03 जुलाई को एस.पी. होशियारपुर प्रवीण कंडा के नेतृत्व में गठित एक टीम ने जालंधर में थाना 3 के ए.एस.आई. मनफूल सिंह को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 04 जुलाई को बठिंडा जिला पुलिस ने एक एस.एच.ओ. बिक्कर सिंह और उसके मुंशी जसपाल सिंह के विरुद्ध 50,000 रुपए रिश्वत के बदले में एक नशा तस्करी केस के अभियुक्त को छोडऩे के आरोप में केस दर्ज किया। 04 जुलाई को गुरदासपुर जिला पुलिस अधीक्षक ने नशा तस्करों की मदद करने तथा जानकारी होने के बावजूद उन पर कार्रवाई न करने वाले एक इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारी को समय से पहले रिटायर तथा एक सिपाही को नौकरी से डिसमिस कर दिया। 04 जुलाई को गुरदासपुर के अधीन दोरांगला पुलिस ने पुलिस कर्मचारी भूपिंद्र कौर के बेटे को नशीले पदार्थ सहित गिरफ्तार किया।
04 जुलाई को संगरूर जिला पुलिस ने एक हैड कांस्टेबल बहादर सिंह को चट्ठा सेखवां गांव में पुलिस वर्दी में नशे की हालत में पड़े होने का वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया। 04 जुलाई को विजीलैंस ब्यूरो ने बठिंड़ा जिले में दयालपुरा पुलिस स्टेशन में तैनात हैड कांस्टेबल गुरपाल सिंह को एक व्यक्ति से 5,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा। 05 जुलाई को मारपीट के एक मामले में कार्रवाई करने के बदले में शिकायतकत्र्ता से 8,000 रुपए रिश्वत ले रहे बङ्क्षठडा के निकट रामां में तैनात ए.एस.आई. गुरदेव सिंह को विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया। 05 जुलाई को हरियाणा पुलिस ने पलवल में 4 ट्रैफिक कांस्टेबलों दीनदयाल, रणबीर, नवल कुमार और मोहम्मद रशीद के विरुद्ध वाहन चालकों से फर्जी रसीदों पर भारी जुर्माना वसूलने तथा रकम स्वयं हड़प जाने के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज करके उन्हें निलंबित कर दिया।
ये तो पुलिस विभाग में बैठी चंद काली भेड़ों की करतूतों के नमूने मात्र हैं, इनके अलावा भी पुलिस अनियमितताओं की न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। जहां तक नशों में पुलिस कर्मचारियों की संलिप्तता का संबंध है एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 से अब तक मात्र पंजाब पुलिस के ही 100 से अधिक अधिकारी/ कर्मचारी नशीले पदार्थों की तस्करी या इसके अवैध व्यापार में सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। कानून के रखवाले माने जाने वाले पुलिस कर्मियों का इस प्रकार का आचरण निश्चय ही निंदनीय है जिसके लिए उन्हें कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि दूसरों को नसीहत मिले और कोई भी निर्दोष उनके अन्याय का शिकार न होने पाए।—विजय कुमार