Edited By ,Updated: 14 Jul, 2019 01:45 AM
एक ओर देश में आर्थिक तंगी के कारण किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी ओर विभिन्न कारणों से लोगों में बढ़ रही हताशा और निराशा के कारण आत्महत्या करने की कुप्रवृत्ति बड़ी तेजी से बढऩे से बड़ी संख्या में परिवार उजड़ रहे हैं। यहां...
एक ओर देश में आर्थिक तंगी के कारण किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी ओर विभिन्न कारणों से लोगों में बढ़ रही हताशा और निराशा के कारण आत्महत्या करने की कुप्रवृत्ति बड़ी तेजी से बढऩे से बड़ी संख्या में परिवार उजड़ रहे हैं। यहां प्रस्तुत हैं मात्र 11 दिनों की कुछ हृदयविदारक घटनाएं :
02 जुलाई को असंध के ‘फफड़ाना’ में लम्बी बीमारी से परेशान महिला और उसके पति ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। 02 जुलाई को गुरदासपुर में प्रेमिका के विश्वासघात से दुखी युवक ने ट्रेन के नीचे कट कर आत्महत्या कर ली। 02 जुलाई को ही पानीपत के चंदौली गांव में 11वीं कक्षा के एक छात्र-छात्रा ने अपने-अपने घरों में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
03 जुलाई को लुधियाना की बस्ती जोधेवाल में मामूली सी बात पर पति से कहा-सुनी के बाद नव-विवाहिता ने फंदा लगा लिया। 03 जुलाई को घरेलू कलह के चलते नारायणगढ़ में एक नव दम्पति ने अस्पताल के बाहर जहरीला पदार्थ निगल लिया। 04 जुलाई को रामामंडी के नजदीकी गांव सेखू में बेटी की शादी को लेकर चिंतित और कर्ज से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली। 05 जुलाई को घरेलू परेशानी के चलते जालंधर के एक कोल्ड स्टोरेज में काम करने वाले एक व्यक्ति ने जहर खाकर जीवनलीला समाप्त कर ली।
05 जुलाई को जालंधर में 23 वर्षीय युवक ने अपने आप्रेशन के लिए लोगों से उधार लिए हुए पैसे लौटाने में असमर्थ रहने पर आत्महत्या कर ली। 05 जुलाई को पानीपत में प्राइवेट फाइनैंसरों के 25000 रुपए के कर्ज तले दबे 17 वर्षीय युवक ने पंखे से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। 05 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर में अपने पति की मृत्यु के बाद गरीबी और भूख से तंग महिला ने अपने 2 बच्चों के साथ नहर में छलांग लगा दी जिससे महिला तथा उसकी बच्चीकी मृत्यु हो गई। 07 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के महोखर गांव में अपनी बेटी की मैडीकल प्रवेश परीक्षा के लिए फीस न जुटा पाने से निराश होकर एक किसान ने शरीर पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्मदाह कर लिया।
07 जुलाई को अपनी पत्नी के आचरण से तंग एक व्यक्ति ने अपने दो बच्चों के साथ हनुमानगढ़ में नहर में छलांग लगा दी। 08 जुलाई को जम्मू के मीरां साहिब इलाके में एक शिविर में सेना के जवान ने अपनी सॢवस राइफल से खुद को गोली मार ली। 09 जुलाई को बठिंडा के गांव कोटशमीर निवासी एक व्यक्ति ने पत्नी के अवैध संबंधों से तंग आकर ससुराल जाकर जहर निगल लिया। 09 जुलाई को जालंधर छावनी के पी.ए.पी. काम्पलैक्स में तैनात एक महिला ए.एस.आई. के पति ने पंखे से फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।
09 जुलाई को बंगा के घुम्मण गांव में अपने मवेशियों की मृत्यु से दुखी और कर्ज तले दबे किसान ने आत्महत्या कर ली। 11 जुलाई को एक युवती ने श्रीकीरतपुर साहिब के गांव बड़ा पिंड के निकट नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण कालेज से बिना गलती निकाला जाना बताया।11 जुलाई को विदेश जाने के इच्छुक युवक ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके माता-पिता के पास उसे विदेश भेजने के लिए पैसे नहीं थे। 11 जुलाई को कादियां में 8 मास पूर्व विवाहित युवती ने आत्महत्या कर ली जिसका पति गुजरात में ड्राइवरी करता है।
12 जुलाई को अलीगढ़ में एक नवविवाहिता ने अपने घर में आयोजित समारोह में पहनने के लिए पति द्वारा नई साड़ी न दिलवाने पर फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। 12 जुलाई को कपूरथला के गांव शाहजहांपुर में अपनी नवविवाहिता पत्नी की नेत्र ज्योति कम होने और मानसिक संतुलन ठीक न होने का भेद खुलने पर 2 मास पूर्व विवाहित युवक ने आत्महत्या कर ली। उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि बीमारी, प्रेम प्रसंगों में असफलता, आर्थिक तंगी, कर्ज, घरेलू कलह आदि आत्महत्या के कारण बन रहे हैं। यह इस बात का भी प्रमाण है कि लोगों में निराशा और हताशा अत्यधिक बढ़ रही है। इस पर रोक लगाने के लिए लोगों में संयम, सहनशीलता तथा किसी भी कारण से अवसाद के शिकार महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की योग्य मनोचिकित्सकों से काऊंसङ्क्षलग करवाने के साथ-साथ पारिवारिक विवाद आपस में मिल-बैठ कर सुलझाने की जरूरत है।—विजय कुमार