Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 01:31 AM
कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार या अवैध
कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार या अवैध सम्पत्ति जमा करने के समाचार न आते हों। देश में दशकों से बढ़ रहे भ्रष्टाचार का ही परिणाम है कि भारत एशिया के सर्वाधिक भ्रष्ट देशों में टॉप पर पहुंच गया है। 6 सरकारी विभागों के सर्वेक्षण के बाद ‘फोब्र्स’ की ओर से शेयर की गई सूची में भारत प्रथम स्थान पर है। इससे स्पष्ट है कि भारत में भ्रष्टाचार रूपी विष बेल पहले की भांति ही फल-फूल रही है जिसके मात्र पिछले 15 दिनों के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं:
26 अगस्त को कस्बा काहनूवान में एक किसान से 3000 रुपए रिश्वत लेते हुए पटवारी गुरदीप सिंह पकड़ा गया। 27 अगस्त को हरिद्वार के होटल में छापेमारी के दौरान पकड़े गए सैक्स रैकट में बड़ी कार्रवाई करते हुए एस.एस.पी. ‘कृष्ण कुमार वी.के.’ ने 3 प्रेमी युगलों से 40,000 रुपए रिश्वत लेकर उन्हें छोडऩे के आरोप में 2 पुलिस कर्मचारियों को निलम्बित किया। 29 अगस्त को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में लोकायुक्त पुलिस ने एक रोजगार सहायक ‘राजेश धाकड़’ को कुटीर आवास की किस्त जारी करने के बदले में शिकायतकत्र्ता से 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
29 अगस्त को ही एस.बी.एस. नगर एस.डी.एम. कार्यालय में तैनात अतिरिक्त सब-डिवीजनल सहायक सुखविंद्र सिंह व नंबरदार शिंगारा राम को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने 1 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। 29 अगस्त को राजस्थान में नागौर ए.सी.बी. ने ‘नगर परिषद, मकराना’ के जे.ई.एन. दीपक तथा दलाल गिरधारी सिंह को एक ठेकेदार के 4 लाख रुपए के बिल पास करने के बदले 20,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा। 30 अगस्त को विजीलैंस ब्यूरो लुधियाना रेंज ने बलदेव कृष्ण नामक एक पटवारी को 2000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया।
30 अगस्त को ही राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पुणे के ‘सुस’ गांव के राजस्व अधिकारी को एक प्रापर्टी डिवैल्पर से जायदाद संबंधी एक इंदराज करने के बदले में 4.5 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया। 04 सितम्बर को विजीलैंस ब्यूरो फतेहगढ़ साहिब की टीम ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सहायक खाद्य सप्लाई अधिकारी खमाणों बलराज सिंह तथा इंस्पैक्टर मुकेश कुमार शुक्ला को 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 07 सितम्बर को बठिंडा में सतर्कता ब्यूरो ने होमगार्ड बटालियन के एक कमांडैंट केवल कृष्ण को पंजाब होमगार्ड्स के एक वालंटियर प्रितपाल सिंह से 40,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
07 सितम्बर को ही सतर्कता ब्यूरो ने कुल्लू प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक एस.डी.ओ. चंदन सिंह को शिकायतकत्र्ता के होटल के लिए प्रमाणपत्र देने के बदले में एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया। 07 सितम्बर को सतर्कता ब्यूरो ने बी.डी.पी.ओ. बंगा रमेश कुमार को शिकायतकर्ता से 40,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार करके उससे रिश्वत की रकम बरामद कर ली। 08 सितम्बर को सतर्कता ब्यूरो ने संगरूर के बहादुरपुर गांव में बी.डी.पी.ओ. कार्यालय में तैनात एक पंचायत सचिव अशोक कुमार को शिकायतकत्र्ता से 70,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
08 सितम्बर को ही राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर विकास प्राधिकरण में तैनात कर्मचारी मुकेश मीणा के आवास पर छापा मार कर करोड़ों रुपए की सम्पत्ति के दस्तावेज जब्त किए हैं। विभिन्न स्थानों पर आवासीय एवं कृषि भूमि के अलावा कई बैंकों में खातों के दस्तावेज जब्त करने के बाद ब्यूरो ने उसके विरुद्ध आय के ज्ञात स्रोत से अधिक सम्पत्ति बनाने का केस दर्ज किया। विजीलैंस ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार अकेले अगस्त मास में ही ब्यूरो ने पंजाब में राजस्व विभाग के 5, पुलिस विभाग के 4 तथा अन्य विभागों के 3 कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप में 11 शिकायतें जांच के लिए दर्ज कीं।
यह विडम्बना ही है कि स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी देश भ्रष्टाचार की लानत से मुक्त नहीं हुआ है और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के मोदी सरकार के वादे अभी तक पूरे नहीं हुए। लिहाजा सरकार को भ्रष्टाचार निवारण के लिए तत्काल प्रभावशाली तथा कठोर पग उठाने की आवश्यकता है ताकि देश इस लानत से मुक्त हो सके।—विजय कुमार