Edited By ,Updated: 10 Oct, 2019 12:38 AM
‘खाप’ एक जनतांत्रिक, सामाजिक प्रशासन प्रणाली है जो प्राचीनकाल से देश के अनेक राज्यों में प्रचलित है। ये ‘खापें’ अदालतों से बाहर आपस में मिल-बैठ कर झगड़े निपटाती हैं। हालांकि अतीत में खापों द्वारा लिए गए कुछ ‘कठोर’ निर्णयों के लिए इनकी आलोचना भी होती...
‘खाप’ एक जनतांत्रिक, सामाजिक प्रशासन प्रणाली है जो प्राचीनकाल से देश के अनेक राज्यों में प्रचलित है। ये ‘खापें’ अदालतों से बाहर आपस में मिल-बैठ कर झगड़े निपटाती हैं। हालांकि अतीत में खापों द्वारा लिए गए कुछ ‘कठोर’ निर्णयों के लिए इनकी आलोचना भी होती रही है परंतु अब पिछले कुछ समय से विभिन्न खापें सकारात्मक निर्णय लेकर न सिर्फ प्रशंसा की पात्र बन रही हैं बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियां दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रही हैं।
उदाहरणस्वरूप हरियाणा तथा कुछ अन्य राज्यों में खापों ने झूठी शान के लिए की जाने वाली हत्याओं (ऑनर किलिंग) के विरुद्ध आवाज उठाने के साथ ही अंतर्जातीय विवाहों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं। काजला खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजमल काजला की अध्यक्षता में हिसार में 15 सितम्बर को उक्त खाप की बैठक हुई जिसमें खाप के राष्ट्रीय संरक्षक धर्मवीर काजला भी उपस्थित थे। खाप ने सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में गोहाना उपमंडल में कुछ समय पूर्व घटित ऑनर किलिंग की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए लोगों से अपील की‘‘तार-तार हो रहे पारिवारिक रिश्ते ऑनर किलिंग से नहीं बल्कि बच्चों को अच्छे संस्कार देने से ही बच पाएंगे।’’
बैठक में पारित एक अन्य प्रस्ताव में अंतर्जातीय विवाहों का समर्थन किया गया और कहा ‘‘अंतर्जातीय विवाहों से विभिन्न जातियों के बीच संबंध मजबूत होते हैं तथा समाज में जात-पात के भेदभाव को समाप्त किया जा सकता है। इसलिए खाप अंतर्जातीय विवाहों का समर्थन करती है।’’
बैठक में घूंघट प्रथा को समाज के लिए अनावश्यक मानते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया। आज जबकि समूचा विश्व एक ‘ग्लोबल विलेज’ में बदलता जा रहा है, दूरियां सिमट रही हैं और शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ अंतर्जातीय विवाहों का रुझान बढ़ रहा है। इस लिहाज से काजला खाप द्वारा अंतर्जातीय विवाहों के समर्थन का निर्णय सही है जिसे अन्य सामुदायिक संस्थाओं को भी बढ़ावा देना चाहिए जिससे देश में एकता के बंधन मजबूत हों। —विजय कुमार