संतानों द्वारा उपेक्षित और अपमानित 4 बुजुर्गों की दुखद गाथा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 11:57 PM

the sad legend of 4 elderly people neglected and humiliated by children

प्राचीन काल में माता-पिता के एक ही आदेश पर संतानें सब कुछ करने को तैयार रहती थीं परंतु आज अपनी गृहस्थी बन जाने के बाद कलियुगी संतानें अपने माता-पिता की ओर से आंखें फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह...

प्राचीन काल में माता-पिता के एक ही आदेश पर संतानें सब कुछ करने को तैयार रहती थीं परंतु आज अपनी गृहस्थी बन जाने के बाद कलियुगी संतानें अपने माता-पिता की ओर से आंखें फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

-आगरा की रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे के विरुद्ध सम्पत्ति को लेकर उसके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला का बेटा एक भूतपूर्व उच्चाधिकारी तथा सुप्रीमकोर्ट का वकील है। महिला का आरोप है कि अपने नाम पर प्रापर्टी करवाने के लिए उसे विवश करने के उद्देश्य से उसके बड़े बेटे तथा उसकी पत्नी ने उसे जूतों से पीटा और गालियां निकालीं। 

-9 अक्तूबर को दिल्ली में भजनपुरा के गांवड़ी एक्सटैंशन में रहने वाले एक बुजुर्ग ने अपने 2 बेटों और एक बहू के विरुद्ध केस दर्ज करवाया जिसके बाद पुलिस ने बुजुर्ग की मैडीकल रिपोर्ट और बयान के आधार पर उसके 2 बेटों और बहू के विरुद्ध धमकी देने, मारपीट करने और अपराधपूर्ण नीयत से उसका रास्ता रोकने का केस दर्ज किया है। बाजार में पटरी लगाकर सामान बेचने वाले बुजुर्ग का कहना है कि घटना वाले दिन उसके परिवार के सदस्यों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया जिसका पता उसे रात लगभग 12 बजे घर पहुंचने पर लगा। बुजुर्ग का कहना है कि जब वह अपने बेटों के पास झगड़े के संबंध में बात करने गया तो दोनों बेटों तथा एक बेटे की पत्नी ने मिल कर उसके साथ गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं जब वह सीढिय़ों से नीचे उतरने लगा तो बेटों और बहू ने उसके साथ मारपीट की और सीढिय़ों से धक्का दे दिया जिससे उसे काफी चोटें आईं। इतना करके भी बेटों और बहू का दिल नहीं भरा और उन्होंने अपने पिता को जान से मारने की धमकी तक दे डाली। 

-मां-बाप तो चार-चार बच्चों को पाल लेते हैं परंतु वही चार बच्चे मिल कर एक मां-बाप को नहीं पाल पाते। यह कहावत 1 अक्तूबर को वरिष्ठï नागरिक दिवस के मौके पर लखनऊ में चरितार्थ हुई जब 4 बेटों की मां विद्या श्रीवास्तव अलीगंज के सैक्टर ‘एम’ में पार्क के निकट लोगों को सड़क के किनारे धूप में बैठी मिली। लगभग 3 घंटे से चिलचिलाती धूप में बैठी वृद्धा से जब इसका कारण पूछा गया तो उसकी आंखें भर आईं। उसने भरे गले से अपने चारों बेटों की करतूत बताई। इस पर लोगों ने 100 नम्बर पर डायल करके पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बेटों को बुलाया और मां का ध्यान रखने की नसीहत दी तब कहीं जाकर बुजुर्ग महिला को छोटे बेटे का सहारा मिला। 

-ऐसी ही एक मिसाल 13 अक्तूबर को पंजाब के मोहाली में देखने को मिली जब पुलिस ने विभिन्न गुरुद्वारा साहिबान में रह कर जीवन व्यतीत कर रही बुजुर्ग मां को न संभालने वाले उसके एस.डी.ओ. पुत्र को गिरफ्तार किया। पंजाब सचिवालय से रिटायर्ड महिला की मोहाली में काफी सम्पत्ति है। उसके 2 बेटे हैं जिनमें से एक बेटा परिवार सहित बठिंडा में रहता है तथा सरकारी विभाग में एस.डी.ओ. के पद पर तैनात है। महिला के पति की मौत के बाद दोनों पुत्रों ने उसकी देखभाल नहीं की और वह कई वर्षों से विभिन्न गुरुद्वारा साहिबान में रह कर जीवन बिता रही है। कुछ दिन पूर्व एक जज की नजर इस बुजुर्ग महिला पर पड़ी तो उन्होंने पूरे मामले का पता लगाया और महिला के दोनों पुत्रों के विरुद्ध पुलिस केस दर्ज करवाया तो 13 अक्तूबर को पुलिस चौकी फेज 6 की पुलिस ने बुजुर्ग महिला के पुत्र को गिरफ्तार कर लिया परंतु अपराध जमानत योग्य होने के चलते उसे जमानत मिल गई। अब जज ने बुजुर्ग महिला की सारी प्रापर्टी को बेचने पर रोक लगा दी है ताकि उसके पुत्र प्रापर्टी न बेच सकें। 

सब कुछ होते हुए भी अपनी ही संतान द्वारा उपेक्षित समाज में आज न जाने कितने बुजुर्ग इसी प्रकार अपमानजनक जीवन गुजार रहे हैं। इसीलिए हम अपने लेखों में बार-बार लिखते रहते हैं कि माता-पिता अपनी सम्पत्ति की वसीयत तो बच्चों के नाम अवश्य कर दें परंतु उसे ट्रांसफर न करें ऐसा करके वे अपने जीवन की संध्या में आने वाली अनेक परेशानियों से बच सकते हैं।—विजय कुमार 

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