इस बार का स्वतंत्रता दिवस समारोह चंद ‘सही’ और ‘गलत’ बातें

Edited By ,Updated: 17 Aug, 2021 04:48 AM

this time the independence day celebrations are a few  right  and  wrong  things

पिछले वर्ष कोरोना तथा इस वर्ष राष्ट्र व्यापी सुरक्षा अलर्ट के चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह देश भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मनाया गया। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर हजारों सुरक्षा कर्मी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किए गए और लाल किले के ऊपर अभेद्य...

पिछले वर्ष कोरोना तथा इस वर्ष राष्ट्र व्यापी सुरक्षा अलर्ट के चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह देश भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मनाया गया। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर हजारों सुरक्षा कर्मी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किए गए और लाल किले के ऊपर अभेद्य सुरक्षा घेरा बनाया गया। जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक की शुरूआत में आतंकवादी हिंसा शुरू होने के बाद यह पहला मौका था जब इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी अलगाववादी संगठन ने विरोध स्वरूप बंद या ब्लैक आऊट का आह्वान नहीं किया, न ही घाटी में कफ्र्यू लगाया गया और न ही इंटरनैट बंद किया गया। 

समूची घाटी में सरकारी और निजी कार्यालयों, अस्पतालों, अदालत परिसरों में ध्वजारोहण तथा अन्य समारोह शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए। जम्मू-कश्मीर के 23,000 स्कूलों में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। घाटी में इस बार ध्वजारोहण के प्रति इतना उत्साह था कि बाजार में राष्ट्रीय ध्वजों की कमी हो जाने के कारण इन्हें प्राप्त करने के लिए लोगों की श्रीनगर स्थित भाजपा कार्यालय के आगे लम्बी कतार लग गई। 8 जुलाई, 2016 को सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में मारे गए ‘हिजबुल मुजाहिदीन’ के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी, जो एक हैडमास्टर हैं, ने सरकार के आदेशों का पालन करते हुए आतंकवादियों के गढ़ त्राल में स्थित गवर्नमैंट गल्र्स हायर सैकेंडरी स्कूल में तिरंगा फहराया। असम में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह पर ‘यूनाइटिड लिब्रेशन फ्रंट आफ असम इंडिपैंडैंट (उल्फा-आई)’ सहित किसी भी प्रतिबंधित संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, ‘‘1979 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है।’’ 

इसी प्रकार बुरी तरह बाढग़्रस्त बिहार के मुंगेर जिले में हेमजापुर पंचायत क्षेत्र में स्थित सरकारी सुंदरपुर हाई स्कूल परिसर में अध्यापकों तथा छात्रों ने कमर तक पानी में खड़े हो कर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुंगेर में ही जमालपुर के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाल कर देश की रक्षा करने और देश से हर प्रकार की असमानता तथा जात-पात समाप्त करने का संकल्प लिया। इसी स्वतंत्रता दिवस पर कुछ हास्यास्पद घटनाएं भी हुईं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के ध्वजारोहण समारोह में समाजवादी पार्टी के सांसद डाक्टर एस.टी. हसन ध्वजारोहण करने के बाद राष्ट्र गान गान ही भूल गए और दूसरी पंक्ति पर ही अटक कर धीरे-धीरे ‘जय है जय है जय है’ बोलना शुरू कर दिया। यह देख कर दूसरे लोग भी ऐसा ही करने लगे और अपनी भूल का पता चलने पर वह झेंप कर वहां से चले गए। 

बिहार में कटिहार के गांव कुरेठा के पंचायत भवन में ध्वजारोहण के बाद जब उपस्थित लोगों को जलेबियां बांटीं जा रही थीं कि तभी दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट शुरू हो गई। इसी दौरान एक पक्ष के सदस्यों ने गोली भी चला दी जिससे शांति भंग होने का खतरा पैदा हो गया तथा वहां पुलिस को बुलाना पड़ा। एक अन्य घटना में झारखंड के दरभंगा में चिरकुंडा शहीद चौक पर तिरंगे को सलामी देते समय कांग्रेस नेता अनवर हुसैन की अचानक हार्ट अटैक आने से जमीन पर गिर कर उसी समय मौत हो गई। वह प्रतिवर्ष इसी चौक पर ध्वजारोहण किया करते थे परंतु इस बार का ध्वजारोहण उनका अंतिम ध्वजारोहण सिद्ध हुआ। एक दुखद घटना मध्य प्रदेश में हुई जहां ग्वालियर नगर निगम के तीन कर्मचारियों की ध्वजारोहण के लिए हाइड्रोलिक क्रेन का इस्तेमाल करते समय संतुलन बिगड़ जाने के कारण नीचे गिर कर मृत्यु हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। 

बहरहाल, जहां जम्मू-कश्मीर व असम में सक्रिय अलगाववादी संगठनों द्वारा इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोहों पर उत्पात न करना एक अच्छा संकेत है वहीं कुछ आतंकी संगठनों द्वारा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के शीर्ष नेताओं को तिरंगा न फहराने देने की धमकियां देने से स्पष्टï है कि देश को इस तरह की शक्तियों से सावधान रहने की जरूरत है। स्वतंत्रता दिवस पर शांति बनाए रखने के लिए हमारे सुरक्षा बल तो बधाई के पात्र हैं ही, यह इस बात का भी संकेत है कि देश बदल रहा है।—विजय कुमार 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!