बच्चियों और महिलाओं के विरुद्ध बलात्कार जैसे अपराधों की सुनामी

Edited By ,Updated: 24 Apr, 2022 04:18 AM

tsunami of crimes like rape against girls and women

दिल्ली के निर्भया कांड के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने के बाद इस मामले में निर्भया फंड बनाने के अलावा कानून भी बना था परंतु प्रभावशाली ढंग से लागू न किए जाने

दिल्ली के निर्भया कांड के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने के बाद इस मामले में निर्भया फंड बनाने के अलावा कानून भी बना था परंतु प्रभावशाली ढंग से लागू न किए जाने से इसका कोई लभ सामने नहीं आया। 

इस समय देश में जितनी तेजी से बच्चियों और महिलाओं के विरुद्ध अपराध बढ़ रहे हैं, उन्हें देखते हुए तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे देश में इनके विरुद्ध अपराधों की बाढ़ नहीं बल्कि सुनामी आई हुई है जो मात्र एक सप्ताह की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 16 अप्रैल को एक 17 वर्षीय युवती को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। इस सिलसिले में 22 अप्रैल को तमिलनाडु में तंजावुर आल वुमन पुलिस ने उसे गर्भवती करने के आरोप में एक 12 वर्षीय लड़के को गिरफ्तार किया।
 * 17 अप्रैल को ससुरालियों द्वारा दहेज के लिए प्रताडि़त किए जाने के कारण मायके में रह रही महिला को रास्ते में घेर कर उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में महिला के ससुर और उसके साथी के विरुद्ध ममदोट  (पंजाब) पुलिस ने केस दर्ज किया। 

* 17 अप्रैल को ही थाना सन्नौर (पंजाब) की पुलिस ने महिला का उसी के घर में बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को नामजद किया।
* 18 अप्रैल को लुधियाना में एक व्यक्ति ने अपनी पड़ोसी 5 वर्षीय बच्ची को बहला-फुसला कर अपने कमरे में ले जाकर उससे बलात्कार कर डाला। 
* 18 अप्रैल वाले दिन ही कौशाम्बी (बिहार) जिले के चरवा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी ही नाबालिग बेटी से मुंह काला कर लिया। 

* 19 अप्रैल को हैदराबाद (तेलंगाना) में टी.आर.एस. के एक नेता के बेटे और उसके मित्र को 20 वर्षीय युवती का अपहरण और बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
* 19 अप्रैल वाले दिन ही हिसार (हरियाणा) में 30 वर्षीय महिला ने अपने पति के विरुद्ध उसके साथ अप्राकृतिक सैक्स की शिकायत दर्ज करवाई।
* 20 अप्रैल को कैथल पुलिस ने एक 45 वर्षीय महिला से बलात्कार और हत्या के आरोप में 2 लोगों को पकड़ा। 

* 20 अप्रैल को ही बटाला (पंजाब) के एक स्कूल में एक अध्यापक को 2 छात्राओं को कागज पर लिखी गंदी बातें पढऩे और अपनी पीठ उघाड़ कर दिखाने को कहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 21 अप्रैल को बस्ती (राजस्थान) में एक विवाह समारोह में शामिल एक दुष्टï ने तीन वर्षीय मासूम का अपहरण और बलात्कार करने के बाद गला दबाकर उसकी हत्या करके लाश कुएं में फैंक दी।
* 21 अप्रैल को उत्तरी 24 परगना (पश्चिम बंगाल ) के गायघाटा इलाके में वसुदेव विश्वास नामक 32 वर्षीय व्यक्ति को एक 15 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 22 अप्रैल को एन.टी.आर. (आंध्र प्रदेश) जिले के सरकारी अस्पताल में एक महिला से बलात्कार के आरोप में 2 सिपाही गिरफ्तार किए गए। 
* 22 अप्रैल को ही पटियाला (पंजाब) के त्रिपड़ी इलाके में एक चिकन हाऊस के मालिक परमजीत सिंह को एक युवती को नशीला पेय पिलाकर उससे बलात्कार करके गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
* 22 अप्रैल को ही मंडी (हिमाचल) के बालीचौकी क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिगा ने क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में बच्ची को जन्म दिया। उसकी शिकायत पर एक स्थानीय निवासी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज भी की गई है। 

* 22 अप्रैल को ही सुंदरनगर (हिमाचल) के निहरी में 4 महीने की गर्भवती 19 वर्षीय दिव्यांग युवती का पता चला। 
महिलाओं के विरुद्ध दिल दहला देने वाले ऐसे ही अपराधों बारे दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने बलात्कार के एक मामले में अपराधियों की सजा बहाल रखते हुए 15 फरवरी, 2022 को टिप्पणी की थी कि : 
‘‘बलात्कार एक महिला के पवित्र शरीर और समाज की आत्मा के विरुद्ध सर्वाधिक क्रूर और जघन्य अपराधों में से एक है। यह न केवल पीड़िता की गरिमा बल्कि बड़े पैमाने पर समाज के विरुद्ध भी किया जाता है। अत: ऐसे अपराधियों को राहत देना कानून के शासन की अवधारणा के विरुद्ध होगा।’’ 

बच्चियों और महिलाओंके विरुद्ध अपराधों की उक्त घटनाएं जहां देश में महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं, वहीं समाज में फैल रही अश्लीलता के दुष्परिणामों की ओर भी इशारा करती हैं। 

अत: जहां इंटरनैट और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, वहीं अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस को आधुनिक उपकरणों से लैस और मुस्तैद करने तथा अधिक फास्ट ट्रैक अदालतें कायम करके उन्हें कठोरतम दंड दिए जाने की भी आवश्यकता है ताकि दूसरों को नसीहत मिले और वे इस तरह का अपराध करने से पूर्व सौ बार सोचें।—विजय कुमार 

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