Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 03:43 AM
अपनी स्थापना के समय से ही पाकिस्तानी शासकों ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी सेना की सहायता से आतंकवादियों को शरण, प्रोत्साहन और प्रशिक्षण देने का सिलसिला लगातार जारी रखा हुआ है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जहां पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी...
अपनी स्थापना के समय से ही पाकिस्तानी शासकों ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी सेना की सहायता से आतंकवादियों को शरण, प्रोत्साहन और प्रशिक्षण देने का सिलसिला लगातार जारी रखा हुआ है।
इसका परिणाम यह हुआ है कि जहां पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में जुटे हुए हैं, वहीं उन्होंने पाकिस्तान में भी रक्तपात और हिंसा का खेल इस हद तक तेज कर दिया है कि अब स्वयं पाकिस्तान सरकार भी उनके सामने बेबस हो रही है। पिछले 6 महीनों के दौरान वहां कम से कम 40 बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं जिनमें 225 लोगों की मौत तथा 475 लोग घायल हुए हैं जिसके दृष्टिïगत वहां जारी आतंकवाद का हवाला देते हुए अमरीका सरकार ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान जाने के विषय में पुनर्विचार करने व खबरदार होने को कहा है।
अमरीकी विदेश मंत्रालय के ट्रैवल एडवाइजरी विभाग ने आतंकवाद के चलते अमरीकी नागरिकों को पाकिस्तान के बलोचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों और संघ प्रशासित कबायली इलाकों की यात्रा पर न जाने की सलाह भी दी है। एडवाइजरी में आतंकवाद तथा सम्भावित हथियारबंद संघर्ष को देखते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर भी उन्हें चेतावनी दी गई है। ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया है, ‘‘आतंकी समूह पाकिस्तान में सम्भावित हमलों की योजना बनाते रहते हैं तथा वे पर्यटन स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों/ शॉपिंग मॉल्स, सैन्य तथा सरकारी संस्थानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों, धार्मिक स्थलों तथा स्थानीय सरकारी सुविधाओं को चेतावनी देकर या बगैर चेतावनी दिए भी निशाना बना सकते हैं।’’
आतंकवाद को व्यापक समर्थन देने के कारण ही पाकिस्तान को विश्व में ‘स्नेक कंट्री’ कहा जाने लगा है और अमरीका द्वारा कुछ समय पूर्व उसको दी जाने वाली सहायता पर रोक लगाने तथा अब अपने नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा के संबंध में एडवाइजरी जारी करने से स्पष्ट है कि पाकिस्तान में आतंकवाद का खतरा कितना बढ़ चुका है।—विजय कुमार