चुनाव आए सिर पर रुके काम होने लगे और सुविधाएं मिलने लगीं

Edited By ,Updated: 28 Aug, 2021 03:24 AM

when elections came the work stopped on the head

सरकारें अपने कार्यकाल के अधिकांश समय में राजनीतिक उठा-पटक में व्यस्त रहती हैं और धन की कमी का रोना रोती रहती हैं लेकिन चुनाव निकट आने पर वोट बटोरने के लिए उन्हें जनता की याद आ जाती है और तब वे विभिन्न रियायतों और सुविधाओं की घोषणा करना शुरू कर

सरकारें अपने कार्यकाल के अधिकांश समय में राजनीतिक उठा-पटक में व्यस्त रहती हैं और धन की कमी का रोना रोती रहती हैं लेकिन चुनाव निकट आने पर वोट बटोरने के लिए उन्हें जनता की याद आ जाती है और तब वे विभिन्न रियायतों और सुविधाओं की घोषणा करना शुरू कर देती हैं। इसी संदर्भ में पंजाब तथा उत्तर प्रदेश की सरकारों के अलावा केंद्र सरकार ने अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व हाल ही में कई रुके काम शुरू करने के अलावा चंद महत्वपूर्ण लोक लुभावन निर्णय भी लिए हैं : 

24 अगस्त को गन्ने की ‘स्टेट एग्रीड प्राइस’ (एस.ए.पी.) 50 रुपए बढ़ा कर 360 रुपए प्रति किं्वटल तय कर दी जो भाजपा शासित हरियाणा से 2 रुपए अधिक है। किसान लम्बे समय से इसके लिए आंदोलन कर रहे थे। 
26 अगस्त को पंजाब मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों और पैंशनरों को  तोहफा देते हुए उनकी 31 दिसम्बर, 2015 की बेसिक पे में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने के अलावा कुछ भत्तों को बहाल भी कर दिया। इससे पंजाब सरकार के कर्मचारियों के वेतन तथा पैंशन में औसतन
1.05 लाख रुपए तक की वृद्धि हो जाएगी। इसी दिन डाक्टरों को संशोधित बेसिक पे के 20 प्रतिशत के हिसाब से मिलने वाला नान प्रैक्टिस अलाऊंस वेतन का हिस्सा मानने व कर्मचारियों के लिए सचिवालय भत्ता दोगुना करने को भी स्वीकृति दे दी गई हैं। 

किसान आंदोलन में मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने की योजना के अंतर्गत 104 किसानों, कृषि मजदूरों के वारिसों को नौकरी के लिए संबंधित विभागों को नौकरी नियमों में ढील देने के निर्देश भी दिए गए हैं। ‘मेरा काम, मेरा मान’ के अंतर्गत बेरोजगार युवकों को 12 महीनों के प्रशिक्षण के दौरान 2500  रुपए मासिक सहायता देने का फैसला किया गया। इससे 30,000 लोग लाभान्वित होंगे तथा इस पर 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पंजाब सरकार द्वारा पटवारियों, जेल कर्मियों तथा पंजाब पुलिस में बड़े पैमाने पर कांस्टेबल से लेकर इंस्पैक्टर तक की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। मंत्रिमंडल ने ‘अनुसूचित जाति, भूमि विकास एवं वित्त निगम’ तथा  ‘पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भूमि विकास एवं वित्त निगम’ से ऋण लेने वाले 14,853 लाभपात्र लोगों का 50,000 रुपए तक का ऋण माफ करने का निर्णय भी किया जिस पर 62.46 करोड़ रुपए खर्च आएगा। युवाओं को खेलों के प्रति आकॢषत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को सिविल सेवाओं में नौकरी देने के लिए नियमों में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के विरुद्ध पराली जलाने और अन्य मामलों में दर्ज किए गए केस वापस लेने, किसानों के कनैक्शन नहीं काटने व बिजली दरें न बढ़ाने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने प्रदेश के 28 लाख कर्मचारियों और पैंशनरों को 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा महंगाई भत्ता व महंगाई राहत भत्ता देने की स्वीकृति भी दी है। इसी तरह केंद्र सरकार ने सरकारी बैंक कर्मियों की पारिवारिक पैंशन बढ़ाकर कर्मचारी के अंतिम वेतन का 30 प्रतिशत करने की घोषणा भी कर दी है। 

यह तो अभी शुरूआत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में राज्य के लोगों को और कितनी रियायतें तथा सुविधाएं धन की तंगी की शिकार राज्य सरकार द्वारा दी जाएंगी। जनता को सुविधाएं देना अच्छी बात है और इसीलिए हम बार-बार लिखते रहते हैं कि चुनाव पांच वर्ष की बजाय अमरीका और जर्मनी जैसे विकसित देशों की तरह प्रत्येक चार वर्ष बाद ही होने चाहिएं। इससे सरकारों के काम में चुस्ती आएगी, लोगों को सुविधाएं मिलने के अलावा उनके रुके काम जल्दी होने लगेंगे और विकास में तेजी आएगी।—विजय कुमार 

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