Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 03:26 AM
योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार भाजपा की टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे।2017 के चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले योगी...
योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार भाजपा की टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे।
2017 के चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मनोनीत किया गया तो 19 मार्च, 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद 18 सितम्बर, 2017 को विधान परिषद के सदस्य भी चुन लिए गए। सत्ता संभालने के बाद उन्होंने जहां प्रदेश के सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों आदि में औचक छापेमारी का सिलसिला शुरू किया वहीं गौ तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, अधिकारियों और मंत्रियों को अपनी सम्पत्ति और खातों की जानकारी देने, स्कूलों में अध्यापकों की शत-प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य करने जैसे निर्णय भी लिए।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था की हालत के लिए हो रही भारी आलोचना को देखते हुए प्रदेश में लगभग 940 एनकाऊंटर किए गए हैं जिनके दौरान कम से कम 3900 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया तथा 31 खूंखार अपराधी मारे गए। अतीत में योगी आदित्यनाथ विवादास्पद बयान भी देते रहे तथा 2005 में उन्होंने कथित रूप से 1800 ईसाइयों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में शामिल करवाया था। 7 सितम्बर, 2008 को उन पर जानलेवा हमला हुआ था और उन्हें गोरखपुर के दंगों के दौरान गिरफ्तार भी किया गया था जब मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक युवक की जान चली गई थी।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने स्वयं को विवादों से दूर रखने की भरसक कोशिश की फिर भी कुछ बातों को लेकर उनकी आलोचना हुई। सरकारी स्कूलों और भवनों को गेरुआ रंग देने पर न सिर्फ पानी की तरह पैसा बहाया गया बल्कि कुछ और विवाद भी खड़े हुए जो अभी भी थमे नहीं हैं और इमारतों का रंग भी पहले जैसा करवाना पड़ा। इस महीने के शुरू में जब अनेक मदरसों के संचालकों पर इस तरह के आरोप लगाते हुए मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी कि वहां आतंकवादी और कट्टïरपंथी पैदा होते हैं, तो योगी आदित्यनाथ ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि : ‘‘किसी मदरसे को किसी भी हालत में बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें आधुनिक बनाया जाएगा क्योंकि मदरसों को बंद करना समस्या का हल नहीं, मदरसों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। वहां पारंपरिक शिक्षा के साथ ही अंग्रेजी,कम्प्यूटर तथा आधुनिक विषयों की शिक्षा दी जानी चाहिए।’’
‘‘हमें सबको साथ लेकर चलना है क्योंकि समाज में सभी वर्गों के हित से ही देश आगे बढ़ेगा। हमें ध्यान रखना है कि कोई व्यक्ति अपने को उपेक्षित महसूस न करे तथा मदरसों के बच्चे भी अन्य बच्चों की भांति ही बन सकें।’’ जहां प्रदेश की विपक्षी पाॢटयों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगलों में रहने की अनुमति देने के पक्ष में पिछली अखिलेश यादव सरकार द्वारा प्रस्तुत संशोधन कानून का समर्थन किया है वहीं योगी आदित्यनाथ कीसरकार ने भी हल्फिया बयान देकर सुप्रीमकोर्ट से अनुरोध किया है कि मुलायम सिंह और मायावती को उनके सरकारी बंगलों में ही रहने दिया जाए।
कुल मिलाकर योगी आदित्यनाथ ने अपनी विचारधारा में बदलाव किया है। उत्तर प्रदेश की धरती को ‘गंगा-जमनी तहजीब’ की धरती कहा जाता है जहां सभी धर्मों और मान्यताओं के लोग मिलजुल कर रहते आए हैं और योगी आदित्यनाथ ने भी सबको साथ लेकर चलने की जो बात कही है उससे सब लोग मिल-जुल कर परस्पर सहयोग से प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम करेंगे तथा प्रदेश तरक्की करेगा।—विजय कुमार