Edited By ,Updated: 14 May, 2016 01:59 AM
इन दिनों देश के 13 राज्यों में भयानक सूखा पड़ा हुआ है। इससे 6.50 लाख करोड़ रुपए की क्षति हो चुकी है। असंख्य लोगों तथा मवेशियों की मृत्यु भी हो चुकी है और धरती छलनी-छलनी हो गई है।
इन दिनों देश के 13 राज्यों में भयानक सूखा पड़ा हुआ है। इससे 6.50 लाख करोड़ रुपए की क्षति हो चुकी है। असंख्य लोगों तथा मवेशियों की मृत्यु भी हो चुकी है और धरती छलनी-छलनी हो गई है।
भारत की मायानगरी मुम्बई भी पानी की कमी से पीड़ित है। यहां कई ऐसे इलाके हैं जहां जल आपूर्ति विभाग द्वारा पानी की नियमित आपूर्ति का कोई प्रबंध नहीं है। मुम्बई के मानखुर्द इलाके में इंदिरा नगर तथा आसपास के क्षेत्रों की झोंपड़ पट्टिïयों में रहने वाले लोग भी पानी की समस्या से पीड़ित हैं लिहाजा इन लोगों को भी अपनी जरूरतें पानी खरीद कर पूरी करनी पड़ रही हैं।
हालत यह है कि पानी माफिया ‘खारा पानी’ भी कीमत लेकर बेच रहा है जिसका इस्तेमाल लोग नहाने, बर्तन मांजने और कपड़े धोने आदि के लिए करते हैं। ऐसे में इस इलाके में रहने वाली जरीना नामक महिला अपने इलाके के जरूरतमंद गरीब परिवारों की खुले दिल से मुफ्त ‘जल-सेवा’ कर रही है।
जरीना के घर में एक पुरानी बावड़ी है जिसका पानी है तो खारा लेकिन लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए काफी है और जरीना यह पानी अपने पड़ोसियों को बिना कोई पैसा लिए मुफ्त बांट रही है। आज जबकि पानी माफिया पानी बेच कर मुनाफा कमा रहा है, जरीना का कहना है, ‘‘मैं भला पानी बेच कर पाप की भागी क्यों बनूं। पानी बेच कर जीना भी कोई जीना है।’’
जरीना के 10 बच्चे हैं जिनमें से 2 मानसिक रूप से कमजोर हैं, उसका पति उसे तथा अपने बच्चों को बेसहारा छोड़ कर जा चुका है और वह मजदूरी करके अपना तथा अपने बच्चों का पेट पाल रही है।
जरीना गरीब जरूर है पर उसने सिद्ध कर दिया है कि उसका दिल बहुत बड़ा है। वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है लेकिन हालात के हाथों मजबूर है। वह आज की स्वार्थी दुनिया में नि:स्वार्थ सेवा भावना की एक मिसाल बन कर उभरी है। उसके इस नेक काम में साधन-सम्पन्न लोगों के लिए एक संदेश छिपा है कि यदि वह गरीब होते हुए भी जरूरतमंदों की सहायता कर सकती है तो वे क्यों नहीं कर सकते।