बैंकों में पड़े 8 हजार करोड़ रुपए का नहीं कोई दावेदार !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jan, 2018 10:49 AM

no claimant of rs 8 thousand crore lying in banks

देश के अलग-अलग बैंकों में ऐसा काफी पैसा जमा है जिसका कोई दावेदार नहीं है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सभी बैंकों को मिलाकर देखा जाए तो लावारिस पैसों का आंकड़ा 8 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। माना जा रहा है कि सरकार द्वारा के.वाई.सी. नियमों में...

नई दिल्ली : देश के अलग-अलग बैंकों में ऐसा काफी पैसा जमा है जिसका कोई दावेदार नहीं है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सभी बैंकों को मिलाकर देखा जाए तो लावारिस पैसों का आंकड़ा 8 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। माना जा रहा है कि सरकार द्वारा के.वाई.सी. नियमों में की गई सख्ती की वजह से ऐसे खातों की संख्या बढ़ गई है। खाताधारक की मौत होने पर अब बैंक तब ही किसी को उनके पैसे निकालने देता है जब पैसा मांगने वाला शख्स उस खाताधारक से अपना करीबी रिश्ता स्थापित कर पाए।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग बैंकों के 2.63 खातों में पड़े 8,864.6 करोड़ रुपए का कोई दावेदार नहीं है। ये आंकड़े दिसम्बर 2016 तक के बताए जा रहे हैं। 2012 से 2016 यानी पिछले चार सालों में इस तरीके का पैसा दोगुना हो गया है। ऐसे खातों की संख्या 2012 में 1.32 करोड़ थी जो 2016 में 2.63 करोड़ हो गई थी। वहीं 2012 में उनमें जमा पैसा 3,598 करोड़ रुपए था जो कि 2016 में 8,864 रुपए हो गया था। आर.बी.आई. ने बैंकों को कहा है कि पिछले दस सालों से जिन खातों का कोई दावेदार सामने नहीं आया है उनकी लिस्ट तैयार करके सभी बैंक अपनी-अपनी वैबसाइट पर अपलोड करें। अपलोड की गई जानकारी में अकाऊंट होल्डर्स के नाम, एड्रैस शामिल होंगे।

बैंकों में पड़े जिस पैसे का कोई दावेदार नहीं होता वह भी बैंक का घाटा ही करवाता है, दरअसल बैंक उन खातों पर ब्याज देना बंद नहीं कर सकते। खबर के मुताबिक, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) के 47 लाख खातों (जमा राशि 1,036 करोड़ रुपए), कैनरा बैंक के 47 लाख खातों (995 करोड़ रुपए) और पंजाब नैशनल बैंक के 23 लाख खातों (829 करोड़) का कोई दावेदार नहीं है। 

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