Edited By ,Updated: 16 Mar, 2016 03:47 PM
वित्त मंत्रालय ने आज सार्वजनिक बैंकों को अपने कर्मचारियों के लिए ‘महंगी’ कारें खरीदने के प्रति आगाह किया।
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने आज सार्वजनिक बैंकों को अपने कर्मचारियों के लिए ‘महंगी’ कारें खरीदने के प्रति आगाह किया। इनमें से कुछ कारें बाद में अधिकारियों को कम कीमतों में बेची जाती हैं। मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सभी सार्वजनिक बैंक प्रमुखों को इस बारे में पत्र भेजा है। इसके अनुसार,‘ सतर्कता आयोग ने इसका जिक्र किया है कि बैंक ऊंची कीमत वाली कारें, वाहन खरीद रहे हैं।’
प्रशासन पर सार्वजनिक व्यय में मितव्ययता पर ‘ध्यान देने’ की सोच के मद्देनजर डीएफएस ने कहा है कि इस तरह के खर्च को तर्कसंगत किया जाना वांछित है। इसके अनुसार कुछ बैंकों में वाहनों को घटी कीमत पर खरीदने की अनुमति देने की नीति है जिसको देखते हुए वाहनों पर खर्च को युक्तिसंगत बनाए जाने की जरूरत है। विभाग के अनुसार,‘ विशेषकर सेवानिवृत्ति के पास आकर महंगे वाहनों की खरीद और उसके बाद अधिकारियों को घटी कीमतों पर उनकी बिक्री चिंता का विषय है जो कि सतर्कता जांच के दायरे में आया है।’ डीएफएस ने सार्वजनिक बैंकों से कहा है कि वे पुरानी कारें व अन्य वाहन ‘पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए बाजार कीमतों पर करने पर विचार करें।’