नीतीश सरकार में स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल, मरीजों की सेहत के साथ हो रहा खिलवाड़

Edited By prachi,Updated: 18 May, 2018 04:55 PM

बिहार सरकार अकसर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बडे़ दावे करती है लेकिन अगर कटिहार और पूर्णिया के सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा जाए तो इन दावों की पोल वहीं खुल जाती हैै। स्वच्छ भारत का नारा देने वाली सरकार इन अस्पतालों की हालत पर कोई ध्यान नहीं...

कटिहारः बिहार सरकार अकसर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बडे़ दावे करती है लेकिन अगर कटिहार और पूर्णिया के सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा जाए तो इन दावों की पोल वहीं खुल जाती हैै। स्वच्छ भारत का नारा देने वाली सरकार इन अस्पतालों की हालत पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। 
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मरीजों की परेशानी का सबसे बड़ा कारण हैं आवारा कुत्ते 
तीस लाख की आबादी वाले कटिहार में एकमात्र सरकारी अस्पताल है। इसके बावजूद अस्पताल के हालात बेहद ही खराब हैं। मरीजों की परेशानी का सबसे बड़ा कारण वहां पर मौजूद आवारा कुत्ते हैं। अस्पताल परिसर में और मरीजों के आसपास कुत्ते आराम से घूमते हैं और अस्पताल प्रबंधन भी इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता है। कटिहार एक बाढ़ प्रभावित और सीमावर्ती क्षेत्र है जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में मरीज यहां इलाज करवाने के लिए आते हैं।
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अस्पताल में सफाई व्यवस्था है बेहद खराब 
इसके अतिरिक्त मरीजों को डॉक्टरों की कमी की समस्या से भी जूझना पड़ता है। कोई भी स्वास्थ्य कर्मी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचता है। इसके अतिरिक्त अस्पताल में सफाई का भी बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता है। मरीजों के बिस्तर के सामने ही  कूड़ेदान रखा जाता है जो कई बड़ी बिमारियों का कारण बनता है। दवाईयों की कमी की वजह से भी मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मरीजों द्वारा अकसर इन परेशानियों के लिए अस्पताल प्रशासन के सामने गुहार लगाई जा रही है लेकिन कोई भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
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गंदगी और बदबू के बीच इलाज करवाने को मजबूर हैं मरीज 
ऐसा ही कुछ हाल है पूर्णिया के सदर अस्पताल का, वहां भी मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अस्पताल में बनी नालियों का पानी निकलने के लिए कोई स्थान नहीं होने के कारण यह पानी सालभर यहीं जमा रहता है। मरीज गंदगी और बदबू के बीच इलाज करवाने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं हैं। टूटे और खस्ताहाल बिस्तर, बिजली के टूटे बोर्ड, नंगी तारे अस्पताल की कुव्यवस्था को उजागर कर रही हैं।

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