जब तटरक्षक दल ने गवादर बंदरगाह से आई नौका से पकड़ी 1500 किलो हैरोइन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 12:16 AM

1500 kg heroin caught by boat from gawadar port

गत सप्ताह गुजरात के समुद्री क्षेत्र में से पकड़ी गई हैरोइन की 1500 किलोग्राम की भारी-भरकम खेप के...

गत सप्ताह गुजरात के समुद्री क्षेत्र में से पकड़ी गई हैरोइन की 1500 किलोग्राम की भारी-भरकम खेप के संबंध में तटरक्षक दल द्वारा की गई जांच-पड़ताल यह संकेत देती है कि ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान) की चीन द्वारा नियंत्रित बंदरगाह गवादर से पाकिस्तानी नागरिक भारत में यह माल भेजने में संलिप्त हैं। 

अधिकारी यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास कर रहे हैं कि देश में पकड़ी गई नशीले पदार्थों की अब तक की सबसे बड़ी खेप का क्या किसी आतंकी  नैटवर्क से भी संंबंध है और क्या यह पैसा भारत विरोधी गतिविधियों पर खर्च किया जाना था? प्रारम्भिक जांच-पड़ताल से यह पता चला है कि पाकिस्तान की गवादर बंदरगाह पर तीन नौकाओं (यानी छोटे जहाजों) में यह नशीला पदार्थ लादा गया था। वहां से यह माल अबूधाबी ले जाया गया, जहां पर इंजन रूम और फिटिंग्ज का लम्बा-चौड़ा काम करवाया गया ताकि नशीले पदार्थ के पैकेट छिपाए जा सकें। उल्लेखनीय है कि गवादर बंदरगाह का हाल ही में चीन द्वारा निर्माण किया गया है और इसे चीन द्वारा ही सैन्य एवं व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। 

पकड़ी गई नौका के 8 सदस्यीय भारतीय चालक दल की तफ्तीश से अधिकारियों को पता चला है कि ‘हैनरी’ नामक इस नौका (छोटे जहाज) में से पकड़ी गई 3500 करोड़ रुपए की हैरोइन को लादने में अबूधाबी में खालिद मोहम्मद नामक एक पाकिस्तानी, मुस्तफा नामक एक ईरानी ने सहायता की थी। चालक दल को नौका की कैबिनों में बदलाव करने के लिए वैल्डर एवं कटर उपलब्ध करवाए गए थे ताकि यदि इस पोत की अधिकारियों द्वारा चैकिंग की जाए तो भी नशीले पदार्थ ढूंढना मुश्किल हो। यह दोनों ही व्यक्ति अबूधाबी में ही पोत से उतर गए थे क्योंकि उन्हें इसके साथ जाने में खतरा महसूस हो रहा था। अबूधाबी से यह पोत भारत के गुजरात प्रांत की अलांग बंदरगाह की ओर रवाना हो गया। 

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान स्थित स्मगलिंग नैटवर्क का आतंकवाद सहित अन्य गैर कानूनी गतिविधियों से भी गहरा संबंध है। 2008 के मुम्बई आतंकी हमले के बाद नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के साथ-साथ तटवर्ती सुरक्षा को सुधारने की ओर भी विशेष ध्यान दिया गया था ताकि भविष्य में आतंकी हमलावर ऐसा दुस्साहस न कर सकें। ऐसा माना जाता है कि हैरोइन की यह खेप अफगानिस्तान से चली थी और वहां से गवादर पहुंची थी। अलांग बंदरगाह पर पहुंचने के बाद इस खेप के 1526 पैकेटों को भारत के विभिन्न भागों के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भी भेजा जाना था। नैशनल टैक्रीकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन (एन.टी.आर.ओ.) ने इस पूरी कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की क्योंकि इसके सुरक्षा कर्मियों ने इस पोत के चालक दल और पाकिस्तान में बैठे इनके आकाओं के बीच हुई फोन वार्तालाप के सिग्नल पकड़ लिए थे और इसी के आधार पर तटरक्षक दल को समय रहते सूचना दे दी थी।

भारत के पश्चिमी सागरीय क्षेत्र की रखवाली करने वाले तटरक्षक दल ने अनेक जलपोतों के अलावा हवाई निगरानी के लिए डोरनियर विमान भी काफी मात्रा में तैनात कर रखे थे ताकि संदिग्ध पोत का हर हालत में सुराग लगाया जा सके। लम्बी-चौड़ी जांच-पड़ताल और निगरानी के बाद तटरक्षक दल के जलपोत ‘समुद्र पावक’ ने पनामा में पंजीकृत एक जलपोत को गुजरात के समुद्री क्षेत्र में घेर लिया। 17 जुलाई को गुप्तचर एजैंसियों को मिली सूचनाओं के अनुसार एक ईरानी मालवाहक जहाज ‘प्रिंस-2’ गुजरात की बंदरगाह पोरबंदर से लगभग 210 मील दूर पश्चिम दिशा में देखा गया था। लेकिन यह इलाका भारतीय जल सीमा से बाहर था इसलिए इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। 

ऐसी उम्मीद थी कि यह ईरानी जलपोत जामनगर और भावनगर के बीच ही किसी बंदरगाह पर रुकेगा। इसके बाद भारतीय तटरक्षक दल के मुम्बई, गांधी नगर एवं पोरबंदर स्थित केन्द्रों को सतर्क कर दिया गया और साथ ही तटरक्षक दल के जलपोतों और डोरनियर विमानों को भी चौकस कर दिया गया कि वे इस ईरानी जहाज पर पूरी नजर रखें। हवाई निगरानी तंत्र  को एक की बजाय दो मालवाहक जहाज दिखाई दिए जिन्हें आखिर 26 जुलाई को घेरकर तफ्तीश के लिए ओखा बंदरगाह पर लाया गया। 

इसी बीच खम्बायत की खाड़ी की निगरानी कर रहे डोरनियर विमान ने एक अन्य जहाज का सुराग लगाया और आटोमैटिक आइडैंटिफिकेशन सिस्टम के माध्यम से यह पता किया कि इसकी गतिविधियां संदिग्ध हैं। तत्पश्चात तटरक्षक दल के जलपोत समुद्र पावक को इसे घेरने के लिए भेजा गया। जब शिप मास्टर से पूछताछ की गई तो पता चला कि ‘हैनरी’ नामक इस जहाज के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है और यह भावनगर जिले में स्थित अलांग बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है जहां जहाजों को तोडऩे का काम किया जाता है। बस फिर क्या था, इस जहाज को भी कब्जे में ले लिया गया और पोरबंदर ले जाया गया ताकि वहां अधिकारी इसकी जांच-पड़ताल कर सकें। इसकी जांच दौरान पता चला कि यह जहाज हैरोइन के 1500 से अधिक पैकेट लेकर आया है।     

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