‘बिम्सटेक’ देशों के साथ कारोबारी रिश्तों का नया दौर

Edited By ,Updated: 01 Jun, 2019 02:08 AM

a new round of business relationships with  bimstec  countries

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मई को दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी सैक्टोरल टैक्नोलॉजिकल एंड इकोनॉमिक को ऑप्रेशन) देशों बंगलादेश, श्रीलंका,थाईलैंड, म्यांमार, भूटान और नेपाल को आमंत्रित करके भारत ने 2 संदेश...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मई को दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी सैक्टोरल टैक्नोलॉजिकल एंड इकोनॉमिक को ऑप्रेशन) देशों बंगलादेश, श्रीलंका,थाईलैंड, म्यांमार, भूटान और नेपाल को आमंत्रित करके भारत ने 2 संदेश दुनिया को दिए हैं। एक,भारत बिम्सटेक देशों के साथ कारोबार और सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊंचाई देना चाहता है। दो, पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर वन बैल्ट वन रोड (ओ.बी.ओ.आर.) जैसे भारत के लिए प्रतिकूल आर्थिक कदमों में जिन बिम्सटेक देशों का साथ ले रहे हैं, वे देश भी भारत के साथ कारोबारी सहभागिता बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। 

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद बिम्सटेक देशों ने एकमत से कहा है कि वे ऊर्जा, व्यापार, निवेश, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, पर्यटन, टैक्नोलॉजी, कृषि, मत्स्य पालन, गरीबी निवारण, आपदा प्रबंधन, जनस्वास्थ्य, पर्यावरण, सांस्कृतिक सहयोग, नागरिकों के बीच मैत्री और आतंकवाद पर रोक जैसे 14 बिम्सटेक लक्ष्यों को लेकर तेजी से आगे बढ़ेंगे। 

दुनिया के अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के माध्यम से बिम्सटेक देशों को आमंत्रित करके निश्चित रूप से उनकी सक्रियता बढ़ाई है जिससे चीन के आॢथक प्रभुत्व से दबाव में आए कुछ बिम्सटेक देश अब नई आॢथक शक्ति बनते हुए भारत के नजदीक भी आएंगे। इससे पड़ोसी देशों के साथ भारत के विदेश व्यापार में भी तेजी आएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित न करने का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि भारत के अथक प्रयासों के बाद भी पाकिस्तान ने पड़ोसी देशों के साथ कारोबार को भारत विरोधी नीतियों और आतंकवाद के कारण आगे बढऩे से रोका है। ऐसे में यदि भारत पाकिस्तान को अलग रखते हुए पड़ोसी देशों के साथ आगे बढऩे की रणनीति बनाता है तो उनसे आपसी कारोबार तेजी से बढ़ेगा। 

पाकिस्तान का प्रतिकूल व अडिय़ल रवैया
नि:संदेह भारत द्वारा बिम्सटेक देशों को संगठित करने का एक बड़ा कारण पाकिस्तान द्वारा पड़ोसी देशों के साथ कारोबार संबंधी निराशा भी है। पाकिस्तान के प्रतिकूल एवं अडिय़ल आर्थिक रवैए के कारण ही व्यापार की चमकीली संभावनाएं रखने वाला दक्षिण एशियाई क्षेत्र आपसी विदेश व्यापार में बहुत पीछे है। भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी भरोसा और विश्वास का संकट बने रहने के कारण ही 72 साल बीत जाने के बाद भी दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार निराशाजनक स्थिति में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और कारोबार संबंधों को बढ़ाने के लिए अनेक पहल भी की थीं लेकिन उसके तत्काल बाद आतंकवादियों को समर्थन और सीमा पर लगातार गोलीबारी के कारण नए व्यापार संबंधों की संभावनाएं क्षीण हो गईं। 

इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी भारत ने कारोबार और मैत्री संबंध बढ़ाने के प्रयास किए लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद और भारत विरोध को प्रोत्साहन देता रहा। परिणामस्वरूप फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया गया सर्वाधिक तरजीही वाले देश (एम.एफ.एन.) का दर्जा वापस ले लिया और पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी का आयात शुल्क भी लगा दिया। ऐसे में पाकिस्तान रहित बिम्सटेक देशों के साथ भारत की कारोबार बढऩे की संभावनाएं बलवती होंगी। 

कई गुना बढ़ सकता है कारोबार
दुनिया के कारोबार विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बिम्सटेक देश संगठित होकर कारोबार करें तो इन देशों का कारोबार सार्क देशों के वर्तमान कारोबार से कई गुना बढ़ सकता है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया के देशों (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान) का अंतरक्षेत्रीय व्यापार दुनिया के अन्य सभी क्षेत्रों के आपसी कारोबार की तुलना में सबसे कम है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष  2017-18 में  भारत का दक्षिण एशिया के साथ कारोबार करीब 1900 करोड़ डालर का रहा है, जबकि दक्षिण एशिया क्षेत्र के पड़ोसी देशों के साथ भारत की कुल कारोबार क्षमता करीब 6200 करोड़ डालर की है। इसका मतलब यह है कि भारत पड़ोसी देशों के साथ कारोबार क्षमता का महज 31 फीसदी कारोबार ही कर पा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया में भारत का विदेश व्यापार भारत के कुल वैश्विक विदेश व्यापार का महज तीन फीसदी है। ऐसे में यदि बिम्सटेक देश एकजुट होकर आपसी कारोबार करेंगे तो इससे उनके विदेश व्यापार में कई गुना वृद्धि हो सकती है। 

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया तथा चीन से अधिक उदार संबंध जोड़कर रणनीतिक, आर्थिक एवं कारोबार के मद्देनजर भी भारत को लगातार चुनौती दी है। चीन ने भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए चीन-पाकिस्तान आर्थिक परियोजना शुरू की है। इसके तहत पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) से होकर विशेष कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर से चीन के अल्पविकसित पश्चिमी क्षेत्र को पाकिस्तान की ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जा रहा है। इसमें सड़कों, रेलवे,  व्यावसायिक पट्टियों, ऊर्जा योजनाओं हेतु पैट्रोलियम पाइपलाइनों का नैटवर्क बनाया जा रहा है। स्पष्टतया पाकिस्तान और चीन के बीच भारत की दृष्टि से आपत्तिजनक आॢथक समझौतों को आगे बढ़ाया गया है। इससे भारत के अलावा कुछ बिम्सटेक देश और कुछ दक्षिण पूर्वी एशियाई देश भी ङ्क्षचतित हैं। ऐसे में बिम्सटेक देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध बढ़ाए जाने के लिए उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्थाओं के रूप में बिम्सटेक एक बहुत अच्छा संगठन सिद्ध हो सकता है। 

सबसे अधिक विकास दर
इस परिप्रेक्ष्य में भारत को बिम्सटेक जैसी उपक्षेत्रीय कारोबार पहल को महत्व देते हुए अधिक व्यावहारिक और अधिक लाभदायक  व्यापार संवर्धन व्यवस्था की ओर तेजी से कदम बढ़ाने होंगे। भारत की कारोबार संभावनाएं  बढ़ रही हैं। भारत की विकास दर इस समय दुनिया की सर्वाधिक 7 फीसदी है। ऐसे में बिम्सटेक देशों के साथ भारत का कारोबार तेजी से बढ़ सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 29 मई को दुनिया की प्रसिद्ध आई.एम.डी. कारोबार विश्व प्रतिस्पर्धा रैंकिंग 2019 में भारत एक स्थान की छलांग लगाकर विश्व में 43वें स्थान पर पहुंच गया है। 

पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में कारोबार प्रतिस्पर्धा में भारत सबसे आगे है। इस प्रकार पिछले दिनों विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ  डूइंग बिजनैस) रिपोर्ट 2019 में कारोबारी सुगमता की वैश्विक रैंकिंग में भारत 190 देशों की सूची में 23 पायदान की छलांग लगाकर 77वें स्थान पर पहुंच गया। अतएव कारोबार सुगमता की ऊंची अनुकूलताओं के आधार पर भारत बिम्सटेक देशों के साथ अधिक कारोबार की संभावनाओं को साकार कर सकता है।-डा. जयंतीलाल भंडारी
 

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!