परिवार की परम्परा तोड़ आदित्य ठाकरे लड़ सकते हैं चुनाव

Edited By ,Updated: 01 Jun, 2019 03:05 AM

aditya thakre can contest family tradition break

शिवसेना में करीब 52 साल बाद (1966 में पार्टी बनी थी) एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। अभी तक पार्टी में सिर्फ ‘रिमोट कंट्रोल’ की भूमिका में रहते आए ठाकरे परिवार (बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे) में अब शायद पहली बार उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा...

शिवसेना में करीब 52 साल बाद (1966 में पार्टी बनी थी) एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। अभी तक पार्टी में सिर्फ ‘रिमोट कंट्रोल’ की भूमिका में रहते आए ठाकरे परिवार (बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे) में अब शायद पहली बार उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र में अक्तूबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बतौर शिवसेना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। 

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में देशभर में एन.डी.ए. की प्रचंड जीत और महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के बाद 28 साल के आदित्य ने अब चुनाव के जरिए अब सामने से राजनीति में आने का मन बनाया है। आदित्य ठाकरे शिवसेना के गढ़ वर्ली या फिर सीवरी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। शिवसेना सचिव मिङ्क्षलद नार्वेकर ने भी आदित्य के चुनाव लडऩे के पर्याप्त संकेत दिए हैं। नार्वेकर ने कहा, ‘‘मैंने और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आदित्य को यह सलाह दी है कि उन्हें विधानसभा चुनाव जरूर लडऩा चाहिए। इससे पार्टी को फायदा होगा।’’ 

बड़ी भूमिका की तैयारी : बता दें कि लोकसभा चुनाव में महा जीत के बाद संसद के सैंट्रल हाल में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजग सहयोगियों को संबोधित कर रहे थे, आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस के ठीक बगल वाली कुर्सी पर बैठे थे, जिससे भी यह संकेत गया है कि अब ‘जूनियर’ ठाकरे पार्टी में बड़ी भूमिका के लिए भी तैयार हो रहे हैं। 

मुख्यमंत्री का चेहरा : शिवसेना के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘‘इस बार अगर विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के साथ उतरती हैं तो अब मुख्यमंत्री पद के लिए मौका शिवसेना का है। ऐसे में आदित्य ठाकरे अगर चुनाव लड़ते हैं तो इससे न सिर्फ पार्टी कार्यकत्र्ताओं में उत्साह बढ़ेगा बल्कि गठबंधन के पक्ष में रिजल्ट आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए आदित्य शिवसेना का उम्मीदवार भी हो सकते हैं।’’ 

पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, ‘‘शिवसेना चाहती है कि आदित्य को इस तरह की सीट से लड़ाया जाए, जहां कोई जोखिम न हो।’’ हालांकि अभी आदित्य ठाकरे की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। यद्यपि वह कई मौकों से यह संकेत देते रहे हैं कि वह ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य होंगे जो चुनावी मैदान में उतरकर जनादेश प्राप्त करने की कोशिश करेगा।-सी. मारपाकवर

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