पर्यावरण के प्रहरी हिमाचल के ‘अपनों’ की रोजी संकट में

Edited By ,Updated: 15 Jul, 2015 01:27 AM

article

देश-दुनिया के लिए स्वच्छ आबो-हवा देने के लिए अब पर्वतीय प्रांत हिमाचल प्रदेश को कई तरह की कीमतें चुकानी पड़ रही हैं

(डा. राजीव पत्थरिया): देश-दुनिया के लिए स्वच्छ आबो-हवा देने के लिए अब पर्वतीय प्रांत हिमाचल प्रदेश को कई तरह की कीमतें चुकानी पड़ रही हैं जिसके चलते कई जगहों पर हिमाचल के लोगों की रोजी पर संकट आ खड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में अब इस प्रांत का देश-दुनिया के लिए पर्यावरण प्रहरी बने रहना मुश्किल प्रतीत होने लगा है। 
 
इसी प्रांत ने 80 के दशक में वन-कटान को पूर्ण रूप से बंद करके पूरे देश में एक मिसाल कायम की थी, जबकि अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश भी वन-कटान को जारी रखकर अपने आर्थिक संसाधनों को बढ़ाकर प्रदेश का सुनहरा भविष्य लिख सकताथा लेकिन तब भी यहां के जुझारू और पर्यावरण हितैषी राजनेताओं ने देश-दुनिया के पर्यावरण की ङ्क्षचता की और प्रदेश के ग्रीन कवर को बढ़ाने पर जोर दिया। 
 
भले ही इस लंबी अवधि में राजस्व के इस प्रमुख स्रोत का दोहन न कर हिमाचल प्रदेश कर्ज तले दब गया लेकिन अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा आदेशों के तहत रोहतांग, सोलंग नाला और मढ़ी में पर्यटन से जुड़ी सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगा देने से हजारों लोगों की रोजी पर संकट आ गया है। यह भी तय है कि ट्रिब्यूनल का यह आदेश पूर्ण रूप से पर्यावरण हितैषी है, परन्तु यह भी सच है कि इससे कई घरों से चूल्हे अब ठंडे होने वाले हैं। 
 
वहीं मनाली में सैर-सपाटे के लिए आने वाले लोगों के लिए रोहतांग, सोलंग नाला और मढ़ी ही रोमांच और आकर्षण के केंद्र हैं। अब इन स्थानों पर साहसिक पर्यटन संबंधी गतिविधियां बंद हो जाने से मनाली के पर्यटन व्यवसाय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। हालांकि प्रदेश सरकार नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के इस फैसले पर आगामी कार्रवाई के लिए सोच-विचार कर रही है। अगर समय रहते सरकार इन क्षेत्रों के लिए साहसिक पर्यटन गतिविधियों वाला अलग से कोई विधेयक बना देती तो आज इस बड़ी समस्या का सामना ही नहीं करना पड़ता। 
 
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तुरंत बाद ही कुल्लू जिला प्रशासन ने रोहतांग, सोलंग नाला और मढ़ी से ऐसी सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां बंद करवा दी हैं इससे पर्यटकों को भारी निराशा हुई है और इन गतिविधियों में शामिल पैराग्लाइडर, स्नो-स्कूटर, घोड़े वाले, ढाबे वाले, चाय वाले, स्थानीय उत्पाद बेचने वाले और टैक्सी वाले बेरोजगारी के शिकार हुए हैं। सोलंग नाला में रोजाना सैंकड़ों मानव परिंदे  (पैराग्लाइडर) आसमान में उड़ते थे लेकिन अब यह घाटी रंग-बिरंगे मानव परिंदों के बिना सूनी लग रही है। 
 
सोलंग नाला में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेकों बार पैराग्लाइडिग की है। मोदी जब हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे तो वह अपने मनाली प्रवास के दौरान सोलंग नाला में जरूर जाया करते थे। यही नहीं पर्यटकों के लिए रोमांच वाले इस साहसिक खेल को इस घाटी में सेना और अद्र्धसैनिक बलों के जवान सीखते रहे हैं। प्रशिक्षित पैराग्लाइडरों द्वारा हर साल यहां पर सैनिकों को पैराग्लाइडिग का प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। 
 
इससे पहले नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोहतांग में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई थी जिसके तहत अब रोजाना कुछ वाहन एक तय राशि चुकाकर परमिट प्राप्त कर रोहतांग जा सकते हैं। इस फैसले से भी मनाली के टैक्सी चालकों को धक्का लगा था। परन्तु अब मनाली के उक्त क्षेत्रों में पर्यटन से जुड़ी सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां बंद कर देने के आदेशों ने पर्यावरण प्रहरी के रूप से बेहतर भूमिका निभा रहे हिमाचल प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में मनाली और शिमला ही ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आतेहैं। 
 
पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि मनाली में घूमने के लिए सिर्फ रोहतांग, सोलंग नाला, मढ़ी और गुलाबा ही हैं जिनमें अब पर्यटन संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इस रोक के चलते अब पर्यटकों का आकर्षण मनाली के प्रति आने वाले वक्त में कम होगा। उधर फिल्मों की शूटिंग के लिए भी अधिकतर निर्देशकों की पसंद उक्त स्थल रहे हैं। ट्रिब्यूनल की रोक से अब आने वाले वक्त में बड़े पर्दे व छोटे पर्दे पर मनाली की ये वादियां देखने को नहीं मिलेंगी। 
 
एक तरफ जहां सब कुछ थम गया है वहीं साहसिक खेल पैराग्लाइडिग के लिए कांगड़ा जिला का बीड़-बिलिग क्षेत्र विदेशी मेहमानों के आने की तैयारियों के लिए जुट गया है। बीड़-बिलिग में इस बार 24 अक्तूबर से पैराग्लाइडिग वल्र्ड कप शुरू होने जा रहा है जिसके लिए अब तक 400 पैराग्लाइडरों ने आनलाइन पंजीकरण कर दिया है, जिनमें से अधिकतर विदेशी हैं। पहली बार भारत को पैराग्लाइडिग वल्र्ड कप की मेजबानी का अवसर मिला है। 15 सितम्बर से बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडरों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी जबकि सोलंग नाला में ये उड़ानें अब बंद हो चुकी हैं।       
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!