रेलवे में लगातार बढ़ रहे हैं महिलाओं के विरुद्ध अपराध, हत्या, डकैती, लूटपाट

Edited By ,Updated: 26 Jul, 2015 01:21 AM

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बेशक भारत को ‘सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी’ कहा जाता है परंतु अब भारतीय रेलगाडिय़ों में यात्रा करना भी खतरे से खाली नहीं रहा।

बेशक भारत को ‘सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी’ कहा जाता है परंतु  अब भारतीय रेलगाडिय़ों में यात्रा करना भी खतरे से खाली नहीं रहा। सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद लूटपाट, हत्या, डकैती व महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।  इनमें आम अपराधियों के अलावा रेलवे कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के सदस्यों तक की संलिप्तता पाई गई है। 

मात्र पिछले 2 वर्षों में रेलवे पुलिस ने अपराध के 75,289 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें लड़कियों को जबरदस्ती उठाने के 172 मामले भी शामिल हैं। यहां प्रस्तुत हैं हाल ही में रेलों में हुए विभिन्न अपराधों की चंद घटनाएं: 
 
* 24 अप्रैल को मध्य रात्रि के बाद आनंद विहार से सीतामढ़ी जा रही लिच्छवी एक्सप्रैस के महिलाओं तथा विकलांगों के डिब्बे को 10 से अधिक सशस्त्र डकैतों ने इलाहाबाद के निकट निशाना बनाया। उन्होंने डिब्बे में सवार होकर पहले शराब पी और फिर एक महिला को घायल करके 40 से अधिक यात्रियों से सब कुछ लूट कर चलते बने। 
 
* 3 जुलाई रात को मध्यप्रदेश में बैकुंठ और सिलयारी के बीच 7-8 युवकों ने कोरबा-विशाखापत्तनम ङ्क्षलक एक्सप्रैस को जंजीर खींच कर रोक लिया और स्लीपर कोच में यात्रा कर रही महिलाओं को लूटा। 
 
* 18 जुलाई रात को कटिहार से अमृतसर जाने वाली आम्रपाली एक्सप्रैस में बरौनी रेलवे स्टेशन के निकट सशस्त्र डकैतों ने जमकर लूट मचाई और  सी.आर.पी.एफ. के एक कमांडैंट से साढ़े 3 लाख रुपए के गहने और नकदी लूटने के अलावा दर्जन भर अन्य यात्रियों को भी लूट कर फरार हो गए। 
 
* 21 जुलाई को कासगंज से मथुरा जाने वाली गाड़ी से परिवार सहित मथुरा लौट रहे रॉकी नामक युवक को एटा के निकट जी.आर.पी. के 2 सिपाहियों ने चलती गाड़ी से नीचे फैंक दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
 
* 22 जुलाई रात को मध्यप्रदेश के महूगढ़ा स्टेशन पर कोटा-दमोह गाड़ी से गुना आ रहा रियाज मोहम्मद अपनी पत्नी का पर्स छीन कर भाग रहे लुटेरे के पीछे चलती गाड़ी से कूद गया जिससे उसकी एक बाजू कट गई। अपनी दूध पीती बच्ची को छोड़ कर रियाज के पीछे-पीछे उसकी पत्नी ने भी छलांग लगा दी और वह भी घायल हो गई। 
 
* 24 जुलाई को बिहार में हाजीपुर के निकट गंडक नदी के पुल के पास एक रेलगाड़ी में एक महिला ने कुछ लोगों द्वारा छेड़छाड़ का विरोध किया तो उन्होंने महिला को ही चलती गाड़ी से नीचे फैंक दिया। 
 
* 24 जुलाई को ही उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदरा राऊ रेलवे स्टेशन के निकट कासगंज-मथुरा पैसेंजर गाड़ी से मथुरा जा रहे राष्ट स्तरीय तलवारबाजी चैम्पियन ‘होशियार सिंह’ को रेलवे पुलिस के कर्मचारियों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई। 
 
होशियार सिंह के छोटे भाई मुनीष कुमार का आरोप है कि गाड़ी के महिला डिब्बे में उनकी मां और बीमार पत्नी अपने 10 महीने के बेटे के साथ यात्रा कर रही थीं। जब होशियार सिंह उनसे मिलने पहुंचा तो वहां तैनात जी.आर.पी. वालों ने उससे 200 रुपए रिश्वत मांगी। होशियार सिंह के इंकार करने पर उन्होंने उसे चलती गाड़ी सेे धक्का दे दिया। 
 
रेलगाडिय़ों में उगराही करने व खरीदारी करने जा रहे या लौट रहे कारोबारी, छात्र, नौकरीपेशा, विवाह-शादियों में जा रहे लोग, नवविवाहित जोड़े व अन्य लोग यात्रा करते हैं। उनके पास सामथ्र्य के अनुसार गहने, कपड़े, लत्ते व नकद राशि आदि भी होती है। ऐसे में यदि डिब्बे में यात्रा कर रहे इतने लोगों की मौजूदगी में उन्हें लूटने का सिलसिला शुरू हो जाएगा तब तो लोग रेलगाडिय़ों में यात्रा करने के नाम से ही डरने लगेंगे।
 
रेलगाडिय़ों में गुंडागर्दी के ये तो कुछ नमूने हैं व अधिकांश घटनाएं रात में ही होती हैं। स्पष्ट है कि रेलवे सुरक्षा बल अपना कत्र्तव्य संतोषजनक ढंग से निभाने में असफल लगते हैं। यदि प्रशासन ने इस रुझान पर जल्दी नकेल नहीं डाली तो भविष्य में स्थिति भयावह रूप ले सकती है। 
 

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