तृणमूल कांग्रेस में बढ़ रही दबंगई और गुंडागर्दी

Edited By ,Updated: 24 Sep, 2015 03:21 AM

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बंगाल में लगभग 34 वर्षों से लहरा रहा वामपंथी लाल झंडा उखाड़ कर मई 2011 में मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी को एक दबंग एवं तेज-तर्रार नेता के रूप में जाना जाता है।

बंगाल में लगभग 34 वर्षों से लहरा रहा वामपंथी लाल झंडा उखाड़ कर मई 2011 में मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी को एक दबंग एवं तेज-तर्रार नेता के रूप में जाना जाता है। प्रदेश के लोगों को उनसे बहुत आशाएं थीं परंतु अब उनमें और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भी वही कमजोरियां और बुराइयां घर कर गई हैं जिनके लिए वह दूसरों की आलोचना किया करती थीं। 

जहां ममता बनर्जी के भाई बब्बन और उसके दोस्तों व भतीजों आकाश तथा सांसद अभिषेक बनर्जी पर दबंगई एवं प्रतिद्वंद्वियों को धमकी देने के आरोप लग रहे हैं वहीं तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता और कार्यकत्र्ता भी दादागिरी पर उतरे हुए हैं जिसके उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैं। 
 
इसी वर्ष 23 जून को अभिषेक बनर्जी ने 24 परगना जिले में धमकी भरे अंदाज में कहा कि ‘‘जब तक ममता बनर्जी यहां हैं जो कोई भी बंगाल की जनता को आंखें दिखाएगा तो हम उसकी आंखें निकाल कर सड़क पर फैंक देंगे और यदि कोई हाथ उठाएगा तो हम उसका हाथ काट देंगे।’’ 
 
इसी वर्ष 23 जुलाई को ममता बनर्जी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘‘अध्यापकों का प्रत्येक स्तर पर सम्मान किया जाना चाहिए’’ परंतु इसके अगले ही दिन आसनसोल में तृणमूल कार्यकत्र्ताओं ने एक स्कूल अध्यापक जमालुद्दीन अंसारी को बुरी तरह पीट दिया। 
 
अंसारी के अनुसार, ‘‘तृणमूल वर्कर दनदनाते हुए स्कूल में घुसे और हंगामा शुरू कर दिया। मना करने पर उस समय तो वे चले गए लेकिन स्कूल की छुट्टी के बाद जब मैं घर लौट रहा था तो उन्होंने मेरी पिटाई कर दी।’’
 
इसी 20 सितम्बर को तृणमूल सदस्यों ने ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ कहावत चरितार्थ करते हुए कोलकाता के गरिया में एक बिल्डिंग सिंडीकेट पर कब्जा करने के लिए 2 लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया।
 
इसके अगले ही दिन मुर्शिदाबाद में कांदी नामक स्थान पर ममता बनर्जी के विश्वस्त सहयोगी शुभेंदु अधिकारी की रैली में सैंकड़ों तृणमूल कार्यकत्र्ता नाचते व हुड़दंग मचाते हुए पहुंचे जिनमें से एक दर्जन के लगभग कार्यकत्र्ता पिस्तौल लहरा रहे थे और विरोधियों के संबंध में अनाप-शनाप बोल रहे थे। 
 
बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी के अनुसार, ‘‘इस प्रकार की गुंडागर्दी का संदेश स्पष्ट है। वे अगले वर्ष होने वाले चुनावों से पूर्व लोगों में दहशत का माहौल कायम करना चाहते हैं लेकिन पुलिस को अपनी गुलाम बना कर तृणमूल कांग्रेस वाले आग से ही खेल रहे हैं।’’
 
इसी प्रकार माक्र्सी पार्टी के सांसद मोहम्मद सलीम का कहना है कि ‘‘यह घटना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि किस प्रकार तृणमूल कांग्रेस में सभी किस्म के लफंगे, ठग, गुंडे, डाकू और हत्यारे भर गए हैं।’’’
 
भाजपा के शामिक भट्टïाचार्य के अनुसार, ‘‘इस घटना से साबित हो जाता है कि बंगाल समाज विरोधी तत्वों का ‘हंटिंग ग्राऊंड’ बन गया है। समाज विरोधी खुले आम घूम रहे हैं तथा तृणमूल कांग्रेस उन्हें प्रश्रय  दे रही है।’’
 
उक्त घटना से कुछ ही दिन पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद इदरीस अली ने माक्र्सी पार्टी के वरिष्ठï नेता गौतम देव को धमकाते हुए कहा था कि ‘‘अगर तुमने ममता बनर्जी के विरुद्ध एक शब्द भी मुंह से निकाला तो हम तुम्हारी जुबान चीर देंगे और दोनों हाथ काट डालेंगे।’’
 
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार अब बंगाल देश के उन राज्यों में गिना जाने लगा है जहां गुंडागर्दी, अवैध शस्त्रों का धंधा, महिलाओं व पुलिस पर आक्रमण, राजनीतिक एवं अन्य अपराध तथा अपहरण आदि जोरों पर हैं।
 
हाल ही में बंगाल में हजारों बमों की बरामदगी और मालदा, मुॢशदाबाद, बर्दवान तथा बीरभूम जिलों में सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों द्वारा चलाए जा रहे अवैध हथियारों के कारखानों का पकड़ा जाना इस बात का स्पष्टï प्रमाण है कि राज्य में किस कदर लाकानूनी फैली हुई है। 
 
यहां तक कि किसी समय ममता बनर्जी के विश्वस्त रहे बंगला लेखक बोलान गांगुली ने भी कहा है कि ‘‘हमने एमरजैंसी में भी इतनी निर्लज्जतापूर्वक और खुले तौर पर हथियारों की ताकत का प्रदर्शन नहीं देखा था।’’ 
 
आज जिस तरह तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार, दबंगई और गुंडागर्दी चल रही है उससे ममता व उनकी पार्टी की छवि बुरी तरह धूमिल हो रही है और इसका लाभ आगामी चुनावों में विपक्ष उठा सकता है। 

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