गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हमला- पाकिस्तान द्वारा ‘सच्चाई’ छुपाने की कोशिश

Edited By ,Updated: 05 Jan, 2020 03:39 AM

attack on gurudwara sri nankana sahib  pakistan s attempt to hide  truth

शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हुए हमले की असलियत को छुपाने की पाकिस्तान सरकार द्वारा भरपूर कोशिश की जा रही है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग में पेश करके दुनिया को यह बताया जा रहा है कि वहां तो कुछ हुआ ही नहीं था। कुछ लोगों में यूं...

शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हुए हमले की असलियत को छुपाने की पाकिस्तान सरकार द्वारा भरपूर कोशिश की जा रही है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग में पेश करके दुनिया को यह बताया जा रहा है कि वहां तो कुछ हुआ ही नहीं था। कुछ लोगों में यूं ही तकरार-सी हो गई थी। सच्चाई यह है कि उत्तेजित मुसलमानों के एक भारी जनसमूह ने गुरुद्वारा पर आक्रमण करके पथराव किया और बिल्डिंग को भारी नुक्सान पहुंचाया। जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं उनसे बिल्डिंग और मुख्य द्वार को पहुंचे नुक्सान को पूरी तरह देखा जा सकता है। उग्र भीड़ ने सिख विरोधी और श्री गुरु नानक देव जी के अपमान में नारे लगाए और यहां तक कहा कि हम इस स्थान का नाम बदल कर गुलाम अली मुस्तफा रख देंगे। 

बिल्डिंग के अंदर 20 के करीब लोग थे। बताया गया है कि प्रदर्शन शुरू होने के कोई 45 मिनट बाद पुलिस वहां पहुंची और इकट्ठे हुए हुजूम को हटाने में उसे 4 घंटे लग गए। इसके विपरीत पाकिस्तान अपनी सरकारी विज्ञप्तियों में दुनिया को यह बतलाने की कोशिश कर रहा है कि कुछ लोगों की आपस में तकरार हो गई थी जिसे 2 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद रफा-दफा कर दिया गया। 

घटना के पीछे की सच्चाई
सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है और सामने आए वीडियोज और चित्रों तथा लन्दन से प्राप्त जानकार सूत्रों से पता चला है कि मामला बहुत गंभीर था जिस पर पर्दा डालने की कोशिश काफी देर से की जा रही थी। एक आग सी थी जो पकिस्तान के हिन्दू-सिख समाज के दिलों में अंदर ही अंदर सुलग रही थी लेकिन जिसका कोई समाधान ढूंढने का ठोस प्रयत्न नहीं किया जा रहा था, न तो पाकिस्तान सरकार द्वारा और न ही उन पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा जो समाज कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। समस्या थी हिन्दू-सिख लड़कियों के अपहरण, उनका धर्म परिवर्तन करके मुसलमानों के साथ जबरी शादी कर देने की। यह कुकर्म बरसों से जारी है। पाकिस्तान का हिन्दू-सिख समाज पीड़ित, बेबस यह जुल्म सह रहा है परन्तु न जाने क्यों भारतवासी व भारत सरकार इस अत्याचार के विरुद्ध विश्व मंच पर आवाज उठाने में चुप्पी साधे हुए हैं। 

शुक्रवार की घटना उसी गंभीर समस्या से संबंधित थी। गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के एक ग्रंथी की युवा बेटी का मुसलमानों द्वारा पिछले वर्ष अगस्त महीने में अपहरण करके धर्म परिवर्तन कर दिया गया और मोहम्मद अहसान नामक लड़के से उसकी जबरन शादी कर दी गई। माता-पिता, रिश्तेदारों और सिख समाज द्वारा की गई शिकायत पर लड़की जगजीत कौर को अदालत में पेश किया गया लेकिन वहां वही ड्रामा पेश किया गया जो पाकिस्तान बनने के बाद सिंध प्रांत में हजारों हिन्दू लड़कियों के साथ किया जाता रहा था। अंतर केवल यह था कि अब पहली बार इसे पाकिस्तान के पंजाब में खेला गया था और जुल्म का निशाना एक मासूम सिख लड़की को बनाया गया था। जगजीत कौर से भी अदालत में वही कुछ कहलवाया गया जो सिंध में हिन्दू लड़कियों को कहने पर मजबूर किया जाता रहा है अर्थात-‘‘मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है, इस मुसलमान लड़के के साथ मेरे सम्बन्ध होने की वजह से मैं अपनी खुशी से इसके साथ विवाह कर रही हूं और अपने मां-बाप के पास वापस नहीं जाना चाहती हूं, मैं बालिग हूं।’’ अदालतें इस पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा देती हैं कि लड़की ने चूंकि स्वयं इस्लाम कबूल किया है और बालिग है इसलिए कानून इजाजत देता है कि वह अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ले। उसे मां-बाप के घर वापस जाने पर मजबूर नहीं किया जा सकता। 

हिन्दू-सिख लड़की को यही कुछ कहने पर मजबूर किया गया
इस सिलसिले का कोई भी किस्सा उठा कर देख लीजिए, हर अपहृत हिन्दू-सिख लड़की को यही कुछ कहने पर मजबूर किया गया है। न जाने किसी ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया-न किसी पुलिस अधिकारी ने, न अदालत ने, न राजनीतिक नेताओं ने। इसकी रोकथाम का क्यों कोई उपाय करना जरूरी नहीं समझा गया? जगजीत कौर पर भी यही कहानी दोहराई गई लेकिन उसका पीड़ित परिवार खामोश नहीं बैठा। अन्य दुखी माता-पिता की तरह उसके बुजुर्ग मां-बाप ने भी अपनी बेटी की रिहाई की कोशिशें जारी रखीं। राजनीतिक दबाव डाला गया। उसके ग्रंथी पिता को बड़े-बड़े अधिकारियों और पंजाब गवर्नर के सामने पेश करके बहलाने-फुसलाने की कोशिश करके यह लिखवा लिया गया कि उसे जगजीत कौर का मुसलमान बनना, मुसलमान लड़के से शादी करके गुलजार नाम कबूल करना मंजूर है। 

भला यह कैसे मुमकिन है? कौन हिन्दू-सिख बाप यह स्वीकार कर सकता है। कैसी मजबूरी और बेबसी रही होगी, इसका तो केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है। जगजीत कौर के पिता और भाई ने भी उसकी वापसी के लिए संघर्ष जारी रखा। उनकी शिकायत परपुलिस ने कुछ समय बाद  6 अपराधियों में से 2को गिरफ्तार किया, बाकी भाग गए। अभी तक लापता हैं। जिस मोहम्मद अहसान लड़के के साथ जगजीत कौर की जबरन शादी की गई थी उसके भाई ने कुछ लोगों को इक_ा करके इन गिरफ्तारियों के खिलाफ जलूस निकाला जिसने गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हमला किया। इसी कहानी की लड़ी अभी बाकी है। पिता-भाई द्वारा दर्ज करवाए गए केस की अदालत में सुनवाई 9 जनवरी को है। पाकिस्तान सरकार द्वारा इस पर पर्दा डालने और दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की जा रही है। भारत में इसके विरुद्ध जोरदार आवाज उठनी चाहिए।-लंदन से कृष्ण भाटिया
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!