मोदी पर बी.बी.सी. का हमला

Edited By ,Updated: 25 Jan, 2023 06:25 AM

bbc on modi attack of

बी.बी.सी. की फिल्म को लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है। फिल्म का नाम है- ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’! यह फिल्म गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर बनी है। मैंने अभी तक यह फिल्म देखी नहीं है लेकिन भारत के 300 से भी ज्यादा नेताओं, अफसरों और पत्रकारों ने बयान...

बी.बी.सी. की फिल्म को लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है। फिल्म का नाम है- ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’! यह फिल्म गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर बनी है। मैंने अभी तक यह फिल्म देखी नहीं है लेकिन भारत के 300 से भी ज्यादा नेताओं, अफसरों और पत्रकारों ने बयान जारी करके इस फिल्म की भत्र्सना की है। इस फिल्म में गुजरात के दंगों और मुसलमानों की हत्या के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी के लिए जो कहा था, ‘‘मौत का सौदागर।’’ उस कथन को इसमें फिल्माया गया है। 

भाजपा के नेता इस फिल्म की कड़ी भत्र्सना कर रहे हैं। वे बी.बी.सी. को ही साम्राज्यवादी मानसिकता से ग्रस्त बता रहे हैं। उनका तर्क यह है कि जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ही मोदी को निर्दोष साबित कर दिया है तो बी.बी.सी. किस खेत की मूली है कि वह सोनिया गांधी के तेजाबी शब्दों को फिल्माए। लंदन में रहने वाले भारतीय इस फिल्म के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं और अदालत में भी जा रहे हैं लेकिन प्रामाणिक राय तभी व्यक्त की जा सकती है, जब पहले फिल्म देख ली जाए। 

लेकिन मुझे लगता है कि सच्चाई न इधर है और न ही उधर। वह कहीं बीच में है। यह तथ्य तो सबको पता है कि गुजरात के दंगों में हिंदू और मुसलमान दोनों मारे गए। जब दंगा शुरू हुआ, तब किसी को पता नहीं था कि वह इतना भयंकर रूप ले लेगा। जाहिर है कि सरकार को भी कुछ अंदाजा नहीं था कि यह रक्तपात उसके बूते के बाहर हो जाएगा। और फिर नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बने अभी थोड़ा ही समय हुआ था। उन्हें शासन चलाने का पहले कोई अनुभव भी नहीं था। गुजरात के दंगों में 1000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उनमें मुसलमानों की संख्या बहुत ज्यादा थी। 

उसी समय एक समाचारपत्र में मेरा एक लेख छपा था, जिसमें मैंने लिखा था कि गुजरात में राष्ट्रधर्म का उल्लंघन हो रहा है। राजा का धर्म है कि वह अपनी प्रजा की समान रूप से रक्षा करे। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सुबह-सुबह मुझे फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि ‘‘आज आपने कलम तोड़ दी। मेरे दिल की बात कह डाली।’’ अटल जी कुछ दिनों बाद मुसलमान शरणार्थियों के एक शिविर में अहमदाबाद गए और उन्होंने वहां मेरे कथन को दोहराया और कहा कि गुजरात में राजधर्म का पालन होना चाहिए। 

उन्हीं दिनों मैं भी गुजरात गया था। तत्कालीन राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी ने भी दंगों पर दुख व्यक्त करते हुए मुझसे कहा था कि आप अटल जी से कह कर मेरी भेजी रपट पढि़एगा। लेकिन अब 20-21 साल बाद उन दंगों की याद ताजा करने के पीछे इरादा क्या है? क्या भारत के ङ्क्षहदुओं और मुसलमानों के बीच दंगे करवाना है? जब से भारत में मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, क्या 2002 का गुजरात दोहराया गया है? क्या कहीं बड़े दंगे हुए हैं? 

यह ठीक है कि मोदी-राज में मुसलमान डरे हुए हैं लेकिन इसका कारण वे स्वयं हैं। मोदी ने इधर पसमांदा मुसलमानों के उद्धार के लिए जो बातें कहीं हैं, यदि उन पर अमल हो जाए तो क्या कहने। मुस्लिम औरतों को तीन तलाक से मुक्ति किसने दिलाई है? भारत में अभिव्यक्ति की पूरी आजादी है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। जब भारत ने इंदिरा गांधी के आपातकाल का मुंह काला करके उन्हें दंडित कर दिया तो उसकी जागरूक जनता को डराने की हिम्मत किस में है? देखना यह भी है कि इस फिल्म में जले-बुझे गोरे अंग्रेजों ने कहीं भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर प्रकारांतर से तो हमला नहीं किया है?-डा.वेदप्रताप वैदिक    
    

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!