10 बैंकों के महाविलय की दिशा में केंद्र सरकार का बड़ा कदम

Edited By ,Updated: 31 Aug, 2019 01:39 AM

big move of central government in the direction of the bank of 10 banks

लगातार आर्थिक सुधारों की दिशा में प्रयत्नशील नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 1 अप्रैल, 2017 को स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों का विलय किया और उसके बाद इस वर्ष 1 अप्रैल को बैंक आफ बड़ौदा में 2 बैंकों विजया बैंक व देना बैंक...

लगातार आर्थिक सुधारों की दिशा में प्रयत्नशील नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 1 अप्रैल, 2017 को स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों का विलय किया और उसके बाद इस वर्ष 1 अप्रैल को बैंक आफ बड़ौदा में 2 बैंकों विजया बैंक व देना बैंक का विलय किया। 

इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करके पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक पग उठाए जिनमें गत 23 अगस्त को बैंकों को 70,000 करोड़ रुपए का पैकेज देने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में अनेक रियायतें देना, होम एवं आटो लोन आदि सस्ते करना शामिल है। और अब एक सप्ताह बाद ही 30 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनेक सरकारी बैंकों के महाविलय की योजना की घोषणा की है। नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की भारत को 5 लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए अनेक पग उठाने की घोषणा करते हुए भविष्य में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की। 

इसके अनुसार पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया का आपस में विलय करके देश का दूसरा बड़ा बैंक बनाने की घोषणा की गई है जिनका संयुक्त व्यवसाय 17.95 लाख करोड़ रुपए का होगा। इसी प्रकार केनरा और सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक तथा कार्पोरेशन बैंक के अलावा इंडियन बैंक तथा इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा। वित्त मंत्री का कहना है कि इन सभी बैंकों के विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घट कर 12 रह जाएगी तथा बैंक आफ इंडिया और सैंट्रल बैंक आफ इंडिया पहले की तरह काम करते रहेंगे। 

श्रीमती सीतारमण ने बताया कि इस विलय के बाद बैंकों को चीफ रिस्क आफिसर की नियुक्ति करनी होगी जिनके पास बैंकों के निर्णय की समीक्षा करने का अधिकार होगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेतली ने भी 18 फरवरी, 2019 को कहा था कि आज बैंकिंग के क्षेत्र में कम खर्च के साथ काम करने के लिए देश को गिने-चुने लेकिन बड़े बैंकों की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के इस पग से बैंकों की वित्तीय क्षमता बढ़ेगी, वे अधिक राशि में विभिन्न उद्योगों को ऋण दे सकेंगे और एकजुट होने के परिणामस्वरूप विश्व के बड़े बैंकों की बराबरी पर आ सकेंगे।—विजय कुमार 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!