सदस्यता में कांग्रेस से कहीं आगे भाजपा

Edited By ,Updated: 29 Apr, 2019 04:52 AM

bjp ahead of congress in membership

जब आप 222 www.bjp.org पर  लॉगऑन करते हैं तो एक मैसेज आता है जो कहता है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की वैबसाइट में आपका स्वागत है। भारतीय जनता पार्टी में 10 करोड़ सदस्य हैं। युवा भारतीयों में प्रत्येक 10 में से 1 भाजपा का सदस्य है। यह काफी चौंकाने...

जब आप 222 www.bjp.org पर  लॉगऑन करते हैं तो एक मैसेज आता है जो कहता है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की वैबसाइट में आपका स्वागत है। भारतीय जनता पार्टी में 10 करोड़ सदस्य हैं। युवा भारतीयों में प्रत्येक 10 में से 1 भाजपा का सदस्य है। यह काफी चौंकाने वाला आंकड़ा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 2014 में 16 करोड़ वोट मिले थे और इनमें ज्यादातर हिस्सा भाजपा का था। इसका अर्थ यह है कि भाजपा के लगभग इतने सदस्य हैं जितने कि इसके मतदाता। पार्टी के आकार को समझने के लिए  दुनिया की सबसे बड़ी दूसरी पार्टी के बारे में बात करते हैं जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.सी.) है।

चीन एक ऐसा देश है जिसमें केवल एक ही पार्टी है। इस पार्टी के 9 करोड़ सदस्य हैं लेकिन इसकी सदस्यता हासिल करना आसान काम नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार, सेना, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी स्वामित्व वाले उपक्रमों में प्रत्येक बड़ा पद पार्टी के सदस्यों के पास है।  1921 में, इस पार्टी के केवल 57 सदस्य थे, 2014 में 2.2 करोड़ चीनी लोगों ने सी.पी.सी. की सदस्यता के लिए आवेदन किया और उनमें से केवल 20 लाख को ही पार्टी में शामिल किया गया। आवेदन करने के बाद पार्टी में शामिल होने के लिए एक वर्ष तक का समय लग जाता है। आवेदन में एक पत्र शामिल होना जरूरी होता है जिसमें यह लिखा गया हो कि कोई व्यक्ति सी.पी.सी. में विश्वास क्यों करता है। इसके बाद आवेदक को एक परीक्षा देनी होती है। यदि वह पास हो जाए तो उसकी आगे स्क्रीङ्क्षनग होती है, उसके बाद उसे 2 वर्तमान सदस्यों से अपनी सिफारिश करवानी पड़ती है तथा तब उसे प्रोबेशन पर स्वीकार किया जाता है। 

भाजपा अपनी सदस्यता को इस तरह से बाधित नहीं करती है हालांकि यह नि:शुल्क नहीं है। सदस्यता के लिए 5 रुपए लिए जाते हैं और उसके बाद स्वैच्छिक योगदान होता है जोकि कम से कम 100 रुपए है। इसलिए पार्टी में शामिल होने पर किसी भी व्यक्ति को कम से कम 105 रुपए का योगदान पार्टी को देना होता है। यदि सदस्य की यही परिभाषा है तो पार्टी ने केवल सदस्यों से ही 1000 करोड़ रुपए एकत्रित कर लिए हैं। यह काफी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके नीचे फार्म में दोबारा आजीवन सहयोग निधि के तहत पार्टी के लिए योगदान मांगा जाता है जो कम से कम 1000 रुपए है।

पाठकों को यह बात रोचक लग सकती है कि भाजपा का संविधान सभी सदस्यों से एक शपथ लेता है जिसमें यह लाइन शामिल होती है :  ‘‘मैं धर्मनिरपेक्ष देश और एक ऐसे राष्ट्र जो धर्म पर आधारित न हो की धारणा को स्वीकार करता हूं।’’ पार्टी को विचारधारा के तौर पर जानने वालों के लिए एक अन्य रोचक बात  यह है कि भाजपा का संविधान इन  पंक्तियों से शुरू होता है ‘‘स्थापित कानून के तहत मैं भारत के संविधान और समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा....’’ 

मिस्ड कॉल से सदस्यता
अमित शाह की अध्यक्षता में पार्टी ने मिस्ड कॉल के माध्यम से लोगों को पार्टी में लाने का कार्यक्रम शुरू किया। भाजपा इस नम्बर को विभिन्न साइटों और होॄडग्स पर विज्ञापित करती है। जो लोग इस नम्बर पर कॉल करते हैं उन्हें मैसेज भेजे जाते हैं और उन्हें कॉल की जाती है ताकि यह जाना जा सके कि क्या वह पैसे अथवा स्वैच्छिक सेवा का योगदान दे सकते हैं। ये लोग टैक्स्ट मैसेज अथवा कॉल   का क्या रिस्पांस देते हैं और क्या वे  समय या पैसे का योगदान देते हैं इस संबंध में प्रत्येक व्यक्ति का कम्प्यूटरीकृत रिकार्ड रखा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से पार्टी यह जान जाती है कि किन लोगों पर भरोसा किया जा सकता है। भाजपा का नेतृत्व ऐसे लोगों द्वारा किया जा रहा है जो मध्यम वर्ग में काफी लोकप्रिय हैं, ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि भाजपा की सदस्यता और इसके वालंटियर्स की संख्या में वृद्धि होती रहेगी। 

आर.एस.एस. का मजबूत सहारा 
इसके अलावा यह पार्टी दुनिया के सबसे बड़े गैर सरकारी संगठन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भरोसा कर सकती है। भारत में आर.एस.एस. की लगभग 55000 शाखाएं हैं। आर.एस.एस. के 6000 पूर्णकालिक प्रचारक हैं जो इस समय चुनाव ड्यूटी में नियुक्त किए गए हैं तथा उन्हें लोगों को संगठित करने के लिए वर्षों तक प्रशिक्षण दिया जाता है। आप आर.एस.एस. के किसी भी पहलू  से असहमत हो सकते हैं लेकिन आपको यह मानना पड़ेगा कि इसने  एक ऐसी सेना खड़ी की है जो निपुण है और एक उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ती है। कुल मिलाकर भाजपा के पास लोगों, नैटवर्क और पैसे के संदर्भ में दुनिया की सबसे ताकतवर राजनीतिक मशीनरी है। 

कांग्रेस पार्टी का एक मकसद यह होना चाहिए था कि यह अपने संगठनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करती ताकि भाजपा का मुकाबला कर पाती। हालांकि पिछले 15 वर्षों से राहुल गांधी के पार्टी में होने के बावजूद यह काम नहीं हो पाया है। महात्मा गांधी ने भारत में अपने पहले 15 वर्षों में चम्पारण, खेड़ा, खिलाफत, असहयोग और डांडी नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। आज के समय में कांग्रेस में जमीन पर इस तरह के कार्य नहीं हो रहे हैं। पार्टी के शुरूआती दशकों में जिस तरह से समाज को प्रेरित किया गया उस तरह की दूरदर्शिता आज मुझे  इस पार्टी में दिखाई नहीं देती। अपने विकास के क्रम में पार्टी ने कुछ हद तक जड़ों से सम्पर्क खो दिया है। 

कांग्रेस के पास वालंटियर्स का एक निकाय है जिसे सेवा दल कहा जाता है और इसकी स्थापना आर.एस.एस. से एक वर्ष पहले हुई थी। यह निकाय स्वतंत्रता से पहले  कांग्रेस के आंदोलनों को मैनपावर तथा अन्य प्रकार का समर्थन प्रदान करता था लेकिन आजादी के बाद यह काफी हद तक निष्क्रिय हो गया है जबकि आर.एस.एस. ने निरंतर उन्नति की है। सदस्यता, विशेषतौर पर भुगतान देकर सदस्यता लेना, किसी भी पार्टी की प्रसिद्धि का सच्चा संकेत है। यदि कांग्रेस युवा भारतीयों को देश के लिए अपनी गतिविधियों और दूरदर्शिता के आधार पर अपना सदस्य बनाना चाहती है तो उसे कड़ी मेहनत करनी होगी।-आकार पटेल 

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