सात बड़े राज्यों में उभर रहा भाजपा विरोधी गठजोड़

Edited By Pardeep,Updated: 07 Jul, 2018 04:15 AM

bjp emerging coalition alliance in seven big states

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी तैयारियों को भी धार देने में लग गए हैं। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में वृद्धि का जो फैसला लिया, उसे ऐसी ही तैयारी से जोड़ कर...

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी तैयारियों को भी धार देने में लग गए हैं। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में वृद्धि का जो फैसला लिया, उसे ऐसी ही तैयारी से जोड़ कर देखा जा रहा है। वहीं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी विरोधी मोर्चे को आकार देने में लगे हैं। 

हालांकि ऐसा कोई मोर्चा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बनेगा, इसके आसार तो कम हैं पर राज्यों में जरूर यह रणनीति अमल में लाई जा सकती है और सूत्रों की मानें तो अगर यह रणनीति कारगर रही तो भाजपा को लोकसभा की 250 से ज्यादा सीटों पर सीधी चुनौती मिल सकती है। देश के सात बड़े राज्यों में भाजपा विरोधी मोर्चे के आकार लेने की संभावना बन चुकी है। ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर। इन राज्यों में लोकसभा की 255 सीटें हैं। इनमें से तमिलनाडु को छोड़कर 6 राज्यों में भाजपा ने 2014 में 150 के करीब सीटें जीती थीं, जबकि उसके सहयोगी दलों ने 12 के लगभग। तमिलनाडु में भाजपा को एक ही सीट मिली थी। 

वहीं ए.आई.ए.डी.एम.के. (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम) ने 37 सीटें जीती थीं। चुनाव के बाद ए.आई.ए.डी.एम.के. का झुकाव भी लगातार भाजपा और उसके नेतृत्व वाले राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की तरफ  रहा है। यानी इन्हीं राज्यों के बलबूते भाजपा देश के सियासी और चुनावी इतिहास में पहली बार अपने बलबूते लोकसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर सकी थी। लिहाजा इन्हीं राज्यों को विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस ने सबसे पहले अपनी भाजपा विरोधी रणनीति के केंद्र में रखा है। 

सूत्र बताते हैं कि इन राज्यों में कौन-कौन से विपक्षी दल साथ आएंगे, कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, इन तमाम चीजों के बारे में स्थिति तभी साफ होगी जब लोकसभा चुनाव कार्यक्रम के बारे में पता चल जाएगा। अलबत्ता इतना फिर भी तय है कि इन राज्यों में भाजपा प्रत्याशियों को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवारों से सीधी चुनौती मिल सकती है। मसलन, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गठबंधन लगभग तय है। इसमें कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हो सकते हैं। इसी तरह बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शरद यादव और जीतनराम मांझी की पाॢटयां एक साथ आ सकती हैं। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और बाबूलाल मरांडी की पार्टी का गठबंधन हो सकता है। कर्नाटक में जनता दल (सैकुलर), कांग्रेस और बसपा साथ आ सकते हैं। 

तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम तथा कांग्रेस के साथ अभिनेता कमल हासन की पार्टी भी जुड़ सकती है। ऐसे ही महाराष्ट्र में राकांपा-कांग्रेस के साथ स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, बहुजन विकास अगाड़ी, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अम्बेदकर) और आर.पी.आई. गवई जैसे दल एक साथ आ सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) को भी नैशनल कांफ्रैंस गठजोड़ से जोडऩे की कोशिश की जा रही है।-सी.एल. मनोज

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