वापसी को लेकर आश्वस्त नहीं भाजपा

Edited By ,Updated: 15 May, 2019 04:03 AM

bjp not confident about withdrawal

अपने घटते हुए जनाधार को देख कर भगवा परिवार ने दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़े शो और तमाशे करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी  ताकि लोगों को यह दिखाया जा सके कि उनकी प्रसिद्धि अब भी बरकरार है। इसकी बोली बोलने वाले चैनल पूरा दिन इसी मंत्र का जाप करते...

अपने घटते हुए जनाधार को देख कर भगवा परिवार ने दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़े शो और तमाशे करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी  ताकि लोगों को यह दिखाया जा सके कि उनकी प्रसिद्धि अब भी बरकरार है। इसकी बोली बोलने वाले चैनल पूरा दिन इसी मंत्र का जाप करते रहे कि मोदी के आह्वान पर दिल्ली वाले भाजपा के रोड शो में जुट रहे हैं। लेकिन इस रोड शो में केवल भाजपा के वफादार ही पहुंचे अथवा बाहर से लोगों को लाया गया। दिल्ली में जन जीवन सामान्य रहा लेकिन अन्य प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किए गए रोड शो में हजारों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इससे यह स्पष्ट संदेश मिला कि हवा भगवा परिवार के पक्ष में नहीं है।

प्रधानमंत्री ने एक लम्बा भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके प्रति सबसे ज्यादा अपशब्दों का प्रयोग किया गया। उन्होंने इस दौरान 51 गालियां गिनाईं जिनका प्रयोग विपक्षी दलों द्वारा इन चुनावों में उनके प्रति किया गया। प्रधानमंत्री का बाकी भाषण उनके पुराने भाषणों का दोहराव था जिसे वह सैंकड़ों बैठकों में कह चुके हैं। इन बातों में कोई भी ऐसी नई बात नहीं थी जो दिल्ली वाले न जानते हों। दिल्ली के लोग अनेक नागरिक सुविधाओं के अभाव में रह रहे हैं जबकि यहां के तीन नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा है। आए दिन सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण हड़ताल करते हैं-शहर में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और अनधिकृत कालोनियों में रह रहे करोड़ों लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। 

चुनाव के समय भाजपा नेता इन बस्तियों का दौरा करते हैं और इन वंचित लोगों के साथ बैठकर खाना खाने का नाटक करते हैं। ये लोग कई तरह के वायदे करते हैं तथा चुनाव के बाद सब कुछ भूल जाते हैं। शानदार इतिहास वाली दिल्ली आज खराब स्थिति में है। प्रधानमंत्री के पास इस ऐतिहासिक शहर और इसके नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है जो गंदगी वाली स्थितियों में रहने के लिए मजबूर हैं। भाजपा ने शहर को एक स्लम में बदल दिया है क्योंकि यहां अनधिकृत निर्माण से नेताओं को खूब पैसा मिलता है। यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि शहर में बेहतरी के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। गलियों में केवल बच्चे भीख मांगते दिखते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को भीख मांगने के लिए छोड़ दिया जाता है जोकि प्रधानमंत्री के लिए शर्म की बात है जो दुनिया के सामने भारत की तरक्की का दावा करते फिरते हैं। ताकतवर लोग फाइव स्टार होटल के पीछे रहते हैं जबकि आम लोगों को गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत करना भी मुश्किल है। 

अपने उत्कृष्ट इतिहास का दावा करने वाली भाजपा वर्तमान को भूल जाती है लेकिन जनता सब कुछ जानती है। उन्होंने भाजपा का नाटक देख लिया है। यही कारण है कि 5 साल तक देश पर शासन करने के बावजूद पार्टी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है और प्रधानमंत्री तथा पार्टी अध्यक्ष आर.एस.एस. की पूरी ताकत साथ होने के बावजूद सत्ता में वापसी के प्रति आश्वस्त नहीं है।-एस.के. मित्तल

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