यौन शोषण के मामले : कैथोलिक्स अपना विश्वास बनाए रखने को लेकर दुविधा में

Edited By Pardeep,Updated: 10 Oct, 2018 04:45 AM

cases of sexual exploitation catholics dilemma about maintaining their faith

मेगन मैक्कैबे का जन्म एक कैथोलिक परिवार में हुआ था, उसने कैथोलिक हाई स्कूल तथा कालेज में शिक्षा प्राप्त की और अब एक कैथोलिक विश्वविद्यालय में पढ़ाती है। मगर अगस्त में पेंसिल्वेनिया ग्रैंड ज्यूरी की एक रिपोर्ट, जिसमें राज्य में धर्मगुरुओं द्वारा यौन...

मेगन मैक्कैबे का जन्म एक कैथोलिक परिवार में हुआ था, उसने कैथोलिक हाई स्कूल तथा कालेज में शिक्षा प्राप्त की और अब एक कैथोलिक विश्वविद्यालय में पढ़ाती है। मगर अगस्त में पेंसिल्वेनिया ग्रैंड ज्यूरी की एक रिपोर्ट, जिसमें राज्य में धर्मगुरुओं द्वारा यौन शोषण के 1000 से अधिक मामलों बारे खुलासा किया गया था, के जारी होने के बाद 32 वर्षीय मैक्कैबे एक महीने से भी अधिक समय से किसी मास यानी धार्मिक समागम में शामिल नहीं हुई है। 

मैक्कैबे ने भावुक होते हुए बताया कि एक समय ऐसा भी आया था जब उसे यह महसूस हुआ कि इस संस्था में अब कोई अच्छाई नहीं रह गई है। इस वर्ष चर्च को झकझोर कर रख देने वाले यौन शोषण के घोटालों ने देश के कुछ सर्वाधिक समर्पित कैथोलिक्स के सामने प्रश्र खड़ा कर दिया है कि कैसे वे अपने लम्बे समय से चले आ रहे विश्वास का इस संस्था की सच्चाइयों के साथ सामंजस्य बनाएं। उनके लिए एक बार दिए गए निर्णय, जैसे कि मास में शामिल होना है या नहीं, अपने बच्चों को कैथोलिक स्कूल में भेजना और यहां तक कि अपने बच्चों का बपतिस्मा करवाना, अचानक दुखदायी बन गए हैं। 

जॉर्जटाऊन यूनिवर्सिटी स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था सैंटर फॉर अप्लाइड रिसर्च इन द एपोस्टोलेट के मुताबिक 2017 में अमरीका में 7.43 करोड़ कैथोलिक थे, जो मात्र 2 वर्ष पूर्व 8.16 करोड़ के मुकाबले कम हैं। इस सप्ताह जारी किए गए प्यू रिसर्च सैंटर के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि कैथोलिक में से 72 प्रतिशत पोप फ्रांसिस के निष्पादन को पसंद करते हैं, जो इस वर्ष के शुरू होने से लेकर अब तक उनके धर्माध्यक्ष के पद के संबंध में सबसे कम संख्या है। 60 प्रतिशत से अधिक अमरीकी कैथोलिक यह मानते हैं कि यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए वह ठीक-ठाक अथवा अपर्याप्त कार्य कर रहे हैं। मियामी के आर्कबिशप थॉमस वेंस्की का कहना है कि उनके लोग अभी भी परमात्मा में विश्वास करते हैं मगर वे अब उनमें (धर्माचार्य) विश्वास नहीं करते। 

मैक्कैबे 2002 में बोस्टन के बाहर स्थित हाई स्कूल में थी जब पहली बार चर्च में यौन शोषणों बारे विस्तारपूर्वक रिपोर्ट दी गई। यद्यपि मत-संग्रह दर्शाते हैं कि घोटाले के मद्देनजर चर्च में उपस्थिति में तीव्र गिरावट आई है, मैक्कैबे को याद नहीं कि उसने कभी स्कूल अथवा घर पर इस बारे काफी बात की हो। उसने बताया कि उसे समझ नहीं है कि स्थितियां कितनी खराब थीं। वर्तमान में वाशिंगटन के स्पोकेन स्थित गोन्जागा यूनिवर्सिटी में धार्मिक अध्ययनों की एक प्रोफैसर, मैक्कैबे अब एक वयस्क के तौर पर चर्च के इतिहास का सामना कर रही है। पेंसिल्वेनिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसने कहा कि इसने उसे चोट पहुंचाई है और इसे दबाने के स्तर से उसे और भी खराब महसूस हुआ है। 

अपने परिवार में केवल वही एक धर्मपरायण व्यक्ति नहीं है, जो इस बात को लेकर संघर्षरत अथवा दुविधा में है। उसकी सास मैरीबेथ ब्राऊन तब से कैथोलिक मास में जा रही है जब वह एक बच्ची थीं। हालांकि वह यह स्पष्ट करने को लेकर दुविधा में है कि हालिया घोटालों के बीच वह अभी भी क्यों जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यह एकमात्र चीज है जो उन्होंने अपने पूरे जीवन में जानी है। 63 वर्षीय मैरीबेथ ने याद करते हुए बताया कि कैसे वह अपने आप से प्रश्र करने लगी थीं कि उन्हें क्या करना चाहिए, जब कैलीफोर्निया की ऑरेंज काऊंटी के पादरी हलके, जहां उन्होंने अपने सभी 4 बच्चों का बपतिस्मा करवाया था, के पादरी को वयस्क महिलाओं के साथ अफेयर्स तथा किशोरियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बीच 2001 में हटा दिया गया था। 

उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत चोट पहुंची थी मगर वह चर्च से जुड़ी रहीं। श्रीमती ब्राऊन का मानना है कि 2002 के संकट के बाद चर्च अधिकारियों ने समस्या का समाधान कर लिया है। हाल ही में यद्यपि ये रिपोर्टें आई हैं कि धर्मगुरु, जिन्होंने अतीत में पादरियों द्वारा किए गए यौन शोषणों के मामलों को दबाने में मदद की थी अथवा जिन पर खुद शोषण का आरोप लगा था, सत्ता के पद पर बने हुए हैं। मैरीबेथ ने कहा कि वह इससे घृणा करती हैं, ऐसा अब नहीं होना चाहिए। उन्होंने परमात्मा में अपने विश्वास को चर्च के नेतृत्व के साथ अपनी निराशा से अलग करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि जहां तक उनके शामिल होने तथा भावनाओं का संबंध है वह अब उसकी आदी हो गई हैं बल्कि यह उनका बलिदान अधिक है। उनके पादरी फादर ब्रैंडन मैसन बोस्टन में धार्मिक शिक्षक थे जब 2002 में घोटाला सामने आया और अब वह कैलीफोॢनया के डाना प्वाइंट में सेंट एडवर्ड द कन्फैसर एकत्र का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने कहा था कि यह वर्ष ‘भिन्न है’। 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल आगे बढ़ते रहना चाहते हैं-हमेशा की तरह। यह उनके पादरी हलके में नहीं होता। वे जवाबदेही चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि सभी कैथोलिक्स को धर्म में विश्वास के संकट का सामना करना पड़ रहा है। कैलीफोर्निया के आर्टेसिया, जहां एक बिशप ने आल्टर से घोटाले की बात की, में हाल ही में सर्विस के बाद 46 वर्षीय ग्रेस रूइज ने बताया कि औसत या मध्यम स्तर के कैथोलिक्स ही चर्च से किनारा कर रहे हैं। ये सभी चीजें केवल कैथोलिक्स के साथ ही नहीं हो रहीं, वे केवल कैथोलिक्स को ही चिन्हित कर रहे हैं। मगर गिरजाघरों में बहुत-सी कड़ी प्रतिक्रियाएं श्रद्धालुओं के गुस्से से सामने आईं कि उन्होंने यौन शोषणों के बारे में क्या सीखा है और कैसे उनके नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। 

पेंसिल्वेनिया रिपोर्ट जारी होने के बाद पहले रविवार को एक अन्य जीवनपर्यन्त कैथोलिक मैरी ब्रैडफोर्ड, जिसके पति को उनकी शादी से पहले कैथोलिसिज्म में कन्वर्ट किया गया था, गुस्से में एनापोलिश चर्च से इसलिए बाहर आ गई थी क्योंकि पादरी ने यौन शोषण के पीड़ितों का जिक्र करने से पहले पादरी हलके के लोगों को चर्च के लिए प्रार्थना करने को कहा था। परिवार अभी भी चर्च के कार्यक्रमों में शामिल हो रहा है मगर 38 वर्षीय ब्रैडफोर्ड ने हाल ही में अपने पति को किसी अन्य गिरजाघर में जाने का सुझाव दिया। उसने कहा कि जो संदेश वह अभी भी प्राप्त कर रही हैं वह यह कि हम कैसे सुनिश्चित करें कि हर कोई चर्च में रुका रहे। उसकी राय में चर्च को एक बार फिर से शुरूआत करने की जरूरत है।-इयान लोवेट

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