खांसी-सर्दी को नजरंदाज करना कानों की श्रवण शक्ति के लिए हानिकारक

Edited By Pardeep,Updated: 27 Dec, 2018 05:09 AM

coughing and coughing are harmful for ear hearing

खांसी तथा सर्दी को नजरंदाज करना सुनने की क्षमता में गम्भीर समस्या अथवा कमी का कारण बन सकता है। ये नतीजे मुम्बई के फोर्ट स्थित सेठ आत्मासिंह जस्सासिंह बांकेबिहारी ईयर-नोज हास्पिटल के अध्ययन में सामने आए हैं जिसने सर्दी तथा खांसी के 90 प्रतिशत रोगियों...

खांसी तथा सर्दी को नजरंदाज करना सुनने की क्षमता में गम्भीर समस्या अथवा कमी का कारण बन सकता है। ये नतीजे मुम्बई के फोर्ट स्थित सेठ आत्मासिंह जस्सासिंह बांकेबिहारी ईयर-नोज हास्पिटल के अध्ययन में सामने आए हैं जिसने सर्दी तथा खांसी के 90 प्रतिशत रोगियों को कान की समस्याओं से पीड़ित पाया।

डाक्टरों के अनुसार 15 महीनों के समय (जनवरी 2017 से मार्च 2018) के दौरान लगभग 1600 लोगों ने अपने कानों के आप्रेशन करवाए, जिनमें से 10 प्रतिशत को हैडफोन्स के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण कानों की समस्याएं थीं। अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दीपिका राणा ने बताया कि हैडफोन्स का अत्यधिक इस्तेमाल कानों की समस्याओं के लिए प्रमुख कारणों में से एक है। प्रदूषण, खांसी तथा सर्दी इस समस्या में वृद्धि करने में और अधिक योगदान डालते हैं। 

एक अन्य चिकित्सा अधिकारी डा. अतुल वाइकोले ने बताया कि प्रतिमाह लगभग 100 रोगी अस्पताल में कानों के आप्रेशन करवाते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर रोगियों को सर्दी के मौसम के दौरान मौसमी वायरल संक्रमण होता है। बुखार के अतिरिक्त रोगियों को बदन दर्द भी हो सकता है और शीघ्र ही उनको कानों की तीव्र पीड़ा शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि चूंकि कानों की पेचीदगियों को लेकर बहुत कम जागरूकता है इसलिए अपनी बीमारियों की जांच के लिए बहुत कम लोग अस्पताल जाते हैं। कूपर अस्पताल के ई.एन.टी. स्पैशलिस्ट डा. विनोद गीते ने कहा कि लोगों को जानना चाहिए कि कान एक महत्वपूर्ण तथा संवेदनशील अंग है और यदि इसकी उचित देखभाल न की जाए तो भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं। 

डा. गीते ने भी पुष्टि की कि जानकारी के अभाव में कम लोग अस्पताल जाते हैं। वे केवल तब अस्पताल में जाने के बारे में सोचते हैं जब समस्या गम्भीर अथवा पेचीदा बन जाती है। वरिष्ठ डाक्टर तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लोगों को कानों की समस्या होने पर अपने आप दवा न लेने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे सुनने की शक्ति समाप्त हो सकती है। एक अन्य डाक्टर ने बताया कि बहुत से लोग कानों में खुजली की शिकायत करते हैं और इसके लिए वे हेयरपिन, कपड़े या कागज के टुकड़े और यहां तक कि ईयरबड्स का भी इस्तेमाल करते हैं जिनसे बचना चाहिए क्योंकि वे कैनाल के क्षरण का कारण बनते हैं जिसके परिणामस्वरूप फंगल इंफैक्शन्स होती हैं। इसके साथ ही ईयरबड के अत्यधिक इस्तेमाल से कई बार ईयर ड्रम को भी नुक्सान पहुंचता है, जिस कारण दर्द होता है तथा सुनने में कमी आती है।-एस. मिश्रा

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