दिल्ली विधानसभा चुनाव : अकाली ‘खाली हाथ’

Edited By ,Updated: 23 Jan, 2020 04:06 AM

delhi assembly election akali  empty handed

इस कालम के नियमित पाठक जानते हैं कि काफी समय से इस कालम में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को चेतावनी देने के साथ ही यह संकेत भी दिया जा रहा था कि भाजपा के साथ सीधे जुड़े चले आ रहे सिखों, दिल्ली प्रदेश भाजपा के सिख प्रकोष्ठ और राष्ट्रीय सिख संगत के मुखियों...

इस कालम के नियमित पाठक जानते हैं कि काफी समय से इस कालम में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को चेतावनी देने के साथ ही यह संकेत भी दिया जा रहा था कि भाजपा के साथ सीधे जुड़े चले आ रहे सिखों, दिल्ली प्रदेश भाजपा के सिख प्रकोष्ठ और राष्ट्रीय सिख संगत के मुखियों की ओर से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में सिखों का समर्थन प्राप्त करने के लिए वह बादल अकाली दल पर निर्भर न रहे, अपितु अपने साथ सीधे जुड़े चले आ रहे सिखों पर भरोसा करें। 

यह दबाव बनाते हुए इन सिख मुखियों की ओर से इसका कारण यह बताया जा रहा था कि इस बार शिरोमणि अकाली दल (बादल) के गंभीर फूट का शिकार हो जाने के कारण सिखों में उसका आधार बहुत ही कमजोर हो गया है,इसके साथ ही यह संकेत भी दे दिया गया था कि दिल्ली में बदले राजनीतिक समीकरणों के चलते भाजपा के लिए दिल्ली विधानसभा की एक-एक सीट के लिए अपने ही उम्मीदवारों का चयन कर पाना चुनौती बन गया है, जिस कारण उसे अपने पार्टी उम्मीदवारों तक का चयन करने में भी बहुत  सावधानी से काम लेना पड़ रहा है। 

बादल अकाली दल के मुखियों के लिए यह संकेत यह चेतावनी भी था कि वे भाजपा के दरबार में अपने लगातार खिसकते चले आ रहे आधार को संभाले रखने के लिए विधानसभा चुनावों के लिए सीटों हेतु अपना दावा पेश करते हुए बहुत ही सावधानी से काम लें। बताया गया है कि उसके मुखियों, विशेष रूप से अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, जो जमीनी सच्चाई को समझने और स्वीकारने के स्थान पर हवाओं में उड़ रहे थे, ने स्थिति की गंभीरता को समझने की कोशिश न करते हुए, पहले से ही मिलती चली आ रही 4 सीटों को ही बचाए रखने के प्रति गंभीर होने के स्थान पर भाजपा नेतृत्व के सामने 4 से बढ़ा 8 से 10 सीटों तक पर अपना दावा पेश कर दिया।

जिसका परिणाम यह हुआ कि वे पहले वाली 4 सीटों को भी गंवा बैठे और नाक बचाने के लिए यह दावा करना शुरू कर दिया कि दल की ओर से नागरिकता संशोधित कानून के विरोध की नीति अपनाए जाने के चलते दल को भाजपा-अकाली गठजोड़ के तहत निश्चित सीटें नहीं मिल पाईं, अत: दल के नेतृत्व ने इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव न लडऩे का फैसला किया है। वे ऐसी आधारहीन बातें करते हुए, यह भूल जाते हैं कि आज का मतदाता बहुत समझदार है और सब कुछ जानता है, अत: उसे ऐसी आधारहीन बातों से भरमाया नहीं जा सकता। 

जी.के. की प्रतिक्रिया
इधर नवगठित ‘जागो’ पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने बादल अकाली दल के इस दावे को झुठलाते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि पंजाब विधानसभा चुनावों में इनकी जो फजीहत हुई, उससे भाजपा नेतृत्व जान चुका है कि बादल अकाली दल अब कितने पानी में है। जी.के. ने दावा किया कि यह तो उन्होंने अपने पिता जत्थेदार संतोख सिंह और अपने अध्यक्षता काल में सिखों के हितों और गुरुद्वारा कमेटी में किए कार्यों के चलते दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पिछले चुनावों में रिकार्ड जीत हासिल कर, दल की लाज बचा ली थी। 

उन्होंने कहा कि उस बचाई गई लाज को भी बादल दल के मुखियों ने अपनी नकारात्मक नीतियों के सहारे, फिर से अर्श से फर्श पर ला पटका है। उसी का परिणाम है कि सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा नेतृत्व के साथ सीटों का लेन-देन करने के लिए जो 3 सदस्यीय कमेटी बनाई थी, उसे भाजपा नेतृत्व ने घास तक नहीं डाली। जी.के. ने दावा किया कि बीते दिनों दिल्ली में हुए ‘सफर-ए-अकाली लहर’ समारोह ने भी बादल अकाली दल की किरकिरी करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

चौरासी का जिन्न फिर बाहर
बताया गया है कि 2013 में केंद्र में पहली भाजपा सरकार का गठन होने के बाद सिख संस्थाओं की ओर से उस पर दबाव बनाया जाने लगा था कि सी.बी.आई. द्वारा नवम्बर-84 के सिख हत्याकांड से संबंधित बंद कर दिए गए मामलों को फिर से खुलवा कर उन पर कार्रवाई की जाए। जिसके चलते केंद्रीय सरकार ने गृह विभाग के अधीन विशेष जांच दल का गठन कर यह जिम्मेदारी उसे सौंप दी। बताया जाता है कि उस विशेष जांच दल ने सी.बी.आई. के फैसले पर ही मोहर लगाना शुरू किया तो उस पर शंका प्रकट करते हुए दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सदस्य गुरलाड सिंह काहलों ने सर्वोच्च न्यायालय में जाकर गुहार लगाई कि नवम्बर-84 के सिख हत्याकांड से संबंधित जिन मामलों को सी.बी.आई. द्वारा बंद कर दिया गया है, उनकी पुन: जांच वह अपनी निगरानी में करवाए। 

इस संबंधी गुरलाड सिंह द्वारा पेश किए गए तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने 11 जनवरी, 2018 को जस्टिस एस.एन. ढींगरा (सेवामुक्त) के नेतृत्व में सेवामुक्त आई.पी.एस. राजदीप सिंह, आई.पी.एस. अभिषेक दुलार को शामिल कर 3 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन कर दिया। इस दल के एक सदस्य सेवामुक्त आई.पी.एस. राजदीप ने निजी कारणों से इस जिम्मेदारी को संभालने से मना कर दिया। फलस्वरूप तीसरे सदस्य की नियुक्ति की प्रतीक्षा में जांच आरंभ न हो सकी। जब काफी समय तक विशेष जांच दल के तीसरे सदस्य की नियुक्ति न हुई तो गुरलाड सिंह एक बार फिर अदालत की शरण में जा पहुंचे। अदालत ने उनका पक्ष सुनने के बाद 2 सदस्यों पर आधारित दल को ही अपना जांच कार्य शुरू करने का आदेश दे दिया।

बताया जाता है कि इस 2-सदस्यीय जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट पिछले वर्ष जून में अदालत को सौंप दी और उसे कार्रवाई करने की स्वीकृति हासिल करने के लिए अदालत ने केंद्रीय सरकार के पास भेज दिया। लंबी सोच-विचार के बाद सरकार ने इसे अपनी स्वीकृति के साथ अब जाकर अदालत को लौटाया है। अब देखना होगा कि इस रिपोर्ट पर कार्रवाई कब शुरू हो पाती है।

‘सफर-ए-अकाली लहर’ का अगला समारोह हरियाणा में 
बीते दिनों ‘बादल नहीं, बदलाव’ नारे के साथ दिल्ली में आयोजित किए गए ‘सफर-ए-अकाली लहर’ को मिली अपूर्व सफलता से उत्साहित हो उसके आयोजकों ने इस लहर को जारी रखने के इरादे के साथ उसका अगला एपिसोड हरियाणा और उसके बाद का पंजाब में आयोजित किए जाने का फैसला किया है। बताया गया है कि इनके लिए अंतिम तारीखों और स्थान की घोषणा स्थानीय पंथक जत्थेबंदियों के मुखियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद की जाएगी। 

...और अंत में
भाजपा के कैडर द्वारा जब दिल्ली विधानसभा के चुनावों में बादल अकाली दल के कोटे में किसी को भी टिकट न दिए जाने की पैरवी की जा रही थी, तो उसी बीच बादल अकाली दल के एक वरिष्ठ मुखी द्वारा सीना ठोंक कर दावा किया जा रहा था कि भाजपा कैडर के विरोध और सुखबीर सिंह बादल की सिफारिश से भी अधिक भारी उसका ‘लिफाफा’ होता है, जिसके चलते उसका टिकट कोई भी काट नहीं सकता। इस दावे के बावजूद दूसरों के साथ उसका टिकट भी कट जाना हैरानी पैदा करता है।-न काहू से दोस्ती न काहू से बैर जसवंत सिंह ‘अजीत’
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!