हीरा व्यापारी ने बेटों के नाम ‘दुर्योधन व रावण’ तथा घर का ‘मृत्यु’ रखा

Edited By ,Updated: 16 Oct, 2019 01:42 AM

diamond merchant named the sons duryodhana and ravana and death of the house

गुजरात के बाबू वघानी ने हीरों के व्यवसाय के माध्यम से अपनी किस्मत खुद बनाई लेकिन उनकी चर्चा उनके द्वारा अंधविश्वास को दी गई चुनौती के चलते ज्यादा होती है। बाबू वघानी कई साल पूर्व जब पहली बार पिता बने थे तो उन्होंने अपने बेटे का नाम भारतीय पौराणिक...

गुजरात के बाबू वघानी ने हीरों के व्यवसाय के माध्यम से अपनी किस्मत खुद बनाई लेकिन उनकी चर्चा उनके द्वारा अंधविश्वास को दी गई चुनौती के चलते ज्यादा होती है। बाबू वघानी कई साल पूर्व जब पहली बार पिता बने थे तो उन्होंने अपने बेटे का नाम भारतीय पौराणिक कथाओं के कुख्यात खलनायक ‘रावण’ के नाम पर रखा था। लोगों को काफी आश्चर्य हुआ लेकिन वघानी को इस नाम में कोई बुराई नहीं दिखी। 

वघानी ने अपने दूसरे बेटे का नाम महाभारत के खलनायक ‘दुर्योधन’ के नाम पर रखा, जिसने पांडवों की पत्नी द्रौपदी पर बुरी निगाह रखी थी। इसके बाद वघानी को लगा कि उनके बेटों के अजीबोगरीब नाम समाज की भौंहें उठाने के लिए काफी नहीं हैं, इसलिए उन्होंने अपने घर में प्रयोग किया। वघानी ने अपने घर को वास्तु के हर सिद्धांत के विपरीत बनवाया और फिर उसका बेहद अटपटा नाम भी रखा- ‘मृत्यु’।

कोई बुराई नहीं 
कक्षा 8 तक पढ़े वघानी कहते हैं कि अंधविश्वास के लिए उनके जीवन में कोई जगह नहीं है। इसे वह बचपन से ही समझते हैं। स्कूल छोडऩे के बाद भी वघानी का पढ़ाई से मोह नहीं छूटा था। इसलिए उन्होंने ईश्वर के विचारों को समझने के लिए धार्मिक और दार्शनिक लेख पढ़े। वघानी ने लाओ-त्से, कन्फ्यूशियस, मोसेस, शिंतो, मोहम्मद, जीसस, महावीर, बुद्ध सबको पढ़ा है। वघानी को अपने बेटों के नाम मानव प्रकृति का स्याह पक्ष का प्रतीक माने जाने वाले पौराणिक पात्रों के नाम पर रखने में कोई बुराई नहीं दिखती। 

पुतलों की बजाय अंधविश्वास को जलाएं
वघानी कहते हैं लोगों को रावण का पुतला जलाने के बजाय धर्म से जुड़े अंधविश्वासों को जलाना चाहिए। मूल रूप से भावनगर जिले के गरियाधर में रहने वाले वघानी 1965 में सूरत में बसे थे। उन्होंने हीरों को पॉलिश करने से शुरूआत की थी और अब अपना व्यापार खड़ा कर लिया है। वघानी के बेटे भी अपने पिता के अपरंपरागत तरीकों से ताल्लुक रखते हैं। 

ई-मेल में दुर्योधन का नाम
वघानी के दोनों बेटों में से छोटे बेटे ने बताया कि वह और उसका भाई असाधारण नामों से जाने जाते हैं। वह अपनी ई-मेल और दूसरे सम्पर्कों के लिए दुर्योधन नाम का इस्तेमाल करता है। दुर्योधन अब 40 साल का है, हालांकि उसके दोस्त उसे हितेश कह कर भी बुलाते हैं।-वाई. मेहता    

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