डिजिटल एड्रैस कोड देश की सामयिक जरूरत

Edited By ,Updated: 02 Dec, 2021 04:33 AM

digital address code is the urgent need of the country

देश में डिजिटल क्रांति को गति देते हुए सरकार जल्द ही देश में डिजिटल एड्रैस कोड लेकर आ रही है। यह आपके एड्रैस का आधार से जुड़ा हुआ खास कोड होगा। भारत सरकार के डाक विभाग के द्वारा इस

देश में डिजिटल क्रांति को गति देते हुए सरकार जल्द ही देश में डिजिटल एड्रैस कोड लेकर आ रही है। यह आपके एड्रैस का आधार से जुड़ा हुआ खास कोड होगा। भारत सरकार के डाक विभाग के द्वारा इस कोड का निर्माण किया जा रहा है। इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक मकान का अपना एक अलग कोड होगा। यह आधार कार्ड के नंबर के जैसा ही एक यूनीक कोड होगा जो भारत के प्रत्येक नागरिक को उनके पते के हिसाब से दिया जाएगा। 

सरल शब्दों में समझा जाए तो अगर किसी बिल्डिंग में 8 फ्लैट हैं तो प्रत्येक फ्लैट का अपना एक अलग कोड होगा। यदि कोई 2 मंजिला घर है और उसमें दो परिवार रहते हैं तो दोनों परिवारों के अलग-अलग कोड बनेंगे। डिजिटल एड्रैस कोड से आने वाले समय में आपको ऑनलाइन डिलीवरी समेत कई प्रकार की सुविधाओं में सहायता प्राप्त होगी। डिजिटल एड्रैस कोड को बनाने के लिए देश के प्रत्येक एड्रैस यानी पते को पहचान यानी आइडैंटिफाई किया जाएगा। इसके बाद इसे खास तरीके से लिंक कर दिया जाएगा। ऐसा करने से देश के प्रत्येक नागरिक के एड्रैस को उसके सड़क या मोहल्ले से नहीं बल्कि यूनीक नंबरों और अक्षरों वाले कोड से पहचाना जा सकेगा। 

हाल ही में डाक विभाग ने अपनी आधिकारिक वैबसाइट पर डिजिटल एड्रैस कोड के खाके को रिलीज किया है ताकि लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे सकें। अगर डिजिटल एड्रैस कोड को सहमति मिल जाती है, तो यह देशवासियों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद साबित होगा। इस डिजिटल कोड को आप टाइप करके इस्तेमाल कर सकेंगे या फिर आप क्यू.आर. कोड की तरह इसे स्कैन करके घर की सटीक लोकेशन हासिल कर पाएंगे। डिजिटल एड्रैस कोड के आने के बाद किसी भी काम के लिए आपको एड्रैस फीड करने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। 

डिजिटल एड्रैस कोड के माध्यम से प्रत्येक घर के पते का ऑनलाइन सत्यापन यानी एड्रैस वैरीफिकेशन आसानी से हो पाएगा। इसके अलावा बैंकिंग, बीमा, टैलीकॉम के ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। 

ई-कॉमर्स कम्पनियों तथा एन.बी.एफ.सी. कंपनियों की सेवाओं के लिए डिजिटल एड्रैस कोड बहुत अधिक मददगार बन सकता है। सरकारी योजनाओं को जारी करने में यह बेहद मददगार सिद्ध होगा। इसके अलावा वर्तमान में हो रही फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में सहायता प्रदान करेगा। इससे सम्पत्ति, टैक्सेशन, आपदा प्रबंधन और जनगणना तथा जनसंख्या रजिस्टर बनाने में मदद मिलेगी। यह ‘वन नेशन वन एड्रैस’ के सपने को साकार करने में सहायता प्रदान करेगा। यह एक पर्मानैंट कोड की तरह काम करेगा, जिसके आने के बाद ई-कॉमर्स जैसी सॢवस काफी आसान हो जाएगी। साथ ही टैक्स फाइल करने जैसे अनेक कार्य बिना एड्रैस फीड किए ही डिजिटल एड्रैस कोड से आसानी से हो जाएंगे। 

दरअसल इन दिनों कोरियर या डिलीवरी ब्वॉय सटीक पता होने के बाद भी सही लोकेशन तक नहीं पहुंच पाते। इस कोड की मदद से लोग टाइप करके या फिर क्यू.आर. कोड की तरह स्कैन करके घर की सटीक लोकेशन ढूंढ सकते हैं। ऐसे में आपको एड्रैस को सेव करके रखने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सारे काम इस कोड की मदद से पूरे हो जाएंगे। इस कोड में आप डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे। इस समय देश में अनुमानित 78 करोड़ से ज्यादा घर हैं। इन सभी घरों में डिजिटल यूनीक कोड बनाया जाएगा डिजिटल एड्रैस कोड बैंकिंग, बीमा टैलीकॉम के ई.के.वाई.सी. के काम को आसान बना देगा। यह देश में एक क्रिएटिव और आम आदमी के लिए सुविधाएं बढ़ाने का कदम है।-डा. वरिन्द्र भाटिया
 

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