कोलैस्ट्रॉल को न बनने दें अपनी ‘जान का दुश्मन’

Edited By ,Updated: 30 Oct, 2019 01:07 AM

do not let cholesterol become your  enemy of life

कोलैस्ट्रॉल शरीर में वसा जैसा पदार्थ होता है। यह आपके शरीर द्वारा बनाया जाता है (75 प्रतिशत आपके यकृत द्वारा)। बाकी आपके द्वारा खाए गए भोजन से आता है। कोलैस्ट्रॉल शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है और खाद्य पदार्थों को पचाने, हार्मोन उत्पन्न करने,...

कोलैस्ट्रॉल शरीर में वसा जैसा पदार्थ होता है। यह आपके शरीर द्वारा बनाया जाता है (75 प्रतिशत आपके यकृत द्वारा)। बाकी आपके द्वारा खाए गए भोजन से आता है। कोलैस्ट्रॉल शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है और खाद्य पदार्थों को पचाने, हार्मोन उत्पन्न करने, विटामिन डी को बनाने, कोशिकाओं की दीवारों के निर्माण और कुछ हार्मोन उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण होता है। जहां यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, वहीं बहुत अधिक कोलैस्ट्रॉल आपकी धमनियों को नुक्सान पहुंचा सकता है और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। 

रक्त में कोलैस्ट्रॉल शरीर में खुद ही नहीं चलता है। यह रक्तप्रवाह में जाने के लिए प्रोटीन के साथ जुड़ता है। एक साथ चलने वाले कोलैस्ट्रॉल और प्रोटीन, लिपोप्रोटीन कहलाते हैं। लिपोप्रोटीन के मुख्य प्रकार उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एच.डी.एल.) और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एल.डी.एल.) हैं। एच.डी.एल. आपकी धमनियों से कोलैस्ट्रॉल को बाहर निकाल कर निपटान के लिए वापस यकृत में ले जाता है। एल.डी.एल. कोलैस्ट्रॉल को ‘खराब’ कोलैस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह आपकी धमनियों में कोलैस्ट्रॉल लाता और छोड़ता है। 

अतिरिक्त एल.डी.एल.-कोलैस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों पर जम कर प्लेक बनाता है। प्लेक धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे रक्त के लिए बहना मुश्किल हो जाता है और आपको हृदय रोग, हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा होता है। उच्च कोलैस्ट्रॉल होने के आमतौर पर कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए आप इसे जाने बिना भी खतरे में पड़ सकते हैं। एक संकेत आपके कॉर्निया के बाहरी किनारे पर जमा वसा की ग्रे-सफेद रेखा है। यदि आप 40 वर्ष से कम उम्र के हैं, तो यह खतरनाक उच्च कोलैस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। 

विरासत में पा सकते हैं
आप उच्च कोलैस्ट्रॉल की प्रवृत्ति विरासत में पा सकते हैं। मेरे परिवार में किसी की भी अब तक दिल का दौरा पडऩे से मौत नहीं हुई है लेकिन मेरे पपोटों पर छोटे पीले-सफेद धब्बे हैं जो मेरे चालीसवें साल के बाद विकसित हुए हैं और ये अतिरिक्त कोलैस्ट्रॉल के लक्षण हैं। इनकी किसी व्यक्ति के मध्य वर्षों के दौरान विकसित होने की अधिक संभावना होती है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम हैं। मेरी मां और दादी में भी यह थे। मेरा कोलैस्ट्रॉल का स्तर हमेशा उच्च रहा है, भले ही मेरी जीवनशैली में व्यायाम और केवल गैर-तैलीय शाकाहारी भोजन शामिल हैं। 

डॉक्टरों का कहना है कि हाइपरकोलेस्टेरोलामिया एक विरासत में मिली स्थिति हो सकती है जो म्यूटेटिड जीन के कारण होती है। यह आमतौर पर 55 से पहले दिल की बीमारी का कारण बनता है लेकिन अब मैं उसे पार कर चुकी हूं। माता-पिता से आनुवांशिक म्यूटेशन विरासत में पाने वाली लगभग 12 प्रतिशत महिलाओं में 50 वर्ष की आयु से पहले और 70 वर्ष की आयु तक 74 प्रतिशत में कोरोनरी धमनी रोग हो जाता है। लगभग 85 प्रतिशत प्रभावित पुरुषों को 60 वर्ष की आयु से पहले दिल का दौरा पड़ेगा लेकिन इसे आहार और व्यायाम द्वारा रोका जा सकता है। 

वयस्कों में, कुल कोलैस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डैसीलीटर (मिलीग्राम/डी.एल.) से कम को स्वस्थ माना जाता है। 200 और 239 एम.जी./ डी.एल. के मध्य सीमा से थोड़ा अधिक है। 240 एम.जी./डी.एल. और उससे अधिक, उच्च की श्रेणी में आता है। एल.डी.एल. कोलैस्ट्रॉल का स्तर 100 एम.जी./डी.एल. से कम होना चाहिए। 100 से 129 एम.जी./डी.एल. बिना किसी स्वास्थ्य समस्या वाले लोगों के लिए स्वीकार्य है लेकिन हृदय रोग या हृदय रोग के जोखिम वाले कारकों में से किसी के भी होने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। 130-159 एम.जी./डी.एल. सीमा पर अधिक है और 160 से 189 एम.जी./डी.एल. काफी अधिक है। एच.डी.एल. का स्तर 60 मिलीग्राम/ डी.एल. या अधिक होना चाहिए। 40 एम.जी./डी.एल. से कम हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक हो सकता है। 

क्या खाएं, क्या नहीं
कोलैस्ट्रॉल केवल अंडे, दूध, मक्खन, पनीर, मांस, मछली, मुर्गी पालन जैसे पशु भोजनों और लार्ड, मार्गरीन पाम और नारियल जैसे हाइड्रोजनीकृत तेलों से आता है। जो लोग पशु उत्पाद खाते हैं, उनके शरीर में किसी भी समय कोलैस्ट्रोल ये न खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक होता है। यह केवल उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से नहीं होता है-जब आहार में वसा और ट्रांस वसा अधिक होता है, तो यकृत भी कोलैस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाएगा। ट्रांस और सैचुरेटिड वसा के कारण एल.डी.एल. कोलैस्ट्रॉल की बढ़ी हुई मात्रा से हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। 

हार्वर्ड हैल्थ की एक रिपोर्ट में ऐसे खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है जो सक्रिय रूप से कोलैस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं जैसे जई, जौ और साबुत अनाज, बीन्स, सेम, बैंगन और ङ्क्षभडी, नट्स, वनस्पति तेल (कैनोला, सूरजमुखी), फल (मुख्य रूप से सेब, अंगूर, स्ट्रॉबेरी और सिट्रस फल), सोया और सोया आधारित खाद्य पदार्थ, प्रचुर फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (फाइबर होने वाला कोई पशु आधारित भोजन नहीं)। 

आहार में वसा का सेवन कम करने से कोलैस्ट्रॉल के स्तर का प्रबंधन करने में मदद मिलती है। निम्नलिखित पदार्थ शामिल होने वाले भोजनों को सीमित करें :
सैचुरेटिड  वसा : यह मांस, डेयरी उत्पाद, चॉकलेट, बेक्ड सामान, डीप-फ्राइड और प्रसंस्करण किए गए खाद्य पदार्थों में होती हैं।
ट्रांस वसा : यह कुछ तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में होती है। अधिक वजन से भी रक्त एल.डी.एल. के उच्चतर स्तर हो सकते हैं।

अन्य स्थितियां, जो उच्च कोलैस्ट्रॉल के स्तर कर सकती हैं, उनमें मधुमेह (एक अन्य जीवन शैली रोग), यकृत या गुर्दे की बीमारी, पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम और स्टीरियॉइड शामिल हैं। यदि आपका आहार उच्च फाइबर युक्त है और आप मुख्य रूप से ताजे फल और पौधा आधारित भोजन खाते हैं, तो पौधों का स्टेरोल आपके कोलैस्ट्रॉल को कम करेगा। शारीरिक गतिविधियां भी आपके वजन को बनाए रखने या कम करने में मदद करेंगी। प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम करने से हृदय गति बढ़ती है, वजन सही रखने में मदद मिलती है और यह एच.डी.एल. कोलैस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हुए एल.डी.एल. कोलैस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। 

नॉर्थवैस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मैडिसिन, शिकागो में प्रिवैंटिव मैडिसिन विभाग के शोधकत्र्ताओं और अमरीकन मैडीकल एसोसिएशन के लिए जर्नल, जे.ए.एम.ए. में प्रकाशित हुए शोध में साढ़े सत्रह साल तक निगरानी किए गए 29,000 से अधिक लोगों के 6 अध्ययन समूहों के डाटा की जांच की गई। शुरूआत में, प्रतिभागियों ने प्रश्नावली में उनके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों का विवरण दिया। अनुवर्ती अवधि में, कुल 5,400 हृदय संबंधी घटनाएं हुईं, जिनमें से 1,302 घातक और गैर-घातक स्ट्रोक, 1,897 घातक और गैर-घातक हृदयाघात की घटनाएं और 113 अन्य हृदय रोग से मौतें शामिल थीं। अन्य कारणों से 6,132 और प्रतिभागियों की मृत्यु हुई। 

अंडों का सेवन
जब उन्होंने डाटा का विश्लेषण किया तो शोधकत्र्ताओं ने अध्ययन की शुरूआत में प्रतिभागियों द्वारा सूचित अंडे की खपत और हृदय रोग विकसित होने के खतरे के मध्य संबंध पाया। जैसे-जैसे उनके अंडे की खपत बढ़ती गई, वैसे-वैसे उनका जोखिम भी बढ़ता गया। एक अंडे में 155 कैलोरी और 11 ग्राम कुल वसा होता है। प्रत्येक अंडे  में 186 मिलीग्राम कोलैस्ट्रॉल होता है जोकि आप की प्रतिदिन की खपत का 124 प्रतिशत और सोडियम 124 मिलीग्राम होता है-किसी फास्ट फूड डबल चीजबर्गर से अधिक कोलैस्ट्रॉल इसमें होता है। 

एक सप्ताह में तीन या अधिक अंडे दिल की बीमारी के 3.2 प्रतिशत अधिक जोखिम और जल्द मृत्यु के 4.4 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़े हुए पाए गए थे। प्रतिदिन लिया गया प्रत्येक अतिरिक्त आधा अंडा हृदय रोग के 6.8 प्रतिशत अधिक जोखिम और किसी भी कारण से जल्द मृत्यु के उच्च जोखिम से जुड़ा था। शोधकत्र्ताओं ने हर दूसरे अस्वास्थ्यकर व्यवहार, जैसे कम शारीरिक गतिविधियां, धूम्रपान और प्रसंस्कृत भोजन तथा सैचुरेटिड वसा को भी अध्ययन में शामिल किया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मैडिसिन के डॉ. रॉबर्ट एच. एकन ने लिखा कि नई रिपोर्ट ‘‘अधिक व्यापक है, जिसमें एक दृढ़ कथन देने के लिए पर्याप्त डाटा है कि अंडे और समग्र आहार कोलैस्ट्रॉल का सेवन हृदय रोग के जोखिम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण है और सभी कारणों से मृत्यु दर के जोखिम में भी।’’ 

क्या अंडे अकेले खाए जाते हैं? उनके द्वारा खाया जाने वाला भोजन शरीर के लिए उतना ही भयानक है- सफेद ब्रैड, मक्खन, नमक और/अथवा प्रसंस्कृत मांस जैसे बेकन या सॉसेज। एक सप्ताह में कितने अंडे सुरक्षित हैं? एक भी नहीं। कोई व्यक्ति जितने अधिक अंडे खाता है, ये जोखिम उतने अधिक बढ़ जाते हैं। अध्ययन में जिन लोगों ने औसतन हर दिन एक अंडे का सेवन किया, उनमें दिल से संबंधित घटना जैसे कि दिल का दौरा पडऩे या स्ट्रोक की आशंका का जोखिम अंडे नहीं खाने वालों की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक था। जिन लोगों ने हर दिन दो अंडे  लिए, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा 24 प्रतिशत बढ़ा। 

यह 2018 के एक अध्ययन के निष्कर्ष हैं, जिसमें ऐसे 28 अध्ययनों से एकत्र किए गए साक्ष्यों पर ध्यान दिया गया था, जिसमें लोगों ने एक प्रयोग के रूप में अंडे खाए थे और फिर अपने शरीर के लिपिड में परिवर्तन को देखा था। अध्ययन में पाया गया कि अंडे खाने से उन लोगों में अपने भोजन में अंडों को शामिल न करने वाले लोगों की तुलना में कुल कोलैस्ट्रॉल में लगभग 5 पाइंट की वृद्धि हुई। इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा एल.डी.एल. या ‘खराब’ कोलैस्ट्रॉल में वृद्धि से आया था।-मेनका गांधी

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!