रमजान के महीने में दान देना सबसे बड़ा पुण्य

Edited By Pardeep,Updated: 28 May, 2018 04:40 AM

donation in the month of ramadan is the greatest virtue

मुम्बई के डोंगरी इलाके के एक भीड़ भरे कूचे में स्थित माहुर बाई कम्युनिटी हाल के भूतल पर आधा दर्जन सीङ्क्षलग फैन की गुुनगुनाहट झुलसा देने वाली गर्मी से कुछ राहत प्रदान कर रही थी। यहां जमा हुई दर्जनों औरतें अखिल भारतीय मैमन जमात फैडरेशन के वालंटरियों...

मुम्बई के डोंगरी इलाके के एक भीड़ भरे कूचे में स्थित माहुर बाई कम्युनिटी हाल के भूतल पर आधा दर्जन सीङ्क्षलग फैन की गुुनगुनाहट झुलसा देने वाली गर्मी से कुछ राहत प्रदान कर रही थी। यहां जमा हुई दर्जनों औरतें अखिल भारतीय मैमन जमात फैडरेशन के वालंटरियों का पंजीकरण पूरा होते ही लाइन में लग गईं। उसके बाद जमात के महिला विंग की डिप्टी चेयरपर्सन रजिया चश्मावाला ने इन महिलाओं को बहुत विनम्रतापूर्वक राशन के थैले सौंपे। एक वालंटियर ने घोषणा की :  ‘‘जिन महिलाओं की जवान बेटियां हैं उन्हें प्रत्येक के लिए एक लेडीज पर्स भी दिया जाएगा।’’ 

यह शहर के उन केन्द्रों में से एक का नजारा है जहां ‘रमजान राशन’ वितरित किया जाता है। रमजान के पवित्र माह की भावना के अनुकूल समृद्ध मुस्लिम अपने गरीब और वंचित भाइयों तक खैरात पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बहुत से लोग इस भ्रम के शिकार हैं कि रमजान माह का संबंध केवल रोजा रखने और दावत उड़ाने तक ही सीमित है लेकिन इस भ्रम को तोडऩे के लिए बहुत से लोगों ने अत्यंत गरीब बंधुओं को राहत पहुंचाने के लिए अपने संसाधनों के अनुसार संग्रह करना शुरू कर रखा है। 

एक सामान्य  ‘रमजान राशन’ पैकेज में गेहूं का आटा, खाद्य तेल, घी, चीनी, चाय पत्ती, सेवइयां, खजूरें, शर्बत तथा इफ्तार और सहरी के लिए प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक वस्तु शामिल होती है। रजिया चश्मावाला कहती हैं : ‘‘गरीबों को भी रात के समय पौष्टिक आहार मिलना चाहिए ताकि वे दिन भर के रोजे की भूख बर्दाश्त कर सकें। दान-पुण्य करने के लिए रमजान से बेहतर कोई समय नहीं इसलिए इस मौके पर गरीबों के लिए हम जो भी कर सकें हमें करना चाहिए।’’ उन्होंने दावा किया है कि वे कम से कम 1000 महिलाओं के लिए ईद से पहले नए कपड़ों की व्यवस्था करेंगी। 

मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार रमजान दान-पुण्य करने का महीना है और यह माना जाता है कि इस महीने दौरान किए गए दान-पुण्य का अन्य समय की तुलना में 70 गुणा अधिक सौभाग्य हासिल होता है। यही कारण है कि अधिकतर मुस्लिम अपनी वार्षिक कमाई का 2.5 प्रतिशत रमजान महीने दौरान दान के रूप में देते हैं। मुफ्त भोजन निश्चय ही रमजान के दान-पुण्य का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।-एम. वजीहुद्दीन 

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