घाटे का सौदा नहीं ई-कॉमर्स

Edited By ,Updated: 22 Jan, 2020 04:53 AM

e commerce is not a loss deal

केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजॉन के सी.ई.ओ. जैफ बेजोस के बारे में रायसीना डायलॉग 2020 में कहा था कि देश में एक अरब डालर का निवेश कर अमेजॉन कोई अहसान नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि अमेजॉन एक अरब डालर निवेश कर सकती है लेकिन यदि...

केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजॉन के सी.ई.ओ. जैफ बेजोस के बारे में रायसीना डायलॉग 2020 में कहा था कि देश में एक अरब डालर का निवेश कर अमेजॉन कोई अहसान नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि अमेजॉन एक अरब डालर निवेश कर सकती है लेकिन यदि उन्हें अरबों का घाटा हो रहा है तो वे उस अरब डालर का इंतजाम भी कर रहे होंगे। इस टिप्पणी ने जैफ की उपेक्षा ही की और वहीं जैफ के बयान ने राजनीतिक ट्रेडर लॉबी को खुश किया। 

अमेजॉन के बॉस पिछले सप्ताह भारत की यात्रा पर थे मगर उनका स्वागत ठंडे तरीके से किया गया। अरबपति जैफ को सरकार के उच्चाधिकारियों ने जहां नकार दिया, वहीं उसी प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसा ही किया। फिलहाल सरकार के उदासीनता भरे रवैये से जैफ बेजोस का मन घायल नहीं हुआ। उन्होंने भारत के लिए अपनी क्षमता दिखाई तथा देश में एक बिलियन डालर निवेश करने का वायदा भी किया। इस निवेश से 10 लाख नौकरियां उत्पन्न होंगी। हकीकत में यह देश के लिए सकारात्मक बात तो है ही, साथ ही साथ आने वाले दिनों में मोदी सरकार के लिए भी अहम बात है क्योंकि बेरोजगारी पिछले 4 दशकों के दौरान अपनी चरमसीमा पर है। अमेजॉन के बॉस ने अपनी तीन दिवसीय भारतीय यात्रा के दौरान घोषणा की कि अमेजॉन हजारों ही ग्रोसरी स्टोर खोलेगा। गोयल ने नवम्बर 2019 में अमेजॉन के साथ बैठक के दौरान यह मांग उनके सामने रखी थी। 

एक साधारण व्यक्ति समझ सकता है कि भाजपा अपना गुस्सा सी.ई.ओ. पर उतार रही है क्योंकि इसने अपना आलोचनात्मक आधिकारिक पक्ष अपने स्वामित्व वाले न्यूजपेपर ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में जम्मू-कश्मीर में से अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन कानून को बनाने पर रखा था। इन दोनों मुद्दों के बाद देश भर में प्रदर्शन उग्र हुए थे। जैफ की यात्रा से पूर्व देश की नॉन ट्रस्ट अथारिटी कम्पीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सी.सी.आई.) ने अमेजॉन की अनुचित ट्रेड प्रथाओं के लिए उसको घसीटा था। स्वदेशी जागरण मंच तथा ट्रेडर/रिटेल एसोसिएशनों ने भी इसका स्वागत किया था। हालांकि बेजोस का ई-कामर्स प्लेटफार्म अमेजॉन कई बार भारत में फला-फूला है। 

वहीं मोदी सरकार के पिछले साढ़े 5 वर्षों के दौरान भाजपा संरक्षणवादी तथा मल्टीनैशनल कार्पोरेशन विरोधी दिखाई दे रही है। न तो पिछली सरकारों ने और न ही वर्तमान ने यह दृढ़निश्चय किया कि अमेजॉन देश के लिए अच्छा है या फिर नहीं। सरकार को यह समझना होगा कि ई-कामर्स ही वास्तव में उद्यमी है जो उन लोगों के एक बहुत बड़े वर्ग के लिए नौकरियां उत्पन्न तथा प्रस्तुति करती है, जिनकी पूंजी तक पहुंच नहीं होती तथा वे लोग अपनी वस्तुओं को ऑनलाइन बेचने के लिए स्टोर खोलने में नाकामयाब रहते हैं। नकारात्मक विचारों से परे यह लाभ देने वाली कम्पनी है। सरकार को एक ऐसी नीति अपनानी होगी जो सभी हिस्सेदारों को लाभान्वित करे। सरकार को ई-कामर्स पालिसी पर जोर देना होगा। सरकार को विदेशी निवेश की जरूरत है ताकि मंदी भरी अर्थव्यवस्था में उछाल लाया जा सके। 

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