‘विश्व में लगातार आ रहे भूकंप’‘आधे से ज्यादा भारत के लिए खतरा’

Edited By ,Updated: 03 Aug, 2021 06:41 AM

earthquakes coming in world continuously  threat to more than half of india

कुछ समय से भारत सहित विश्व के ओर-छोर में लगातार भूकंप आ रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि पृथ्वी के नीचे जारी कंपन किसी भी समय बड़ी तबाही ला सकता है। पिछले 24 घंटों में विश्व में भूक प के छोटे-बड़े 49 झटके महसूस किए गए हैं

कुछ समय से भारत सहित विश्व के ओर-छोर में लगातार भूकंप आ रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि पृथ्वी के नीचे जारी कंपन किसी भी समय बड़ी तबाही ला सकता है। पिछले 24 घंटों में विश्व में भूक प के छोटे-बड़े 49 झटके महसूस किए गए हैं। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह के अनुसार लगभग 59 प्रतिशत भारत विभिन्न तीव्रताओं वाले भूकंप के जोखिम पर है जिसमें उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के 12 शहरों सहित कुल 38 शहर शामिल हैं। 

भूकंप वर्गीकरण नक्शे के अनुसार पूरा देश चार उच्च जोखिम वाले ‘जोनों’ में बांटा गया है जिनमें से ‘जोन’ V के अंतर्गत सर्वाधिक सक्रिय और ‘जोन’ II  में सबसे कम सक्रिय क्षेत्र हैं। देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा ‘जोन’ V में, 18 प्रतिशत ‘जोन’ IV, 30 प्रतिशत ‘जोन’ III और शेष ‘जोन’ II में है। भूकंप के जोखिम वाले ‘जोन’ V के शहरों में मंडी, श्रीनगर, भुज, दरभंगा, गुवाहाटी, इंफाल, जोरहाट, कोहिमा, पोर्ट ब्लेयर, सादिया और तेजपुर हैं। 

‘जोन’-IV के शहरों में अलमोड़ा, देहरादून, नैनीताल, रुड़की, अंबाला, लुधियाना, अमृतसर, चंडीगढ़, शिमला, दिल्ली, बहराइच, गाजियाबाद, देवरिया, गोरखपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बरौनी, मुंगेर और पटना शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यद्यपि भूकंपों की तीव्रता, स्थान व समय का निश्चित रूप से अनुमान नहीं लगाया जा सकता फिर भी अत्यधिक जनसं या वाले इलाकों में, जहां लाखों लोग रहते हैं, सुरक्षा संबंधी नियमों और मापदंडों की उपेक्षा करके अंधाधुंध अवैध व असुरक्षित निर्माण किए गए हैं। 

अत: दिल्ली सहित देश के विभिन्न भागों में बड़ी संख्या में ऊंची इमारतें असुरक्षित तथा औसत से बड़े भूकंप का झटका झेल पाने में असमर्थ होने के कारण भारी विनाश कर सकती हैं। ऐसी स्थिति भवन निर्माण से जुड़े अधिकारियों द्वारा इस मामले में अत्यधिक सजगता बरतने और इमारतों के चल रहे निर्माण कार्यों में सुरक्षा संबंधी मापदंडों का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित करने और मौजूदा इमारतों की स्थिति की गहन पड़ताल करके उनमें सुधार करने की मांग करती है। भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि 8 तीव्रता का भूकंप सहने वाली इमारतें भी हमारे देश में तैयार हो सकती हैं तथा पुरानी इमारतों को भी भूकंपरोधी बनाया जा सकता है।—विजय कुमार 

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!