Edited By Pardeep,Updated: 05 Jan, 2019 04:05 AM
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश शिक्षा के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है। केरल के बाद शत-प्रतिशत साक्षरता हासिल करने वाले राज्य का दर्जा हासिल करने वाले हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश के लोग जहां ईमानदार और मेहनती हैं,...
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश शिक्षा के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है। केरल के बाद शत-प्रतिशत साक्षरता हासिल करने वाले राज्य का दर्जा हासिल करने वाले हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश के लोग जहां ईमानदार और मेहनती हैं, वहीं उनमें शिक्षा के प्रति रुझान आरम्भ से रहा है। जब हिमाचल में अधिक शिक्षण संस्थान नहीं थे तब भी पहाड़ी राज्य के लोग शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते थे। शिक्षा राज्य के रूप में उभरे हिमाचल ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह शिक्षित हिमाचल ही है, जहां देश सेवा का जज्बा लिए अनेक जाबांज सेना में भर्ती होते हैं। छोटे से हिमाचल राज्य से सेना में सेवा करने वाले जांबाज सैनिकों की तादाद सबसे अधिक है।
शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे कीर्तिमान और आगे बढऩे की युवाओं की ललक को देखकर मन में उनके प्रति श्रद्धा का भाव उमड़ा तो उनके लिए कुछ करने की चाह हुई। सवाल था कि ऐसा क्या किया जाए ताकि प्रतिस्पर्धा सकारात्मक रूप से भी बढ़े और युवाओं को उनकी प्रतिभा के रूप में पुरस्कृत भी किया जा सके। इसी विषय को लेकर देश में पहली बार सांसद भारत दर्शन अभियान शुरू करने का निर्णय किया। इसका मकसद यह भी रहा कि एक तरफ बच्चे स्वयं को पढ़ाई में अव्वल आने पर गौरवान्वित भी महसूस करें तथा उन्हें भ्रमण के जरिए और भी ज्ञान प्रदान किया जा सके। शिक्षा और भ्रमण का आपस में गहरा संबंध है और शैक्षणिक भ्रमण यात्राएं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इस माध्यम से एक तरफ छात्रों को एक्सपोजर तो मिलता ही है, साथ ही साथ भ्रमण के जरिए उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण
एक सांसद होने के नाते हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र को बेहतर बनाना मेरा परम कत्र्तव्य है। बेहतर बनाने के लिए मुझे हमेशा से लगता था कि किसी भी देश/राज्य को विकास के ढांचे में फिट करने के लिए शिक्षा का स्तर बेहद मायने रखता है। आप खुद पाएंगे कि जिसने भी शिक्षा को लेकर बेहतर प्रयोग और सोच रखी, उसको उसका सकारात्मक फायदा मिला है। इसकी शुरूआत एक संसदीय क्षेत्र से हो तो बेहतर करने को बहुत कुछ मिल जाता है। सांसद भारत दर्शन अभियान को शुरू करने के पीछे मेरा मकसद साफ था कि शिक्षा-भ्रमण चले संग-संग, नई उमंग। सांसद भारत दर्शन। क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरे संसदीय क्षेत्र के होनहार भविष्य एक ऐसा अनुभव पा सकें जो उनका सामाजिक-व्यावहारिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास करे।
मेरे हिमाचल प्रदेश के छात्रों ने जिन चीजों के बारे में किताबों में पढ़ा है, मैं चाहता हूं कि वे उसे खुद अनुभव करें। जैसे उन्होंने सुपर कम्प्यूटर के बारे में तो सुना है लेकिन उसका अनुभव नहीं किया है। मेरे संसदीय क्षेत्र के मेधावी छात्र इसरो के बारे में तो जानते हैं लेकिन इसरो की कार्यशैली का अनुभव और उससे जुड़े सवालों के जवाबों से काफी दूर थे। मुझे यह भी बड़े अच्छे से पता है कि हमीरपुर के मेधावी राष्ट्रपति भवन के बारे में तो जानते हैं लेकिन वहां जाने का मौका उन्हें नहीं मिल पाया। ऐसे में मैं बड़ी आसानी से समझता था कि सिर्फ किताबी ज्ञान के सहारे मेधावियों को उत्कृष्ट बनाना आसान नहीं है।
मेधावियों के मन में आधुनिक शिक्षा, आधुनिक टैक्नोलॉजी और अपने व्यक्तित्व विकास से जुड़े ऐसे कई जटिल सवाल होंगे जो उनके मन में हमेशा से जगह बनाए रहते हैं। इन सवालों के जवाब सिर्फ स्कूल जाने और किताब पढऩे से ही मिलने मुश्किल थे, इसलिए मैंने अपने मेधावियों के लिए सांसद भारत दर्शन कार्यक्रम की शुरूआत की। इस कार्यक्रम में हमने तय किया कि हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के 10वीं और 12वीं के 250 मेधावी छात्रों को हवाई यात्रा के जरिए देश के उन हिस्सों में ले जाएंगे जिनके बारे में उन्होंने सिर्फ किताबों से या फिर खबरों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की है।
सीखने का अवसर
इस शैक्षणिक भ्रमण से मेधावी छात्रों को न सिर्फ देश की समृद्धि से रू-ब-रू होने का मौका मिल रहा है बल्कि उनमें व्यावहारिक रूप से एक-दूसरे के प्रति सहयोग की भावना का भी विकास हुआ। शिक्षा के बदलते दौर में और आधुनिकता के कारण सांसद भारत दर्शन के जरिए उन्हें नई चीजें सीखने को मिलीं। सांसद भारत दर्शन के जरिए छात्रों में आत्मविश्वास का विकास बेहतर तरीके से हो रहा है, जिससे वे आने वाले समय में देश और स्वयं के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकेंगे। इस यात्रा में 40 बच्चों का एक ग्रुप दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु की यात्रा से वापस हमीरपुर आ चुका है। वापस आए छात्रों में जो सकारात्मक बदलाव आया है, उसे देखकर मैं कह सकता हूं कि मेरी पहल रंग ला रही है। मैंने मेधावियों के लिए जो सांसद भारत दर्शन कार्यक्रम जैसी पहल शुरू की उससे छात्रों में एक अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। मैं आश्वस्त हूं कि अब मेधावी छात्र सांसद भारत दर्शन के बाद अपने भविष्य को लेकर एक अलग सोच से आगे बढ़ेंगे। उनमें देश के प्रति जिम्मेदारी के एहसास का भी विकास हुआ है।
सारे देश में हो अनुसरण
हमें देश को बेहतर भविष्य देना है, इसलिए राज्य को बेहतर बनाना होगा। मेरी जिम्मेदारी हमीरपुर लोकसभा से शुरू होती है। मैं वहां का सांसद हूं इसलिए हमीरपुर की बेहतरी के लिए मैंने सांसद भारत दर्शन के जरिए अपनी शुरूआत कर दी है। हम सकारात्मक तरीकों से छात्रों को इतना मजबूत बनाएंगे कि वे हर मुश्किल घड़ी में भी चट्टान की तरह खड़े रहेंगे और यही मेरे हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश और देश की तरक्की का आधार बनेंगे। ऐसा होगा और यही इस कार्यक्रम की सफलता और सार्थकता होगी। मैं चाहूंगा कि यह पहल एक क्षेत्र तक सिमट कर न रहे बल्कि पूरे देश में इसका अनुसरण हो ताकि शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत हो सके। इस पहल से एक नई ऊर्जा का संचार होगा। उनके अन्दर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और हर किसी के मन में आगे आने की चाहत पैदा होगी। मैं हिमाचल को विश्वपटल पर इनोवेशन का एक केन्द्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं और इसके लिए आपके सहयोग का आभारी हूं।