शाकाहारी आहार का मानव शरीर पर प्रभाव

Edited By ,Updated: 03 May, 2021 05:18 AM

effect of vegetarian diet on human body

यह एक भली-भांति ज्ञात तथ्य है कि एक शाकाहारी आहार मधुमेह और हृदय रोग को कम करने और यहां तक कि दूर करने में मदद करता है। आमतौर पर कार्बस अधिक होने वाले, शाकाहारी

यह एक भली-भांति ज्ञात तथ्य है कि एक शाकाहारी आहार मधुमेह और हृदय रोग को कम करने और यहां तक कि दूर करने में मदद करता है। आमतौर पर कार्बस अधिक होने वाले, शाकाहारी आहार मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा प्रबंधन में सुधार करने में 2. 4 गुना अधिक प्रभावी होते हैं। शाकाहारी भोजन, सर्वाहारी भोजन की तुलना में कुल और एल.डी.एल. (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी अधिक प्रभावी है।

लेकिन इसका मानव शरीर की अन्य समस्याओं पर क्या प्रभाव होता है। 2015 में सी. एम. क्लिंटन आदि द्वारा किए गए एक अध्ययन में, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले 40 लोगों ने 6 सप्ताह के लिए या तो पूर्ण अनाज, पौधा आधारित शाकाहारी भोजन या अपने नियमित सर्वाहारी आहार का सेवन किया। शाकाहारी समूह ने नियमित आहार समूह की तुलना में लक्षणों, ऊर्जा स्तरों, स्फूर्तता और शारीरिक कार्यकरण में अधिक सुधार की सूचना दी। 

चूंकि पिछले 20 वर्षों से मुझे रह्यूमेटॉइड आर्थराइटिस का रोग है, इसलिए मुझे आर. पेल्टनन आदि द्वारा किए गए ब्रिटिश जर्नल ऑफ रयूमेटोलॉजी, 1997 में प्रकाशित इस अध्ययन में विशेष रुचि थी। इस अध्ययन में रह्यूमेटॉइड आर्थराइटिस वाले 43 लोगों को लिया गया। प्रतिभागियों ने 1 महीने के लिए लैक्टोबैसिली प्रचुरता वाले कच्चे, शाकाहारी आहार या उनके आम सर्वाहारी आहार का सेवन किया। शाकाहारी समूह के प्रतिभागियों को सूजन और जोड़ों में दर्द में कमी, बहुत कम दर्द, जोड़ों में सूजन और सुबह की ऐंठन का न होना जैसे रोग के लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार का अनुभव हुआ, बजाय उनके जिन्होंने अपना मौजूदा आहार जारी रखा था। अध्ययन समाप्त होने के बाद उनके सर्वाहारी आहार में वापसी ने उनके लक्षणों को फिर से बढ़ा दिया। 

एक कच्चा शाकाहारी आहार वास्तव में सभी चीजों के लिए लाभदायक है। लेकिन यह किया जा सकने वाला सबसे मुश्किल काम है। जब मैं कई ह तों तक चावल और करी का भोजन कर चुकी होती हूं, तो दो दिन सिर्फ ‘हरा जूस’ पीती हूं, जो रसोई में हमारे पास जो भी हरी सब्जियां/पत्ते होते हैं उनका और, कुछ नीम और धनिया पत्ती, अदरक, टमाटर, हल्दी, सेलरी, चुकंदर और एक फल का मिश्रण होता है, और दिन में चार बार इसे पीती हूं। यह तुरंत मेरे अच्छे स्वास्थ्य को वापस लाता है और मुझे अपना वजन कम लगने लगता है! 

वास्तव में वजन घटाने के बारे में शाकाहारी आहार के प्रभाव पर किए गए हर अध्ययन से पता चलता है कि यह किसी भी अन्य आहार की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी है। मैंने कोविड लॉकडाऊन के दौरान शाकाहारी भोजन की कोशिश की और तीन महीने में 11 किलो वजन कम किया-बिना भूख महसूस किए हुए। वास्तव में अब मैं दिन में केवल एक बार भोजन करती हूं और मेरी पेट भरे होने की भावना आहार फाइबर के अधिक सेवन के कारण हो सकती है जो लोगों को भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है। लेकिन यह इसलिए भी हो सकता है क्योंकि अध्ययनों से पता चलता है कि एक शाकाहारी भोजन स्वस्थ प्रतिभागियों में मांस खाने वाले भोजन की तुलना में भूख हार्मोन घ्रेलिन को कम करता है। 

शाकाहारी आहार का मस्तिष्क पर क्या प्रभाव पड़ता है? वैज्ञानिक
मेदावर, हुआन, विङ्क्षलगर और विट ने अनुभूति पर पौधा-आधारित आहार के प्रभावों पर किए गए 32 अध्ययनों की समीक्षा की और परिणामों को ट्रांसनेशनल साइकैट्री में प्रकाशित किया।उन्होंने जो लिखा वह यह है ‘‘हमें स्वस्थ प्रतिभागियों, मोटे और टाइप-2 मधुमेह रोगियों में वजन-स्थिति, ऊर्जा मैटाबॉलिज्म और व्यवस्थित सूजन पर पारंपरिक आहार की तुलना में पौधा-आधारित आहार के लाभकारी प्रभावों के लिए मजबूत सबूत मिले।

न्यूरोलॉजिकल या मनोरोग संबंधी बीमारियों और मस्तिष्क के कार्यों को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न नैदानिक समूहों के छह नैदानिक परीक्षणों, यानी माइग्रेन, मल्टीपल स्केलेरोसिस, फाइब्रोमायल्गिया और रुमेटाइड आर्थराइटिस की व्यवस्थित समीक्षा की गई। यहां, एंटीबॉडी के स्तर, लक्षण सुधार या दर्द की आवृत्ति द्वारा मापे गए मापदंडों पर छह में से पांच अध्ययनों में हल्के से मध्यम सुधार देखा गया, और कभी-कभी वजन कम होते हुए भी पाया गया। 

द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन, 2009 में छपी ‘शाकाहारी आहार के स्वास्थ्य प्रभावों’ पर विंस्टन क्रेग द्वारा किए गए एक अध्ययन में, वे लिखते हैं : एक शाकाहारी आहार सुरक्षात्मक पोषक तत्वों और फाइटोकैमिकल्स के सेवन को बढ़ाने और कई पुराने रोगों में दोषी होने वाले आहार कारकों के सेवन को न्यूनतम करने के लिए उपयोगी प्रतीत होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और खाद्य और कृषि संगठन (डब्ल्यू.एच.आे./एफ.ए.ओ.) की हालिया रिपोर्ट में, विभिन्न पौधों के खाद्य समूहों का पुरानी बीमारी में कमी को प्रभावित करने की उनकी क्षमता के संबंध में मूल्यांकन किया गया था। फलों और सब्जियों के अधिक सेवन से जुड़े कैंसर के जोखिम में कमी का आकलन संभाव्य/ संभावित, हृदय रोग में कमी के जोखिम को संतोषजनक और ऑस्टियोपोरोसिस के कम जोखिम का आकलन संभावित के रूप में किया गया था। 

फलों और सब्जियों को फेफड़े, मुंह, भोजननली, और पेट के कैंसर के खिलाफ और कुछ हद तक कुछ अन्य स्थलों के लिए सुरक्षात्मक चीज के रूप में वॢणत किया जाता है, जबकि फलियों के नियमित उपयोग से पेट और प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ सुरक्षा का एक उपाय मिलता है। इसके अलावा, फाइबर, विटामिन-सी, कैरोटीनॉयड, लेवोनॉयड, और आहार में अन्य फाइटोकैमिकल्स को विभिन्न प्रकार के कैंसरों के प्रति सुरक्षा प्रदर्शित करने वाला दिखाया गया है, जबकि एलियम सब्जियां पेट के कैंसर और कोलोरैक्टल कैंसर के प्रति सुरक्षा प्रदान करती हैं। लाइकोपीन से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे टमाटर, प्रोस्टेट कैंसर से बचाने के लिए जाने जाते हैं। 

फल और सब्जियां फाइटोकैमिकल्स और विटामिन सी प्रदान करते हैं जो प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ाते हैं और कुछ प्रकार के कैंसर को रोकते हैं। पौधा आधारित आहार के प्रभाव पर एक मेटा-विश्लेषण हृदय रोग, कैंसर, अधिक वजन, शरीर की संरचना, ग्लूकोज पचाने, पाचन और मानसिक स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव का निष्कर्ष देता है। आपके पास केवल एक शरीर है। आप इसका ध्यान क्यों नहीं रखते हैं?-मेनका गांधी

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