पेट्रोल-डीजल वाहनों को ‘इलेक्ट्रिक शॉक’

Edited By ,Updated: 01 Sep, 2019 12:39 AM

electric shock  to petrol and diesel vehicles

विश्व गैस अथवा पैट्रोल/डीजल पीने वाली गाडिय़ों से योजना से अधिक तेजी से दूर हो रहा है। तेल बारे भविष्यवाणी करने वाले जरा गौर करें।  जर्मन आटो आपूर्तिकत्र्ता कांटीनैंटल ने हाल ही में कहा था कि मांग में आशा से कहीं अधिक तेजी से गिरावट के कारण वह...

विश्व गैस अथवा पैट्रोल/डीजल पीने वाली गाडिय़ों से योजना से अधिक तेजी से दूर हो रहा है। तेल बारे भविष्यवाणी करने वाले जरा गौर करें। जर्मन आटो आपूर्तिकत्र्ता कांटीनैंटल ने हाल ही में कहा था कि मांग में आशा से कहीं अधिक तेजी से गिरावट के कारण वह पारम्परिक इंजन कलपुर्जों में निवेश में कटौती करेगा। नया आंकड़ा यह भी दर्शाता है कि नार्वे में डीजल कारों की बिक्री बड़ी तेजी से इलैक्ट्रिक वाहनों के पक्ष में गिर रही है। 

कांटीनैंटल अधिकतर गैसोलीन तथा डीजल इंजनों में इस्तेमाल किए जाने वाले फ्यूल इंजैक्टर्स तथा पम्प्स पर ध्यान केन्द्रित करता है जो एक शताब्दी से भी अधिक समय से आटो उद्योग का केन्द्र रहा है। कम्पनी इन पारम्परिक इंजनों के लिए कलपुर्जों में निवेश में कटौती कर रही है और इसकी बजाय अपना ध्यान इलैक्ट्रिक वाहनों की ओर मोड़ रही है। 

डीजल कारों की बिक्री में 95 प्रतिशत से अधिक गिरावट
रिस्टार्ड एनर्जी की इस सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार नार्वे में गत छह वर्षों के दौरान डीजल कारों के कुछ मॉडल्स की बिक्री में 95 प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि उनकी जगह इलैक्ट्रिक वाहन ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वोल्वो के शीर्ष डीजल मॉडलों में 2013 में 9,000 इकाइयों की बिक्री के मुकाबले 2019 के पहले अद्र्ध में यह संख्या गिरकर लगभग 400 इकाइयों पर पहुंच गई। इस वर्ष के पहले अद्र्ध में नार्वे में कुल निजी वाहनों में इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो 2013 में केवल 6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के मुकाबले में एक बहुत बड़ा विस्तार है। 

किसी ऐसी कार कम्पनी का चयन करना जो इलैक्ट्रिक वाहनों की दौड़ को जीत लेगी, किसी मूर्ख का काम हो सकता है लेकिन जिस रफ्तार से वे सड़कों पर अपना कब्जा जमा लेंगी, इसकी भविष्यवाणी करना महत्वपूर्ण है, यदि आपके किसी तेल कम्पनी में शेयर्स हैं। ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के उद्देश्य से तैयार की गई नीतियां कार खरीदने की पद्धति में बदलाव लाएंगी। कांटीनैंटल अथवा अन्य ने इस मामले में आगे रहते हुए समझदारी दिखाई है। 

सड़क परिवहन की तेल मांग में हिस्सेदारी
इंटरनैशनल एनर्जी एजैंसी (आई.ई.ए.) का कहना है कि 2017 में वैश्विक तेल मांग में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी सड़क परिवहन के लिए थी। इलैक्ट्रिक वाहन सड़कों पर अपना नियंत्रण करें अथवा नहीं, 2040 तक तेल की मांग प्रतिदिन 55 लाख बैरल तक पहुंचने की आशा है। 

मगर इलैक्ट्रिक वाहनों का विकास बहुत महत्व रखता है। आई.ई.ए. द्वारा प्रस्तुत एक अधिक आक्रामक परिदृश्य के मुताबिक 2040 में सड़कों पर 93 करोड़ इलैक्ट्रिक कारें होंगी या विश्व में कारों की कुल संख्या का लगभग आधा, यदि हम इसकी तुलना 2018 में महज 5 लाख से करें। आज के मुकाबले सड़क परिवहन के लिए तेल की मांग में 1.8 करोड़ बैरल से अधिक कमी आएगी। राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ओबामा काल के उत्सर्जन नियमों को वापस लेने के कारण अमरीका में इलैक्ट्रिक वाहनों के विकास बारे भविष्यवाणी करना जरा कठिन हो गया है, यद्यपि कैलिफोर्निया में उठाए जा रहे कदम इस गति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

अधिक विकल्प नहीं 
आखिरकार अमरीकी कार कम्पनियों के पास अधिक विकल्प नहीं होंगे। केवल कानून ही नहीं हैं जो उन्हें अपने व्यवसाय बारे दोबारा सोचने को मजबूर कर सकते हैं। जैसे कि यूरोपियन प्रतिस्पर्धी तथा आपूर्तिकर्ता इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं, इंटर्नल कम्बश्चन-पावर्ड वाहनों तक कुछ नवीनतम तकनीक नहीं पहुंच पाएगी। अमरीकी आटोमेकर्स पीछे छोड़ दिया जाना नहीं चाहेंगे। तेल कीमतों में अंतर विनाशकारी हो सकता है। आई.ई.ए. के अनुसार यह नीति दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि तेल की मांग में प्रतिदिन 5.10 करोड़ बैरल का अंतर हो सकता है। इसमें महज इलैक्ट्रिक वाहन अपनाने से परे विभिन्न संरक्षण प्रयासों के परिदृश्य शामिल हैं लेकिन लगभग 3.10 करोड़ बैरल प्रतिदिन सड़क परिवहन की मांग से आते हैं जो इसे सबसे बड़ा अस्थिरता का कारक बनाते हैं। 

आई.ई.ए. का अनुमान है कि 2040 तक दुनिया में यदि यही स्थिति बनी रही तो तेल की कीमत 150 डालर प्रति बैरल पर पहुंच सकती है लेकिन पर्यावरणीय नीतियों के आक्रामक परिदृश्य के चलते इनकी कीमत वर्तमान के लगभग 60 डालर तक गिर सकती है। जहां कांटीनैंटल तथा अन्य इलैक्ट्रिक वाहनों में निवेश के साथ आगे बढ़त बनाए हुए हैं, तेल कीमतों के कहीं और जाने की कोई सम्भावना नहीं है।-लौरेन सिल्वा लाफलिन  

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