‘जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद के चुनावों में सबकी जीत’

Edited By ,Updated: 24 Dec, 2020 05:00 AM

everybody wins in jammu and kashmir district development council elections

जम्मू और कश्मीर में जिला विकास परिषद के नतीजे अगस्त 2019 में राज्य की विशेष स्थिति को छीनने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हुए पहले चुनाव सभी संबंधितों के लिए जीत साबित हुए हैं।अप्रत्याशित

जम्मू और कश्मीर में जिला विकास परिषद के नतीजे अगस्त 2019 में राज्य की विशेष स्थिति को छीनने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हुए पहले चुनाव सभी संबंधितों के लिए जीत साबित हुए हैं। अप्रत्याशित रूप से नहीं लेकिन पीपुल्ज एलाइंस फॉर गुपकार डैक्लारेशन (पी.ए.जी.डी.) जिसमें प्रमुख क्षेत्रीय दलों के सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार शामिल हैं, ने कश्मीर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखी है। 

जिला परिषद चुनाव का महत्व गुपकार गठबंधन और भाजपा की चुनावी जीत या फिर कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के निराशाजनक प्रदर्शन में नहीं है। इसका महत्व इस तथ्य में निहित है कि आतंकवादियों से जुड़ी कुछ हिंसक घटनाओं के साथ चुनाव बड़े पैमाने पर शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए। इसका महत्व इसलिए भी निहित है कि मतदाता का मतदान लगभग 52 प्रतिशत का रहा जोकि काफी बेहतर दिखा। हालांकि जम्मू क्षेत्र में ज्यादा मतदान हुआ, लेकिन कश्मीर क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह के दबाव का उपयोग भी मीडिया ने नहीं देखा।

आमतौर पर चुनावों के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए केंद्र अपनी पीठ खुद थपथपा सकता है। गुपकार गठबंधन के उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोकने के प्रयासों की प्रारंभिक रिपोर्ट भी मिली थी। यह बताया गया था कि उन्हें पुलिस थानों में रखा गया था और केवल भारी सुरक्षा के तहत स्थानांतरित करने की अनुमति दे गई थी। यह राष्ट्र विरोधी तत्वों के वास्तविक खतरे के कारण भी हो सकता है जो इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया को पसंद नहीं करते। 

गुपकार गठबंधन ने दावा किया है कि इन चुनावों का फैसला जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग के पक्ष में है। भले ही इसे अभियान के दौरान मुद्दा नहीं बनाया गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पूर्ण बहाली और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव करवाने की गठबंधन की प्रमुख मांग भी है। 

उन्होंने आशंका व्यक्त की कि भाजपा कश्मीर क्षेत्र में गठबंधन के समर्थन और जम्मू क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अच्छे प्रदर्शन के मद्देनजर विधानसभा चुनाव करवाने में देरी करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्ज एलाइंस की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इन चुनावों के परिणामों से यह स्पष्ट हो गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने उस गठबंधन को वोट दिया है जो जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली के लिए खड़ा है। उधर घाटी के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी सैय्यद शाह नवाज हुसैन ने कहा,‘‘रिकार्ड मतदान के साथ शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव गुपकार गठबंधन के विचार का खंडन करता है।’’ 

जम्मू क्षेत्र में भाजपा की बड़ी जीत उस समय भी महत्वपूर्ण हो गई थी जब पिछले वर्ष अगस्त में हुए बदलावों के बाद जम्मू-कश्मीर में तुलनात्मक रूप से शांतिपूर्ण चुनावों की समग्र स्थिति दिखी। हालांकि यह जिला स्तर के चुनाव थे मगर इन चुनावों में शामिल होकर फारूक अब्दुल्ला की नैकां और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्ज डैमोक्रेटिक पार्टी तथा क्षेत्रीय दलों ने यह दर्शाया है कि वे भारतीय संविधान में अब भी विश्वास बनाए रखते हैं। हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विशेष दर्जे की बहाली की संभावना नहीं देखती यह जम्मू और कश्मीर को पूर्ण विकसित राज्य की स्थिति में वापस लाने पर विचार कर सकती है। यह सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक आसान निर्णय नहीं होगा।-विपिन पब्बी
    

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