मोटे पुलिस कर्मियों ने एक महीने में कम किया 3 से 9 किलो तक भार

Edited By ,Updated: 06 Mar, 2019 04:13 AM

fat policemen reduced the weight by 3 to 9 kg in a month

मुम्बई पुलिस द्वारा मोटे पुलिस कर्मियों का भार कम करने के लिए शुरू किए गए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ने एक महीने में ही परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। एक फरवरी को शुरू किए गए बूट कैम्प में भाग लेने वाले 150 पुलिस कर्मियों ने औसत रूप से अब तक 3 किलो भार...

मुम्बई पुलिस द्वारा मोटे पुलिस कर्मियों का भार कम करने के लिए शुरू किए गए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ने एक महीने में ही परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। एक फरवरी को शुरू किए गए बूट कैम्प में भाग लेने वाले 150 पुलिस कर्मियों ने औसत रूप से अब तक 3 किलो भार कम किया है। कुछ ने तो 9 किलो तक भार गंवाया है। जब से बूट कैम्प शुरू हुआ है पुलिस कर्मियों ने शराब तथा तंबाकू का सेवन भी छोड़ दिया है। 

दूसरा बूट कैंप भी शुुरू
पहले बैच की सफलता से उत्साहित पुलिस अब 4 मार्च से 150 पुलिस कर्मियों के दूसरे बैच के लिए एक अन्य बूट कैम्प शुरू कर दिया गया है। इस कार्यक्रम के जनक मुम्बई पुलिस कमिश्रर सुबोध कुमार जायसवाल थे। पुलिस उपायुक्त नियति ठाकर, जो प्रतिदिन कार्यक्रम पर नजर रखती हैं, ने बताया कि औसत रूप से पुलिस कर्मियों ने 3-4 किलो तक भार कम किया है और कुछ मामलों में तो लोगों ने 9 किलो तक भी अपना भार कम करने में सफलता पाई है। कार्यक्रम का निरीक्षण न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने किया तथा पुलिस कर्मियों को कैम्प में शामिल होने के लिए काम से एक महीने की छुट्टी दी गई थी। रुजुता ने बताया कि  एक  महीने के लिए पुलिस कर्मी प्रात:काल कैम्प में आते थे तथा रात्रि भोजन के बाद घर जाकर जल्दी सोते थे। 

योग व फिटनैस की ट्रेनिंग
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (स्थानीय शस्त्र ईकाई) ने जानकारी दी कि उनको योग तथा फिटनैस ट्रेनिंग दी जाती थी, उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती थी तथा सबसे महत्वपूर्ण सभी 150 पुलिस कर्मियों को उचित भोजन उपलब्ध करवाया जाता था। जिन पुलिस कर्मियों को कड़ी दिनचर्या से गुजरना पड़ा, वे परिणामों से खुश हैं। बम खोजी दस्ते के सम्भाजी माने, जिन्होंने अभी तक 5 किलो भार कम किया है, ने बताया कि उनका वजन 102 किलो था, जो आज 97 किलो रह गया है। पहले उन्हें चलने में परेशानी होती थी और चलने के दौरान उनकी कमर में लगातार दर्द होता था। स्ट्रैचेस तथा प्रोत्साहित करने वाले व्याख्यानों के कारण आज उन्होंने दौडऩा शुरू कर दिया है और अधिक विश्वासपूर्ण महसूस करते हैं। 

चलना मुश्किल था, अब दौड़ते हैं
मुम्बई पुलिस की स्पैशल ब्रांच के संतोष भ्यूंगुडे, जिनका वजन कैम्प शुरू होने के समय 125 किलो था, ने 4 किलो भार कम किया है। उन्हें विश्वास है कि अगले कुछ महीनों में वह अपना भार 100 किलो तक ले आएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी टांगों में हमेशा सूजन रहती थी। कुर्सी से उठना या बंदोबस्त ड्यूटियों के लिए खड़े होना उनके लिए कठिन कार्य थे। संतोष ने बताया कि चूंकि उनका वजन काफी अधिक था इसलिए उन्हें साइड ब्रांच से जोड़ दिया गया। अब उन्हें विश्वास है कि वह फिर से पुलिस स्टेशन पर पोस्टिंग के लिए कह सकेंगे। 

बम स्क्वायड से संबंधित एक अन्य कांस्टेबल किशोर तावड़े ने बताया कि जब से यह कार्यक्रम शुरू हुआ है  उन्होंने  चाय, अल्कोहल, तम्बाकू तथा मांसाहारी भोजन छोड़ दिया है। उन्हें विश्वास है कि वह 95 किलो के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। नागपाड़ा पुलिस स्टेशन से जुड़े कांस्टेबल असलम एम. कलाल, जिन्होंने गत एक महीने में 3 किलो भार कम किया है, ने बताया कि उनकी सेवानिवृत्ति में केवल 15 महीने बाकी हैं लेकिन उन्हें खुशी है कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए चुना गया क्योंकि इसने उनमें एक नया जीवन भर दिया है। यह कार्यक्रम मुम्बई पुलिस के ‘स्वस्थ पुलिस, सशक्त पुलिस’ अभियान का एक हिस्सा था।-वी. दलवी    

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