Edited By Pardeep,Updated: 21 Apr, 2018 04:26 AM
कई तरह के कामों पर भेदभाव तथा तिरस्कार का सामना करने के बाद आखिर मेघना साहू ड्राइवर की सीट पर सुशोभित हो गई है और प्रोफैशनल की दिशा में अपनी गाड़ी भगाए जा रही है। 28 वर्षीय मेघना हाल ही में टैक्सी सेवा प्रदाता ‘ओला’ में भागीदार के रूप में शामिल होने...
कई तरह के कामों पर भेदभाव तथा तिरस्कार का सामना करने के बाद आखिर मेघना साहू ड्राइवर की सीट पर सुशोभित हो गई है और प्रोफैशनल की दिशा में अपनी गाड़ी भगाए जा रही है। 28 वर्षीय मेघना हाल ही में टैक्सी सेवा प्रदाता ‘ओला’ में भागीदार के रूप में शामिल होने वाली प्रथम ट्रांसजैंडर महिला ड्राइवर बनी।
सुश्री साहू एच.आर. (ह्मूमन रिलेशंस)तथा मार्कीटिंग में एम.बी.ए. है और ऐसा रोजगार ढूंढते उसने कई नौकरियां बदलीं जहां उसके साथ बराबर का व्यवहार हो सके। उसका कहना है: ‘‘मैंने अपने पुरुष समकक्षों के बराबर मौके पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है और अब मैं सम्मानजनक आजीविका कमाने के योग्य हो गई हूं।’’ उल्लेखनीय है कि साहू को एक बड़ी दवा कम्पनी में अच्छी वेतन वाली नौकरी केवल इसलिए छोडऩी पड़ी थी क्योंकि एक क्वालीफाइड प्रोफैशनल होने के बावजूद उसे अपने सहकर्मियों के हाथों भेदभाव का सामना करना पड़ता था।
मेघना साहू का कहना है : ‘‘ओला’’ के साथ ड्राइवरी करते हुए मुझे स्वतंत्रता तो अनुभव होती है और साथ ही काम की पाबंदी के मामले में यहां काफी सुविधा मौजूद है। मैं जब चाहूं काम पर जा सकती हूं और जब चाहूं आराम कर सकती हूं। अब मैं दूसरों की नजरों में काफी स्वीकार्य हो गई हूं और 8 घंटे टैक्सी चलाकर 30 हजार रुपए महीना आसानी से कमा लेती हूं। मेघना का कहना है : ‘‘ट्रांसजैंडर के लिए कमर्शियल ड्राइविंग लाइसैंस हासिल करना काफी मुश्किल है लेकिन मेरे मामले में स्थानीय आर.टी.ओ. ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।’’ उसका कहना है : ‘‘यात्रियों का व्यवहार काफी अच्छा होता है। महिला यात्री तो खास तौर पर मेरे साथ अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। वैसे पुरुष यात्रियों के मामले में भी मुझे किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता।’’
भारत में वैसे भी महिला ड्राइवरों की संख्या बहुत कम है लेकिन मेघना साहू के उदाहरण से ट्रांसजैंडर समुदाय के सदस्यों को ड्राइवरी को प्रभावी करियर के रूप में अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। अब 38 वर्षीय रानी किन्नर नामक एक अन्य ट्रांसजैंडर ने भी पार्टनर ड्राइवर के रूप में एक अन्य टैक्सी सेवा प्रदाता कम्पनी उबेर का दामन थामा है। ओला कम्पनी के प्रवक्ता ने बताया कि मेघना के बाद उनकी कम्पनी से सम्पर्क करने वाले ट्रांसजैंडरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि मेघना साहू ट्रांसजैंडरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक्टिविस्ट हैं और शादीशुदा हैं। उनका 6 वर्ष का एक बेटा भी है। खाली समय में वह एक साप्ताहिक पत्र ‘ओडिया’ के लिए रिपोॄटग भी करती हैं।-यूथिका भार्गव/पी. दास