सरकार 5 ट्रिलियन ‘अर्थव्यवस्था’ की ओर अग्रसर

Edited By ,Updated: 03 Dec, 2019 01:25 AM

government moving towards 5 trillion economy

2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभिजीत बनर्जी जैसे विकासवादी अर्थशास्त्रियों और समाष्टि (मैक्रो) अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता रॉबर्ट लुकास जैसे पारम्परिक (क्लासिकल) अर्थशास्त्रियों के बीच लम्बे समय से इस विषय पर बहस जारी है कि राष्ट्र...

2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभिजीत बनर्जी जैसे विकासवादी अर्थशास्त्रियों और समाष्टि (मैक्रो) अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता रॉबर्ट लुकास जैसे पारम्परिक (क्लासिकल) अर्थशास्त्रियों के बीच लम्बे समय से इस विषय पर बहस जारी है कि राष्ट्र गरीबी से कैसे मुक्त हो सकते हैं? पारम्परिक अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि यदि कोई राष्ट्र तेजी से विकास करता है तो उसके गरीबी स्तर में भी तेजी से गिरावट देखी गई है। इस प्रकार वे तर्क देते हैं कि बड़े पैमाने पर विकास राष्ट्रों को गरीबी से बाहर निकालने में उत्प्रेरक का काम करता है। दूसरी तरफ विकासवादी अर्थशास्त्री कहते हैं कि छोटे नमूनों में बदलाव और अनुप्रयोग से हमें लोगों के आर्थिक इरादों का पता लगाने में मदद मिलेगी और इस प्रकार सरकार को बेहतर आॢथक विकल्प बनाने में सहायता प्राप्त होगी। 

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद सरकार ने दोनों ही प्रकार के कार्य किए। सरकार ने 2024-25 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया। इससे पारम्परिक (क्लासिकल) अर्थशास्त्री खुश हुए। दूसरी तरफ सरकार ने सामाजिक योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के आर्थिक इरादों को आकार देने का निर्णय लिया। इससे विकासवादी अर्थशास्त्री प्रसन्न हुए। पहले कार्यकाल के दौरान किए गए शानदार कार्यों के कारण लोगों ने सरकार में भरोसा और विश्वास जताया है। सरकार पूरी ताकत से प्रयास कर रही है और बड़े आर्थिक निर्णय लेने से पीछे नहीं हट रही है। 

सरकार इस तथ्य से अवगत है कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों का त्वरित समाधान आवश्यक है। 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक की अवसंरचना परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए हम लोगों ने एक अंतर-मंत्रालय कार्यबल के साथ शुरूआत की। सरकार की उपलब्धियों की सूची बहुत लंबी है और प्रत्येक उपलब्धि के बारे में जानने के लिए पाठकों को बहुत समय देना होगा। विभिन्न बिन्दुओं के बारे में जानकारी देने से पहले मैं आजादी के बाद किसी भी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के बारे में बताना चाहूंगा। यह उपलब्धि है-अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के विशेष प्रावधानों को हटाना और संविधान के अनुच्छेद 35-ए को निरस्त करना। 

देश में कोई भी मुद्दा इतना भावुक नहीं है जितना जम्मू-कश्मीर का विशेष प्रावधान। इन प्रावधानों के हटने से भारत के लोगों की कई पीढिय़ां आने वाले कई वर्षों तक सरकार की आभारी बनी रहेंगी। अब हमें सरकार की अवसंरचना विकास संबंधी योजनाओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। अवसंरचना के महत्वपूर्ण घटक-रीयल एस्टेट का काम सरकार ने अपने हाथों में लिया। आवासों की कुल मांग 1.12 करोड़ थी। 93 लाख आवासों की मंजूरी दी गई। इनमें से 28 लाख आवास सौंप दिए गए हैं जबकि 56 लाख आवास निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। भारत में रेल यातायात का सबसे प्रमुख साधन है। रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देता है। सरकार ने भारतीय रेल में 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश का फैसला लिया है। 

स्वास्थ्य सरकार के प्रमुख एजैंडे में शामिल है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 64,26,238 लाभार्थियों को पैनल के 20,757 अस्पतालों में इलाज के लिए दाखिल कराया गया। स्वास्थ्य के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर भी सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। कमजोर विवाहित मुस्लिम महिलाओं की रक्षा के लिए 3 तलाक की कुप्रथा को समाप्त कर दिया गया और इस प्रथा को अपराध घोषित किया गया, जिसमें 3 साल तक कारावास की सजा हो सकती है। पारिश्रमिक संहिता-2019 के जरिए सरकार ने महिलाओं के लिए मजदूरी असमानता को समाप्त किया। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि ऊर्जा कुशल और गैर-प्रदूषणकारी अभ्यासों को सक्रियता के साथ अपनाने से ही भविष्य सुरक्षित हो सकता है। भारत की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 30 जून, 2019 को 80,000 मैगावॉट के मील के पत्थर को पार कर गई। आज भारत बाघों के लिए सबसे सुरक्षित निवास स्थान बन गया है। यह सरकार के प्रयासों और दूरदर्शिता का प्रमाण है। 

एम.एस.एम.ई. और स्टार्ट अप्स को देश के भविष्य के विकास का वाहन माना जा सकता है। 25 करोड़ रुपए से अधिक के सालाना  कारोबार वाले स्टार्ट अप्स 3 वर्षों के टैक्स छूट का लाभ उठा रहे हैं। एंजेल टैक्स को वापस लेने से स्टार्ट अप्स में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। स्टार्ट अप्स के दायरे को विस्तार देते हुए सरकार ने वन-धन योजना को लांच किया है। इस योजना के अंतर्गत 1.92 लाख जनजातीय उद्यमियों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाएगा। इस दौरान 28,211 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना हुई और इनमें 2,25,288 लोगों को रोजगार मिला। सरकार ने सी.पी.एस.यू. के लिए सूक्ष्म व लघु उद्यमों से 25 प्रतिशत आपूर्ति को अनिवार्य बना दिया है। परिणामस्वरूप 61,641 सूक्ष्म व लघु उद्यमों से 16,746 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद हुई। 

किसान सरकार के एजैंडे के केन्द्र में हैं। पी.एम.-किसान योजना के तहत अब तक लगभग 34,873 करोड़ रुपए 7.33 करोड़ किसानों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। 60 वर्ष की उम्र तक पहुंचने पर किसानों और व्यापारियों को 3000 रुपए प्रतिमाह की न्यूनतम पैंशन प्रदान की जा रही है। कल्याण के उपायों और रबी व खरीफ के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कृषि लागत का 1.5 गुना होने से हमारे किसानों का जीवन बेहतर हुआ है तथा इससे देश की कृषि-अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। सत्ता में आने के पहले दिन से ही सशक्तिकरण के साथ विकास इस सरकार का मूलमंत्र है। आजादी के 75वें वर्ष में कोई भी ग्रामीण परिवार बिजली और रसोई गैस की सुविधा से वंचित नहीं रहेगा। उज्ज्वला योजना ने लक्ष्य से 7 महीने पहले ही 8 करोड़ एल.पी.जी. कनैक्शन की उपलब्धि हासिल की।

जल-सुरक्षा हासिल करने के लिए जल आपूर्ति, संरक्षण और ग्रे-वाटर पुन: उपयोग के समेकित प्रबंधन के जरिए 2024 तक सभी घरों में पेयजल आपूॢत की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा जल जीवन मिशन के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। जल शक्ति अभियान के तहत 3.56 लाख जल संरक्षण उपाय, 1.23  लाख वाटर शैड विकास परियोजनाएं और 1.5 लाख एकड़ में वर्षा जल संचयन के उपायों ने सरकार के इरादों को स्पष्ट कर दिया है। स्वच्छ भारत अभियान की शानदार सफलता के बाद जल जीवन मिशन इस सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। 17 राफेल, 8 अपाचे, आई.एन.एस. खंडेरी पनडुब्बी और नीलगिरि फ्रिगेट के शामिल होने से हमारे रक्षा शस्त्रागार और तैयारियों को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा। यू.ए.पी.ए. अधिनियम 2019, एन.आई.ए. अधिनियम 2019 आदि के माध्यम से भारत की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान की गई है। 

पिछले 6 महीनों में प्रधानमंत्री ने जो नेतृत्व प्रदान किया है वह अपने आप में उदाहरण है-मामल्लापुरम समुद्र तट पर कूड़ा चुनने के उनके वीडियो ने प्रत्येक भारतीय को अपने परिवेश के प्रति अधिक जागरूक बनाया। प्रधानमंत्री को ग्लोबल गोलकीपर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह एस.डी.जी. के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। ‘‘हाऊडी मोदी’’ कार्यक्रम में विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के राजनेताओं ने मित्रता और बंधुत्व की भावना का प्रदर्शन किया। मामल्लापुरम में दूसरी भारत-चीन अनौपचारिक बैठक से भारत-चीन संबंध में सहयोग की नई शुरूआत हुई। विदेश नीति के मामले में देश ने एक भी गलत कदम नहीं उठाया है। 

पिछले 6 महीनों के दौरान भारत ने कुछ बड़े कदम उठाए हैं। नए उत्साह और केन्द्रित प्रयास के साथ सरकार 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ रही है और यदि अगले साढ़े 4 वर्षों तक यह गति जारी रहती है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत लक्ष्य से पहले इस मील के पत्थर को हासिल कर लेगा।-गजेन्द्र सिंह शेखावत(केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री)

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