क्या ग्वालियर गोडसे समर्थक गतिविधियों का ‘गढ़’ बन चुका है

Edited By ,Updated: 05 Dec, 2019 04:09 AM

has gwalior become a  bastion  of godse supporting activities

पुलिस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक पम्फ्लेट बांटने के लिए हिन्दू महासभा के 4 लोगों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद पुलिस के असफल रहने पर उसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। लोगों का कहना था कि पुलिस ने हिन्दू महासभा के...

पुलिस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक पम्फ्लेट बांटने के लिए हिन्दू महासभा के 4 लोगों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद पुलिस के असफल रहने पर उसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। 

लोगों का कहना था कि पुलिस ने हिन्दू महासभा के सदस्यों को भड़काने वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की। उल्लेखनीय है कि हिन्दू महासभा के सदस्यों ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे तथा हत्या की योजना बनाने वाले नारायण आप्टे की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया था। महासभा ने पहले तो कुछ वर्ष पूर्व गोडसे की याद में मंदिर बनाने की कोशिश की थी। पुलिस ने उनके प्रयास को नाकामयाब कर दिया था। 15 नवम्बर 2017 को महासभा ने ग्वालियर में अपने कार्यालय में गोडसे का बुत स्थापित कर दिया। हालांकि अधिकारियों ने विरोध के बाद इस बुत को हटा दिया। 

इसी वर्ष उन्होंने 15 नवम्बर को गोडसे तथा आप्टे की पुण्यतिथियों पर उनकी पूजा तथा आरती करने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। दौलतगंज क्षेत्र में गोडसे के उस बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि कैसे गांधी को मारा गया पर आधारित एक अध्याय को स्कूलों के सिलेबस में शामिल करने के लिए महासभा ने कहा। हालांकि पुलिस उनको गिरफ्तार करने में नाकामयाब रही। इस बारे में पुलिस का कहना था कि लोगों की शिकायत के बाद राइट विंग के कार्यकत्र्ताओं को हिरासत में लिया गया। 

कोतवाली पुलिस स्टेशन में महासभा सदस्यों नरेश बाथम तथा अन्य के खिलाफ धारा 153-ए के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज की गई। जांच के बाद नरेन्द्र बाथम, पवन माहूर, किशोर तथा आनंद माहूर को गिरफ्तार किया गया। सरकार ने भी एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद इसका संज्ञान लिया। जैसे भाजपा की लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे की प्रशंसा की है उससे प्रश्र पैदा होता है कि वह उसे शह क्यों दे रही हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार की भी आलोचना हो रही है क्योंकि उसने ग्वालियर में गोडसे प्रशंसकों के प्रति नरम रवैया अपनाया है। इन बातों को देख कर लगता है कि ग्वालियर गोडसे समर्थक गतिविधियों का गढ़ बन चुका है। 

गांधी जी की हत्या का ग्वालियर से संबंध है। विवेकानंद कालोनी के डबल स्टोरी घर में दत्तात्रेय परचुरे के बेटे 82 वर्षीय उपेन्द्र परचुरे ने ही 9 एम.एम. ब्रेटा पिस्टल का प्रबंध किया था, जोकि 1934 में इटली में बनाई गई थी। इसी पिस्टल से गांधी जी की हत्या की गई थी। 1935 में दत्तात्रेय ने ग्वालियर में हिन्दू महासभा की एक शाखा की शुरूआत की थी। अपने इस आतंकी संगठन हिन्दू राष्ट्र दल के नेता भी थे। वह कांग्रेस के खिलाफ भी थे।         

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