Edited By ,Updated: 17 Jun, 2019 03:42 AM
लोकसभा चुनाव समाप्त हो गए हैं और लोकसभा का पहला सत्र 17 जून को शुरू होगा तथा नए सांसदों का शपथ ग्रहण 19 जून तक पूरा होगा। इस बीच पश्चिम बंगाल में सड़़कों पर टी.एम.सी. और भाजपा के बीच लड़ाई जारी है। अब भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय यह दावा कर रहे...
लोकसभा चुनाव समाप्त हो गए हैं और लोकसभा का पहला सत्र 17 जून को शुरू होगा तथा नए सांसदों का शपथ ग्रहण 19 जून तक पूरा होगा। इस बीच पश्चिम बंगाल में सड़़कों पर टी.एम.सी. और भाजपा के बीच लड़ाई जारी है। अब भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय यह दावा कर रहे हैं कि ममता बनर्जी सरकार शीघ्र ही गिर जाएगी अन्यथा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कुछ विधायकों और बहुत से कौंसलरों ने टी.एम.सी. छोड़ कर भाजपा ज्वाइन कर ली है। भाजपा ने इन चुनावों में 18 लोकसभा सीटें जीती हैं और उनका दावा है कि विधानसभा चुनावों में वे आधी सीटें जीत लेंगे। इस बीच केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करें। इस बीच भाजपा ने अपने पांच कार्यकत्र्ताओं की मौत के खिलाफ काले दिवस का आयोजन किया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात की है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह शिष्टाचार भेंट थी लेकिन राजनीतिक पंडितों का कहना है कि त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर 48 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। प्रदेश में वापस आकर केसरीनाथ त्रिपाठी ने गवर्नर हाऊस में सभी दलों की बैठक बुलाई है। इसके तुरन्त बाद ममता बनर्जी ने स्वीकार किया कि 10 लोग मारे गए हैं लेकिन साथ ही दावा किया कि इनमें से 8 टी.एम.सी. कार्यकत्र्ता थे और इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया।
ममता की समस्या अभी समाप्त नहीं हुई है और 10 जून को एन.आर. अस्पताल कोलकाता में 75 वर्षीय मोहम्मद सईद की मौत से अस्पताल में हिंसा भड़क उठी जिसमें दो डाक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए। उसके बाद डाक्टरों ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश भर में विशेषकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जिससे सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। घटना के छठे दिन रविवार तक यही स्थिति बनी हुई थी। अब डाक्टरों की हड़ताल ने भी केन्द्र सरकार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने का मौका दे दिया है। इस समय शक्ति का परीक्षण आगामी कोलकाता नगर निगम चुनाव को लेकर हो रहा है जोकि विधानसभा चुनाव से पहले होना है और जिसे विधानसभा चुनावों का सैमीफाइनल माना जा रहा है, इसलिए दोनों पाॢटयां निगम चुनाव तक आक्रामक रहना चाहती हैं।
योगी और शिवपाल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह यादव का हाल पूछने उनके आवास पर पहुंचे जो पिछले कुछ हफ्तों से बीमार चल रहे हैं। उसी समय अचानक मुलायम के भाई शिवपाल यादव वहां उपस्थित हो गए और फोटोग्राफर ने उसी समय उनका फोटो खींच लिया जिसमें मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश तथा शिवपाल के साथ नजर आ रहे हैं। इन सब की यह फोटो मीडिया में प्रकाशित हुई जिससे अखिलेश काफी नाखुश हुए और उन्होंने फोटो में से शिवपाल को हटा कर एक ट्वीट किया। लखनऊ के कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवपाल यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच गुप्त सहमति है लेकिन मुलायम सिंह यादव अब भी आशा करते हैं कि परिवार के लोग एकजुट हो जाएं हालांकि चुनाव में शिवपाल की पार्टी ने सपा के काफी वोट तोड़े थे। अपने इस प्रयास के तहत मुलायम सिंह ने सफाई में शिवपाल और रामगोपाल सहित सभी लोगों को बुलाया था लेकिन कोई बात नहीं बनी।
कार्यकत्र्ताओं से नाराज हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का दौरा किया है जहां से सोनिया गांधी ने चुनाव जीता है। इस दौरान रायबरेली में पार्टी कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने काफी नाराजगी व्यक्त की और उन्होंने रायबरेली और अमेठी के कार्यकत्र्ताओं को खराब प्रदर्शन के लिए दोषी ठहराया। प्रियंका गांधी का कहना है कि सोनिया गांधी रायबरेली के लोगों के उनके प्रति प्यार के कारण जीती हैं। पार्टी कार्यकत्र्ताओं का मानना है कि ऐसी स्थितियां इसलिए बनीं क्योंकि दिल्ली से पहले जैसा समर्थन और सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा रायबरेली और अमेठी के लिए तैनात किए गए नेता भी बदलते रहे हैं।
उदाहरण के लिए धीरज श्रीवास्तव जो पहले राजस्थान सरकार में कार्यरत थे, उन्हें केवल चार महीने पहले अमेठी लोकसभा क्षेत्र देखने को कहा गया। पुराने कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इंदिरा और राजीव गांधी के समय में अमेठी में समॢपत कांग्रेस नेताओं की एक टीम तैनात रहती थी जो व्यक्तिगत तौर पर इस बात को सुनिश्चित करती थी कि वहां पर लोगों को सरकारी नौकरी सहित अन्य सभी लाभ मिलते रहें। इस प्रकार गांधी परिवार इस समॢपत टीम के माध्यम से लगातार लोगों के सम्पर्क में रहता था।
कांग्रेस में असमंजस
कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कौन कर रहा है? कोई नहीं जानता। राहुल गांधी अभी तक पद छोडऩे की अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं लेकिन पार्टी अभी तक उनका कोई विकल्प नहीं तलाश पाई है। यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी दिशाविहीन नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि महाराष्ट्र के बारे में पिछली आई.एन.सी. प्रैस रिलीज भी कांग्रेस अध्यक्ष की बजाय ए.आई.सी.सी. के नाम से जारी की गई। पार्टी हाईकमान में जारी असमंजस की स्थिति के कारण पार्टी अभी तक अपने संसदीय नेता का भी फैसला नहीं कर पाई।
उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार
उत्तराखंड में प्रकाश पंथ की मृत्यु तथा पहले से खाली चल रहे दो मंत्री पदों के बाद शीघ्र ही मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है। इन तीन खाली पदों को भरने के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कुछ ऐसे मंत्रियों को भी बदलना चाहते हैं जो गुटबाजी में लगे हुए हैं और अपने काम के प्रति गंभीर नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री हरक सिंह रावत अरविंद पांडे, रेखा आर्य तथा मदन कौशिक से नाराज हैं। हरिद्वार से दूसरी बार रमेश पोखरियाल निशंक की जीत तथा उनको केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद भाजपा हाईकमान की ओर से स्पष्ट संकेत है कि मदन कौशिक की गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उनका मंत्रिमंडल संतुलित हो जिसमें क्षेत्रीय और जातीय प्रतिनिधित्व ठीक से हो क्योंकि प्रदेश में मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव में भी मतभेद हैं इसलिए मुख्यमंत्री प्रशासन में भी फेरबदल करना चाहते हैं। ऐसी चर्चा है कि मुन्ना सिंह चौहान, बिशन सिंह तथा वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं और मुख्य सचिव को भी बदला जा सकता है।-राहिल नोरा चोपड़ा